फरीदाबाद: दिल्ली में लाल किले के पास गुरुग्राम नंबर की i20 कार (HR26-CE-7674) में ब्लास्ट हुआ, उसे फरीदाबाद से खरीदा गया था। आतंकियों ने OLX के जरिए इसका सौदा किया था। जिसके बाद फरीदाबाद पहुंचकर वह कार ले गए।
इसकी पुष्टि फरीदाबाद के रॉयल कार जोन के मालिक अमित पटेल ने की। उन्होंने कार बेचने से लेकर पुलिस जांच तक की पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि कार खरीदने के लिए जो ID दी गई, उनमें पता पुलवामा का था।
कार खरीदार आमिर रशीद के साथ एक और व्यक्ति था, उसका नाम उन्हें पता नहीं था। उन्होंने ये भी कहा कि कार नाम कराने के लिए दिए समय से पहले ही उसमें ब्लास्ट कर दिया गया।
इस दावे से अब कार का मालिक सलमान के दावे पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जिसने यह कार स्पीनी को बेचने की बात कही थी लेकिन यह OLX के जरिए डीलर ने बेची।

फरीदाबाद में कार का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाया गया, इस दौरान ये चेहरे नजर आए।
आतंकियों की कार खरीद को लेकर कार डीलर ने क्या बताया
- i20 कार की डिमांड की, आधार-पैन कार्ड पुलवामा के: फरीदाबाद के सेक्टर-37 स्थित रॉयल कार जोन के मालिक अमित पटेल ने बताया कि 29 अक्टूबर को OLX के माध्यम से एक ग्राहक उनके पास आया था, जिसे उनके ऑफिस स्टाफ सोनू ने हैंडल किया। ग्राहक ने हुंडई i20 कार (मॉडल 2013 या 2014) खरीदी थी। उन्होंने बताया कि उस ग्राहक ने गाड़ी देखने के बाद तुरंत खरीदने का निर्णय लिया। दस्तावेजों की जांच के दौरान उसके आधार कार्ड और पैन कार्ड पर पता जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का दर्ज था।
- डॉक्यूमेंटेशन पूरा कर आमिर को सौंपी कार: अमित पटेल ने बताया, “हमारे स्टाफ ने डॉक्यूमेंटेशन पूरा किया और 29 अक्टूबर की शाम करीब 4 बजे गाड़ी आमिर रशीद नाम के व्यक्ति को सौंप दी। उस समय मैं ऑफिस में था लेकिन दूसरे काम में व्यस्त था। अगर मुझे थोड़ा भी शक होता कि आईडी संदिग्ध है, तो मैं गाड़ी कभी नहीं बेचता।”
- RC ट्रांसफर के लिए 25 दिन का टाइम दिया था: उन्होंने आगे बताया कि जिस कार को बेचा गया वह पहले से सेकेंड ओनर के नाम पर थी और आरसी (RC) में भी उसी का नाम दर्ज था। इसलिए आमिर रशीद को कहा गया कि 20-25 दिन बाद आरसी अपने नाम ट्रांसफर कराने के लिए आ जाएं। लेकिन इससे पहले ही 10-12 दिन बाद दिल्ली में ब्लास्ट की घटना हो गई। अमित पटेल ने कहा कि आमिर रशीद के साथ एक और व्यक्ति भी था, जिसकी पहचान फिलहाल जांच एजेंसी कर रही है।
- इंश्योरेंस पड़ा था, PUC कराई: अमित पटेल ने बताया कि कार का इंश्योरेंस की डेट अभी बची हुई थी। हालांकि उसका PUC यानी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गया था। इस वजह से उन्होंने नजदीक के ही पेट्रोल पंप में उसका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी बनवाया। इसके बाद वह कार लेकर चले गए।

दिल्ली में मेट्रो स्टेशन की पार्किंग से निकल रही i20 कार में काला मास्क पहने एक शख्स बैठा दिखाई दिया। इसे मोहम्मद उमर बताया जा रहा है।
ब्लास्ट के बाद कार की जांच में क्या-क्या हुआ…
- स्टाफ को पूछताछ के लिए ले गई दिल्ली पुलिस: अमित पटेल ने आगे बताया- 10 नवंबर की रात करीब 9:30 बजे दिल्ली स्पेशल सेल की टीम हमारे शोरूम पर पहुंची और हमारे 6-7 स्टाफ को पूछताछ के लिए ले गई। जैसे ही मुझे जानकारी मिली, मैं खुद दिल्ली पहुंचा और जांच एजेंसी के सामने पेश हुआ।
- पुलिस को CCTV, ID सौंपी: हमने जो भी दस्तावेज, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग और डिलीवरी से जुड़ी जानकारियां थीं, वो सभी पुलिस को सौंप दीं। पूछताछ के बाद हमें छोड़ दिया गया, लेकिन जांच अभी भी जारी है। हम जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रहे हैं और जब भी हमें बुलाया जाएगा, हम उपस्थित होंगे।
- डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करके ही कार बेची: अमित पटेल ने कहा कि हम हमेशा उन्हीं ग्राहकों को गाड़ी देते हैं जिनके दस्तावेज पूरी तरह सही होते हैं। इस केस में भी डॉक्यूमेंट वेरिफाई किए गए थे। हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि खरीदार का संबंध किसी आपराधिक गतिविधि से हो सकता है।

(Bureau Chief, Korba)




