Thursday, November 13, 2025

              कोरबा: उपभोक्ता आयोग से यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को बड़ा झटका, बीमा दावा खारिज पर परिवादी को 16.50 लाख के भुगतान का आदेश, पिता ने बेटे की हादसे में मौत के 2 साल बाद दिया था आवेदन

              कोरबा: उपभोक्ता आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बीमा दावा खारिज करने के मामले में 16.50 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। आयोग ने कंपनी को यह राशि परिवादी को अदा करने का निर्देश दिए हैं।

              जानकारी के मुताबिक, कोरबा के रहने वाले युवक का 45 महीने पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पत्नी और बेटे की मौत से पिता सदमे में था। हादसे के दो साल बाद पिता ने बीमा दावा आवेदन किया। लेकिन कंपनी ने देरी का हवाला देकर खारिज कर दिया था।

              जानिए क्या है पूरा मामला ?

              यह मामला 3 फरवरी 2022 का है। कोरबा के एनटीपीसी साडा कॉलोनी, जमनीपाली निवासी जयेश रोहन बेन अपने साथी के साथ बुलेट (CG-12-AP-8777) से महाराजा चौक, दुर्ग से बोरसी रोड की ओर जा रहे थे। तभी सामने से आ रही एक अन्य बाइक (CG-24-J-4140) ने तेज और लापरवाही से टक्कर मार दी।

              इस हादसे में जयेश गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। मृतक की बाइक यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से Compulsory Personal Accident (Owner-Driver) बीमा पॉलिसी के तहत बीमित थी। यह पॉलिसी 7 अक्टूबर 2021 से 6 सितंबर 2022 तक वैध थी।

              पिता ने दो साल बाद किया बीमा दावा आवेदन

              मृतक के पिता को इस पॉलिसी में नॉमिनी के रूप में दर्ज किया गया था। पिता ने हादसे के करीब दो साल बाद यानी 6 फरवरी 2024 को 15 लाख के CPA क्लेम के लिए बीमा कंपनी में आवेदन किया। कंपनी ने एक जांच अधिकारी नियुक्त कर पूरे मामले की जांच कराई।

              जांच में हादसा और बीमा शर्तें पाई गईं सही

              जांच में पुष्टि हुई कि हादसा वास्तविक था, बीमा पॉलिसी हादसे के समय वैध थी और मृतक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस था। बीमा की सभी शर्तों का पालन भी हुआ था। इन सभी तथ्यों के बावजूद कंपनी ने 18 मार्च 2025 को दावा खारिज कर दिया।

              कंपनी ने देरी का हवाला देकर किया दावा खारिज

              कंपनी ने दावा खारिज करने का कारण सूचना देने में 2 साल की देरी को बताया। उपभोक्ता आयोग ने इस मामले पर विचार करते हुए माना कि परिवादी ने बीमा कंपनी को देर से सूचना दी थी, लेकिन यह देरी उचित कारणों से हुई थी।

              दोहरे सदमे से टूटे पिता, देर से कर पाए दावा

              मृतक के पिता ने आयोग को बताया कि बेटे की मौत से छह माह पहले पत्नी का भी मौत हो गई थी। इस दोहरे सदमे के कारण वे मानसिक रूप से टूट गए थे और लंबे समय तक अवसादग्रस्त रहे। ऐसे मे अब आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को कुल 16.50 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।

              बीमा कंपनी को 16.50 लाख भुगतान का आदेश

              इसमें 15 लाख रुपए बीमा दावा राशि के लिए, 50 हजार आर्थिक क्षति के लिए, 50 हजार मानसिक क्षति के लिए और 50 हजार वाद व्यय व अन्य खर्चों के लिए शामिल हैं।


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