Thursday, April 25, 2024
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सिद्धू को मनाने की कोशिशें तेज: आज हरीश रावत आएंगे पंजाब; CM चन्नी की कैबिनेट बैठक 10.30 बजे; परगट और वड़िंग सुबह फिर सिद्धू के घर पहुंचे

सिद्धू से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते कैबिनेट मंत्री परगट सिंह व राजा वड़िंग।

कांग्रेस हाईकमान ने नवजोत सिद्धू का इस्तीफा फिलहाल नामंजूर कर दिया है। उन्हें मनाने के लिए पहले पंजाब के नेताओं की ड्यूटी लगाई गई थी। उनसे बात न बनी तो अब पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत पंजाब पहुंच रहे हैं। वो सिद्धू को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाएंगे। इससे पहले मंगलवार रात को सिद्धू के करीबी मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग पटियाला पहुंचे। बाहर आकर दोनों ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें आज यानी बुधवार को हल कर लिया जाएगा। इसके बाद बुधवार सुबह वो फिर पटियाला सिद्धू के घर पहुंच गए हैं।

इसी बीच मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने आज ही सुबह 10.30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें सिद्धू को मनाने पर भी फैसला लिया जाएगा।

वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने पहली बार सिद्धू के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। सब कुछ जल्दी ही ठीक हो जाएगा।

कैबिनेट बैठक ऐसे वक्त पर हो रही है, जब सिद्धू के इस्तीफे की टाइमिंग से ज्यादातर मंत्री नाखुश हैं। जिस वक्त मंत्री कुर्सी संभाल रहे थे, उसी वक्त सिद्धू ने इस्तीफा ट्वीट करके सबको चौंका दिया। जिसके बाद देर रात तक CM चन्नी पंजाब सचिवालय में बैठे रहे। उन्होंने मंत्रियों के साथ बैठक भी की। हालांकि उन्होंने कहा था कि सिद्धू से बात कर वह नाराजगी के बारे में जानेंगे।

सिद्धू के समर्थन में 3 इस्तीफे

सिद्धू ने मंगलवार दोपहर पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया। कुछ देर बाद कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मुहम्मद मुस्तफा अपनी कैबिनेट मंत्री पत्नी रजिया सुल्ताना के साथ पटियाला पहुंचे। बाहर आकर रजिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। थोड़ी देर में महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद परगट सिंह के इस्तीफे की अफवाह उड़ी, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया।

सिद्धू के घर पहुंचे विधायक और सांसद

सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद पहले वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा और विधायक इंदरबीर बुलारिया पटियाला पहुंचे। इसके बाद कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के अलावा परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, निर्मल सिंह शुतराणा, वर्किंग प्रधान सुखविंदर डैनी, सुखपाल खैहरा, कुलबीर जीरा और सांसद अमर सिंह ने सिद्धू से मुलाकात की।

कैप्टन समेत सांसदों ने साधे निशाने

सिद्धू के इस्तीफा देते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू अस्थिर आदमी है। सांसद रवनीत बिट्‌टू ने तो यहां तक कहा कि कुछ लोगों की सिर पर खाक डालने की आदत होती है। यह समय किसी रूठे को मनाने का नहीं है। सांसद मनीष तिवारी ने मशहूर पंजाबी लोकगायक कुलदीप माणक की कुछ पंक्तियां ट्वीट कर कहा कि कुछ लोग हंसते हुए दोस्ती करते हैं और रोते हुए छोड़ देते हैं। पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने सिद्धू को कहा कि यह क्रिकेट नहीं है।

सिद्धू की नाराजगी की कुछ बड़ी वजहें

कैप्टन के बाद सिद्धू को CM नहीं बनाया गया। उनकी सिफारिश पर एडवोकेट डीएस पटवालिया को एडवोकेट जनरल नहीं बनाया। सिद्धू कैप्टन के कुछ करीबियों के अलावा राणा गुरजीत को कैबिनेट में लाने के विरोधी थे लेकिन उनकी नहीं चली। सिद्धू सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को डीजीपी चाहते थे लेकिन इकबालप्रीत सहोता को बनाया गया। सिद्धू गृह विभाग सीएम के पास चाहते थे, लेकिन हाईकमान ने वह रंधावा को दे दिया। सिद्धू की न मंत्री पद बांटने में चली और न मंत्रालय आवंटन में। सिद्धू अगले चुनाव में जीत के बाद उनकी CM कुर्सी पक्की चाहते थे, लेकिन हाईकमान ने झटका दे दिया। कांग्रेस से संदेश आया कि अगले सीएम चेहरे सिद्धू के साथ चन्नी भी होंगे।

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