Friday, November 14, 2025

              पाकिस्तान: आर्मी चीफ मुनीर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बागी तेवर, दो सीनियर जजों ने दिया इस्तीफा, संविधान में बदलाव का विरोध किया; देशभर में प्रदर्शन की तैयारी में इमरान की पार्टी

              इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बागी तेवर सामने आए हैं। पाक सुप्रीम कोर्ट के दो सीनियर जज मंसूर अली शाह व अतहर मिनल्लाह ने इस्तीफा दे दिया है।

              जजों ने इस्तीफे में कहा, मुनीर को कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा देने और डिफेंस चीफ बनाना संविधान से खिलवाड़ है। जजों ने 27वें संविधान संशोधन का विरोध किया है।

              27वें संविधान संशोधन के विरुद्ध पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में तेवर कड़े हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जल्द ही दो-तीन जज भी अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि संविधान संशोधन कर आर्मी चीफ को असीमित शक्तियां प्रदान कर लोकतंत्र के अन्य स्तंभों को बौना कर दिया गया है।

              पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस समेत 16 जज हैं। जबकि 9 पद अभी खाली चल रहे हैं। दो जजों के इस्तीफे के बाद सुप्रीम कोर्ट में 14 सिटिंग जज ही रह गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की कई शक्तियों को राष्ट्रपति के अधीन किया है।

              27वे संशोधन के बाद आर्मी चीफ मुनीर अब तीनों सेनाओं के डिफेंस चीफ बन गए हैं। मुनीर के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हाे सकता।

              27वे संशोधन के बाद आर्मी चीफ मुनीर अब तीनों सेनाओं के डिफेंस चीफ बन गए हैं। मुनीर के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हाे सकता।

              इमरान की पार्टी देशभर में प्रदर्शन की तैयारी में

              पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की संसदीय समिति ने 27वें संवैधानिक संशोधन के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का सुझाव दिया है।

              समिति ने सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों के इस्तीफे की तारीफ की है। साथ ही न्यायपालिका से खुद ही संवैधानिक संशोधन के खिलाफ खड़े होने की अपील की है।

              विपक्षी गठबंधन ’तहरीक तहफ्फुज-आइनी-ए-पाकिस्तान’ (TTAP) ने गुरुवार को बैठक की। बैठक की अध्यक्षता TTAP चेयरमैन और PkMAP प्रमुख महमूद खान अचकजई ने की। इसमें PTI चेयरमैन बैरिस्टर गोहर अली खान, पूर्व स्पीकर असद कैसर और नेशनल असेंबली के अन्य सदस्य मौजूद थे।

              पूर्व स्पीकर असद कैसर ने बताया कि बैठक में 27वें संशोधन के पारित होने के बाद आगे की रणनीति पर सुझाव मांगे गए है। उन्होंने कहा,

              सभी सदस्यों का मानना था कि मौजूदा सरकार देश चलाने में सक्षम नहीं है। देश आर्थिक संकट और दयनीय कानून-व्यवस्था का सामना कर रहा है और हालात गृहयुद्ध जैसी स्थिति पर पहुंच रहे हैं।

              कैसर ने कहा कि दो जजों का इस्तीफा सरकार के खिलाफ पहली बारिश की बूंद जैसा है। आज होने वाली TTAP की बैठक में संयुक्त विपक्ष की सामूहिक रणनीति का ऐलान किया जाएगा।

              कैसर ने कहा कि दो जजों का इस्तीफा सरकार के खिलाफ पहली बारिश की बूंद जैसा है। आज होने वाली TTAP की बैठक में संयुक्त विपक्ष की सामूहिक रणनीति का ऐलान किया जाएगा।

              पाकिस्तान के संविधान में एकसाथ 48 अनुच्छेदों में बदलाव

              पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को आर्मी चीफ आसिम मुनीर की शक्तियों को बढ़ाने और सुप्रीम कोर्ट के ताकत को कम करने वाले 27वें संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी। पाकिस्तानी ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संशोधन में 48 आर्टिकल में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है।

              नेशनल असेंबली ने इस बिल को 234 मतो की बहुमत से पास किया। चार सांसदों ने विरोध में वोट दिया, जबकि सीनेट ने इसे दो दिन पहले ही मंजूर कर लिया था। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साइन के बाद यह कानून बन जाएगा।

              मुनीर को तीनों सेनाओं का चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनाया जा रहा है। यह 27 नवंबर 2025 से लागू हो जाएगा। पद मिलते ही उन्हें परमाणु हथियारों की कमांड मिल जाएगी। अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी वह अपने पद पर बने रहेंगे और उन्हें आजीवन कानूनी छूट मिलती रहेगी।

              वहीं, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। कुछ विपक्षी दलों ने बिल की कॉपियां फाड़ दीं।

              प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ 12 नवंबर को नेशनल असेंबली के सत्र में मौजूद रहे।

              प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ 12 नवंबर को नेशनल असेंबली के सत्र में मौजूद रहे।

              आर्मी के हाथों में परमाणु कमांड

              27वें संविधान संशोधन का एक बहुत खास हिस्सा है नेशनल स्ट्रैटजिक कमांड (NSC) का गठन। यह कमांड पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम की निगरानी और नियंत्रण करेगी।

              अब तक यह जिम्मेदारी नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) के पास थी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते थे, लेकिन अब से NSC के पास इसकी जिम्मेदारी हो जाएगी।

              NSC का कमांडर भले ही प्रधानमंत्री की मंजूरी से नियुक्त होगा, लेकिन यह नियुक्ति सेना प्रमुख (CDF) की सिफारिश पर ही होगी। सबसे जरूरी यह पद सिर्फ आर्मी के अफसर को ही दिया जाएगा।

              इससे देश के परमाणु हथियारों का नियंत्रण अब पूरी तरह सेना के हाथ में चला जाएगा।

              10 मुख्य संशोधन…

              • सेना प्रमुख को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस की जिम्मेदारी मिलेगी
              • अगर किसी अधिकारी को फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ द एयर फोर्स या एडमिरल ऑफ द फ्लीट की रैंक दी जाती है, तो यह रैंक आजीवन रहेगी।
              • फील्ड मार्शल को राष्ट्रपति जैसी सुरक्षा, बिना सरकार की इजाजत के कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चल सकता।
              • वर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपनी अवधि पूरी होने तक चीफ जस्टिस बने रहेंगे
              • फेडरल कान्सटीट्यूशन कोर्ट की स्थापना होगी
              • याचिकाओं पर सुओ मोटो (स्वतः संज्ञान) लेने का अधिकार
              • कानूनी नियुक्तियों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की अहम भूमिका रहेगी
              • राष्ट्रपति को कार्यकाल के बाद कोई सार्वजनिक पद लेने पर छूट सीमित
              • हाई कोर्ट जजों के तबादले न्यायिक आयोग तय करेगा
              • तबादलों पर आपत्ति सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल देखेगी

              कोर्ट में जजों की नियुक्ति सरकार के हाथों

              इस बिल में आठ नए संशोधन जोड़े गए हैं, जो सीनेट के पहले मंजूर संस्करण का हिस्सा नहीं थे। सबसे बड़ी बदलाव न्यायपालिका से जुड़ी है। अब सभी संवैधानिक मामले सुप्रीम कोर्ट से हटाकर ‘फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट’ में बदल जाएंगे, जिसके जजों की नियुक्ति सरकार करेगी।

              हाल के वर्षों में सुप्रीम कोर्ट ने कई सरकारी नीतियों को रोका था और प्रधानमंत्रियों को पद से हटाया था, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।


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