Friday, April 19, 2024
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निलंबित ADG जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ीं: सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाई, हाईकोर्ट को मामलों की सुनवाई के लिए दिया 8 सप्ताह का वक्त

छत्तीसगढ़ के पूर्व ACB चीफ IPS जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई में अहम निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम काेर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई के बाद अदालत ने गिरफ्तारी पर लगे स्टे को हटा दिया। हालांकि इससे पहले पुलिस कोई एक्शन ले जीपी सिंह हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक के लिए आवेदन करने के हकदार हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति के मामले के अलावा राजद्रोह और सुपेला में दुर्ग IG रहने के दौरान कुछ अवैध वसूली के आरोप के मामले में भी सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इन प्रकरणों में सुनवाई के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट को 8 सप्ताह का वक्त दिया है।

5 दिन पहले CJI एनवी रमना ने जीपी सिंह मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते, आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया क्योंकि आप सरकार के करीब हैं। यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा। CJI रमना ने आगे कहा कि जब आप सरकार के साथ अच्छे हैं, आप वसूली कर सकते हैं, लेकिन अब आपको ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। कोर्ट ने कहा था, यह बहुत ज्यादा हो रहा है। हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें? यह देश में एक नया ट्रेंड है, उन्हें जेल जाना होगा।

दूसरे मामलों में गिरफ्तारी पर रोक पहले से
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह को राजद्रोह केस में 4 सप्ताह का वक्त पहले ही दे दिया है। कोर्ट ने कह दिया है कि इन 4 हफ्तों में जीपी सिंह को पुलिस अरेस्ट नहीं करेगी। कोर्ट ने ये निर्देश जीपी सिंह को भी दिए हैं कि वो जांच में पूरी तरह से सहयोग करें। जीपी सिंह पर राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति, रायपुर और भिलाई में कुछ पुराने मामलों पर छानबीन जारी है।

यह है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ ACB के चीफ रह चुके IPS जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का केस कर चुकी है। इस मामले में अफसर ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं, इनमें राजद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग है और दूसरी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग है। इस दौरान अफसर की ओर से वकील फली नरीमन ने अदालत को बताया कि अफसर को सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है। छतीसगढ़ सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि चार्जशीट पिछले हफ्ते दाखिल की गई है। जीपी सिंह दो महीने से अंडरग्राउंड हैं। वो वरिष्ठ पुलिस अफसर हैं और फिर भी फरार हैं। उनके खिलाफ हिंदी में लिखी काफी सामग्री मिली है।

एक नजर में जीपी सिंह पर हुई पूरी कार्रवाई और छापे में मिली संपत्ति

  • गुरुवार 1 जुलाई की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा।
  • गुरुवार शाम तक की जांच के बाद जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। शनिवार को भी जांच जारी रही, देर रात पूरी जांच में 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई।
  • रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है, इन पुराने केस को फिर से जांचा जा रहा है।
  • इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।
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