रायपुर: कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का एक और धमकी कांड का ऑडियो सामने आया है। इसमें बलरामपुर-रामानुजगंज में एक सहायक खंड शिक्षा अधिकारी (ABEO) को हटाने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को फोन पर धमकी दी है। जिला शिक्षा अधिकारी के यह कहने पर कि संबंधित के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है तो किस आधार पर हटाउंगा विधायक भड़क गए। उन्होंने कहा, अब तूं तय करेगा कि यहां किसको रखना है और किसको नहीं।
रामानुजगंज से विधायक बृहस्पत सिंह ने उनके यहां से ABEO गौरव एक्का को हटाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को कहा था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। भड़के हुए विधायक ने जिला शिक्षा अधिकारी को फोन कर धमकी दी। उन्हें हटाने की बात कही। यह भी कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी अब मुख्यमंत्री के आदेश को चुनौती दे रहे हैं। घटना पुरानी है, लेकिन उसकी कॉल रिकॉर्डिंग अब सामने आई है। दैनिक भास्कर से बातचीत में बलरामपुर-रामानुजगंज के जिला शिक्षा अधिकारी बी. एक्का ने बताया, 19 सितम्बर को विधायक जी का फोन आया था। वे एक ABEO को हटाना चाहते थे। मैंने बिना शिकायत हटाने से इन्कार किया तो वे सारी बातें हुईं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया, “विधायक बार-बार मुख्यमंत्री के आदेश का हवाला दे रहे थे। जबकि उन्होंने इस संबंध में सीएम साहब को लिखे पत्र की कॉपी मेरे पास भेजी थी। उसको मैं मुख्यमंत्री का आदेश कैसे मान लेता।’ उन्होंने कहा, “यह कॉल रिकॉर्डिंग कैसे बाहर आई उन्हें नहीं पता, लेकिन यह बातचीत उनके बीच ही है।’ विधायक बृहस्पत सिंह इस समय अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का न्यौता लेकर सिक्किम गए हुए हैं।
विधायक और DEO के बीच ऐसे चला संवाद
बृहस्पत सिंह – हां डीईओ साहब!
डीईओ – नमस्कार !
बृहस्पत सिंह – ये एबीईओ वाला भेजा था तो हो गया ऑर्डर?
डीईओ – नहीं-नहीं, उसकी कोई शिकायत तो नहीं है महोदय!
बृहस्पत सिंह – अरे यार, तूं तय करेगा कि शिकायत है कि नहीं। किसको रखना या नहीं रखना।
डीईओ – नहीं, शिकायत तो कोई नहीं है। शिकायत होती तो कुछ होता।
बृहस्पत सिंह – मुझे आप समझाओ ना। आप तय करोगे क्या?
डीईओ – नहीं, जब कोई शिकायत नहीं है तो मैं क्यों हटाउंगा।
बृहस्पत सिंह – मुझे मत समझाओ। आप कर पाओगे, भेजोगे या नहीं नहीं भेजोगे मुझे बताओ।
डीईओ – मैं नहीं भेज रहा हूं महोदय!
बृहस्पत सिंह – नहीं भेजोगे तो फिर आपको हटाने की बात करते हैं। पहले आपको ही हटा लेते हैं। आपको ही हटा लेते हैं ज्यादा नेतागिरी पेल रहा है तो।
डीईओ – ठीक है महाेदय!
बृहस्पत सिंह – अधिकारी का काम करने का है कि नेतागिरी करने वहां गया है।
डीईओ – कहां नेतागिरी कर रहा हूं मैं।
बृहस्पत सिंह – और क्या कर रहे हो। क्या कर रहे हो ये?
डीईओ – मैं नेतागिरी कहां कर रहा हूं?
बृहस्पत सिंह – मैं क्या बोल रहा हूं। जब लगातार मेरे पास शिकायत है तो आपके पास शिकायत आएगा।
डीईओ – तो कोई शिकायत मुझे भी दीजिए ना।
बृहस्पत सिंह – आप उससे कितना महीना लेते हो। वसूली करते हो। कितना महीना कमिशन लेता है उससे?
डीईओ – कौन बोला है यह कि कमिशन लेता हूं।
बृहस्पत सिंह – मैं पूछ रहा हूं कि कितना महीना कमिशन लेते हो।
डीईओ – कभी कमिशन नहीं लिया हूं।
बृहस्पत सिंह – फिर क्या लगता है वह, रिश्तेदारी है आपकी उससे?
डीईओ – नहीं, कोई रिश्तेदारी नहीं है।
बृहस्पत सिंह – फिर, क्यों हटाना नहीं चाहते? मुख्यमंत्री के आदेश को चुनौती करेगा?
डीईओ – कोई शिकायत तो है नहीं।
बृहस्पत सिंह – सुन यार, मुख्यमंत्री ने आदेश किया है। अब मुख्यमंत्री के आदेश को चैलेंज करेगा।
डीईओ – कहां आदेश है मुख्यमंत्री का?
बृहस्पत सिंह – आप कलेक्टर से बात करो। मुख्यमंत्री के आदेश को चुनौती दे रहा है ना।
डीईओ – कौन चुनौती दे रहा है?
बृहस्पत सिंह – (अपने पास बैठे किसी से) डीईओ का नोटशीट बनाओ। ये मुख्यमंत्री को चैलेंज कर रहा है डीईओ। जिला शिक्षा अधिकारी की इतनी औकात हो गई।
(करीब डेढ़ मिनट की कॉल रिकॉर्डिंग का लिप्यांतरण)
ABEO को आखिर हटाना ही पड़ा
जिला शिक्षा अधिकारी बी. एक्का ने बताया, कुछ दिन कलेक्टर के यहां मुख्यमंत्री का निर्देश आया। उसके बाद संबंधित ABEO गौरव एक्का को वहां से हटा दिया गया है। इसी ट्रांसफर के लिए यह विवाद हुआ।
कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था
विधायक बृहस्पत सिंह ने दो दिन पहले ही स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उनका कहना था, मंत्री के यहां से उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हो रही है। एक सिंडिकेट काम कर रहा है। मंत्री ने इन आरोपों से इन्कार किया। उनका कहना था, इस समय सामान्य ट्रांसफर-पोस्टिंग तो हो ही नहीं रहा। जो हो रहा है वह समन्वय के आधार पर। जिसका अनुमोदन मुख्यमंत्री के यहां होता है।
दो महीने पहले डिप्टी कलेक्टर को जूता मारने की धमकी दी थी
करीब दो महीने पहले बृहस्पत सिंह ने बलरामपुर-रामानुजगंज के डिप्टी कलेक्टर प्रफुल्ल रजक को फोन पर गालियां दी थीं। मामला बलरामपुर जिले के दलको तालाब में मछली पालन के पट्टे को लेकर विवाद का था। विधायक ने डिप्टी कलेक्टर को जूते से मारने की भी धमकी दी। इसकी भी कॉल रिकॉर्डिंग वॉयरल हुई। काफी आलोचना के बाद भी विधायक का रवैया नहीं बदला।
सिंहदेव पर लगाया था जान से मारने की कोशिश का आरोप
विधायक बृहस्पत सिंह ने जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इस आरोप ने कांग्रेस और सरकार दोनों की खूब किरकिरी कराई। विधानसभा की कार्रवाई ढाई दिन तक बाधित रही। सिंहदेव ने सदन छोड़ दिया। बाद में बृहस्पत सिंह ने इसके लिए माफी मांग ली। उसके बाद से ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का विवाद दिल्ली दरबार में पहुंचा हुआ है।
सरगुजा के आदिवासी समाज को भी अपशब्द कहे
खुद आदिवासी समाज से ही आने वाले बृहस्पत सिंह ने कुछ दिन पहले सरगुजा के आदिवासी समाज के लिए अपशब्द कह गए थे। उसको लेकर समाज आंदोलन पर उतारू था। भाजपा ने सरगुजा के कई जिलों में विधायक का पुतला जलाया। कार्रवाई की मांग की। विवाद बढ़ता देख बृहस्पत सिंह ने सर्व आदिवासी समाज की एक बैठक में पहुंचकर माफी मांग ली।