बिलासपुर में कोरोना संक्रमण के चलते दशहरे पर इस बार भी बड़े आयोजन नहीं होंगे। प्रशासन ने सार्वजनिक रावण दहन की अनुमति नहीं दी है। हां, गली-मोहल्ले में छोटे रावण दहन किए जा सकेंगे। जिले में लगातार ये दूसरा साल है, जब प्रशासन ने दशहरे पर बड़े आयोजन की अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा शहर में पिछले 40 साल से मशहूर रामलीला की भी परमिशन नहीं दी गई है।
कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक त्योहारों की चमक फीकी रही है। हालांकि दूसरी लहर के बाद अब प्रशासन ने काफी हद तक ढील दी है। गणेश प्रतिमा स्थापना के साथ ही नवरात्रि में दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने और दुर्गोत्सव के आयोजन को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए गए थे। इस बार भी रावण दहन के सभी आयोजनों को रद्द कर दिया गया है। प्रशासन ने निजी आयोजकों को भी रावण दहन करने की अनुमति नहीं दी है।
कलाकार लकड़ी और बांस की मदद से रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं।
आकर्षक होती थी बुधवारी में रामलीला
पिछले करीब 40 साल से बुधवारी बाजार रेलवे परिक्षेत्र में रामलीला का आयोजन होता रहा है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल से यह आयोजन नहीं हो पा रहा है। यहां रामलीला मंचन के बाद रावण का दहन किया जाता था। इस रावण दहन और रामलीला को देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते थे।
ऑर्डर के हिसाब से तैयार कर रहे पुतला
इधर, रावण बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि लोग 10 से 12 फीट के रावण के पुतले भले ही नियमों की वजह से नहीं लेंगे, लेकिन छह फीट के पुतले तो लेंगे ही। वहीं तीन-तीन फीट के पुतले हमेशा ही बच्चों की पसंद रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कारीगर पुतलों को आकार देना शुरू कर दिया है।
पुराना हाईकोर्ट रोड निवासी कारीगर रोहित राव कामले का कहना है कि हमें तो उम्मीद है कि घरों में दशहरा मनेगा और लोग घरों में उत्सव मनाने के लिए रावण के पुतले खरीदेंगे। इसी उम्मीद में अभी से दशहरा की तैयारियां शुरू कर दी गई है और पुतले बना रहे हैं। हम ज्यादातर तीन-तीन फीट के पुतले बना रहे हैं। रोहित का कहना है कि हम ऑर्डर के हिसाब से भी रावण तैयार कर रहे हैं।
कलाकार रावण के पुतले को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
निगम भी नहीं करेगा आयोजन
वहीं निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी ने कहा कि नवरात्रि पर्व के लिए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की थी। रावण दहन को लेकर अलग से गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। रावण दहन देखने हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। लिहाजा, रावण दहन का आयोजन करना उचित नहीं है। नगर निगम जो आयोजन हर साल किए करता था, वह भी इस बार नहीं होंगे।
यहां-यहां होता था आयोजन
पुलिस ग्राउंड, रेलवे मैदान, पुराना बस स्टैंड, लालबहादुर शास्त्री स्कूल, मुंगेली नाका, सरकंडा के गर्ल्स स्कूल मैदान, राजकिशोर नगर सहित आठ से दस जगहों पर दशहरे पर बड़े आयोजन होते थे। यहां हर साल रावण दहन देखने हजारों की संख्या में लोग पहुंचते थे।