रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जुबानी हमला जारी है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा, दंगे भड़काने का काम, समाज में जहर घोलने का काम ये आजादी के पहले से करते आ रहे हैं। अब भी ये लोग यही कर रहे हैं। इनकी इसमें मास्टरी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भारतीय जनता पार्टी और RSS दोनों ऐसे हैं जिनके पास धर्मांतरण और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की मास्टरी है। जहां ये सरकार में नहीं होते इसी अस्त्र के माध्यम से वहां अस्थिरता पैदा करते हैं। इसी प्रकार से वो लोगों को भड़काने की कोशिश करते हैं। इन्हें शासन चलाना तो आता नहीं है। ये कोयला उपलब्ध नहीं करा पाए। ये ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा पाए। पेट्रोल-डीजल के भाव कम नहीं कर पा रहे हैं। महंगाई कम नहीं कर पा रहे हैं। इनसे स्थिति सुधर नहीं रही है। उसी प्रकार से दंगे भड़काने का काम, समाज में जहर घोलने का काम ये आजादी के पहले से करते आ रहे हैं। अब भी ये लोग यही कर रहे हैं। इनकी इसमें मास्टरी है। छत्तीसगढ़ में किसान हों, मजदूर हों, आदिवासी हों, महिलाएं हो, नौजवान हों, व्यापारी हैं, उद्योग जगत है सबमें लगातार वृद्धि हो रही है। अब इनको यह बर्दाश्त हो नहीं रहा है। कुछ दिन पहले भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने RSS और भाजपा पर ऐसा ही तीखा हमला किया था।
कहा- लगातार एक्सपोज हो रहे हैं ये लोग
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ में 15 साल इनकी सरकार थी, कभी छत्तीसगढ़ संस्कृति को बढ़ावा देने का काम नहीं किया। कभी राम वनगमन पथ बनाने की इन्होंने सुध नहीं ली। कभी इन्होंने तीजा, पोरा, हरेली, विश्व आदिवासी दिवस, छठ की छुट्टी नहीं दी। ये कभी उसमें शामिल भी नहीं होते रहे। ये केवल भड़काने का काम करते हैं। “राम नाम जपना, पराया माल अपना’, इस सिद्धांत पर चलते रहे हैं। अभी ये लोग जिस तरह की घटनाएं कर रहे हैं लगातार एक्सपोज होते जा रहे हैं।
कश्मीर के हालात के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, उन लोगों ने कहा था, नोटबंदी से आतंकवाद और नक्सलवाद की कमर टूट जाएगी। उसके बाद कहा, 370 हटा देते हैं। वह भी हट गया। सारे चीज हटाते गए उसके बाद भी आतंकवाद वहां बढ़ा है। वहां हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, वहीं आम नागरिक और मजदूर टारगेट में हैं। यह कंट्रोल में नहीं है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार की नीति और सोच में कमी है।