उज्जैन: इस्कॉन मंदिर में मृदंग बजाकर उसकी धुन पर नाचने वाले युवा अनुयायी विकास बर्मन ने आत्महत्या कर ली। वो कोलकाता के पास जलपाईगुड़ी का रहने वाला था। यहां 15 दिन के लिए आया था। विकास 27 अक्टूबर को वापस लौटने वाला था, लेकिन इसके दो दिन पहले सोमवार को ही उसने सुसाइड कर लिया। सुसाइड के कारणों का पता नहीं चला है। बुधवार सुबह तक परिजन कोलकाता से उज्जैन आ जाएंगे।
विकास बर्मन मृदंग बजाने में माहिर था। उसके साथी भी उसकी धुन पर नाचते थे। वह जिस गमछे को पूजा में इस्तेमाल करता था, उसी को फंदा बनाकर लटक गया। उसके माता-पिता भी कई साल से इस्कॉन के अनुयायी हैं और अपने बेटे को भी उन्होंने इसमें आगे बढ़ने के लिए उज्जैन भेजा था।
विकास ने जिस जगह सुसाइड किया, वहां राधा कृष्ण का फोटो लगा था।
विकास बाकी युवा अनुयायियों की तरह रोजाना सुबह 4.30 बजे उठकर दिनचर्या शुरू कर देता था। सुबह 7 बजे आरती में आना होता है। सोमवार सुबह भी वह रोजाना की तरह सुबह की मंगला आरती में शामिल हुआ और उसने मृदंग भी बजाया। इसके बाद सुबह 9 बजे उसने नाश्ता लिया। इसके बाद से ही वह गायब हो गया।
जब दोपहर के खाने पर वह नहीं आया तो साथियों को चिंता हुई। दोपहर 3.30 बजे साथी ढूंढ़ते हुए ऑडिटोरियम पहुंचे। एक साथी ने बताया कि ऑडिटोरियम का ऊपरी हॉल खाली रहता है। वहां भी देख लेते हैं। जब सभी लोग वहां पहुंचे तो विकास फंदे पर लटकता हुआ मिला। इस आधार पर माना जा रहा है कि विकास बर्मन ने सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सुसाइड किया था।
इसी कुर्सी पर चढ़कर उसने सुसाइड किया। बाद में इसे गिरा दिया था। यह जगह ऑडिटोरियम के ऊपरी मंजिल पर है। यहां कोई आता-जाता नहीं।
बिल्कुल एक तरफ बना है ऑडिटोरियम
इस्कॉन मंदिर का ऑडिटोरियम पूरी तरह से एक तरफ बना हुआ है। यह बीच की बिल्डिंग के सबसे ऊपर तीसरी मंजिल पर बना है। विकास ने इस स्थान को इसीलिए चुना, क्योंकि यहां किसी का आना-जाना नहीं है। इस्कॉन के प्रवक्ता राघव पंडित दास ने बताया कि यहां पहले छात्र रहते थे, जिन्हें अब बैंक कॉलोनी में शिफ्ट कर दिया गया है। इसलिए यह जगह पूरी तरह खाली ही रहती है।
यही वो जगह है जहां विकास ने सुसाइड किया।
मानसिक शांति के लिए आया था विकास
विकास के साथी अनुयायी बताते हैं कि विकास बहुत चंचल था। यहां उसके साथी निताई गौड़ भी रहते हैं, इसलिए उसके माता-पिता ने उसे कुछ दिन के लिए उज्जैन के इस्कॉन मंदिर भेज दिया। बताया जा रहा है कि उसका यहां शुरू से अच्छा मन लग रहा था, वह काफी खुश मिजाज रहने लगा था। ऐसे में उसने सुसाइड क्यों किया? यह बड़ा सवाल है। राघव पंडित दास ने कहा कि पर्सनल लाइफ के बारे में यहां किसी से चर्चा नहीं की जाती है। सभी भक्तिभाव के लिए यहां आते हैं और हम उन्हें वैसा ही माहौल भी उपलब्ध कराते हैं।
सुसाइड नोट नहीं मिला, कॉल डिटेल निकलवाई है
माधव नगर थाना टीआई मनीष लोधा ने बताया कि पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उसका मोबाइल चेक किया है, उसमें ऐसी कोई संदेहास्पद तथ्य नहीं मिले हैं जो आत्महत्या के कारणों की ओर इशारा करते हों। हमने उसकी कॉल डिटेल निकलवाई है। इसके बाद पता चलेगा कि उसने सबसे ज्यादा किससे बात की है। उसी आधार पर जांच को आगे बढ़ाएंगे। हम उसकी व्हॉट्सएप चैट भी चेक कर रहे हैं।