Friday, April 19, 2024
Homeछत्तीसगढ़BCC NEWS 24: छत्तीसगढ़- राज्यपाल बोलीं... झीरम आयोग की 4 हजार...

BCC NEWS 24: छत्तीसगढ़- राज्यपाल बोलीं… झीरम आयोग की 4 हजार पेज की थी जांच रिपोर्ट, 4 दिन में कैसे पढ़ते; लीगल एडवाइज लेकर शासन को दी…

बिलासपुर: राज्यपाल सुश्री अनुसइया उइके ने झीरम आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा की ओर से उन्हें दी गई रिपोर्ट पर कानूनी राय ली है और फिर राज्य शासन को भेजी। रिपोर्ट में क्या है यह तो जस्टिस मिश्रा ही बता सकते हैं। क्योंकि 4 हजार 180 पेज की रिपोर्ट है। जिसे चार दिन में कैसे कोई पढ़ सकता है। बिलासपुर में वनवासी विकास समिति की ओर से आयोजित बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में शामिल होने आईं सुश्री उइके ने कहा हमें जस्टिस की ओर से रिपोर्ट भेजी गई थी। रिपोर्ट के बाद छुटि्टयां पड़ गई। इसके बाद हमने लीगल ओपीनियन लिया और शासन को रिपोर्ट दे दी। इसमें जल्दबाजी का कोई सवाल ही नहीं है। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में धर्मांतरण हो रहा है। समाचार पत्रों व मीडिया में आने के साथ ही शिकायतें भी मिल रही है। बस्तर के आदिवासी समाज के मुखिया और पुजारियों ने राजभवन आकर बताया कि उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। गांव-गांव में चर्च खुल रहे हैं और प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बना है और कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। उन्होंने ठोस सबूत के साथ शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। किसी को जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता।

कार्यक्रम में RSS के प्रांत प्रचारण प्रेम शंकर सिद्धार्थ, आदिवासी विकास समिति के अध्यक्ष बृजेंद्र शुक्ला, वंदना अस्पताल के संचालक डॉ. चंद्रशेखर उइके के साथ ही अटल विश्वविद्यालय के कुलपति एनवीएन वाजपेयी पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति वंशगोपाल सिंह, सहित बड़ी संख्या में आदिवासी विकास समिति के पदाधिकारी, RSS के पदाधिकारी व भाजपा नेता व पदाधिकारी मौजूद रहे।

वनवासी विकास समिति के कार्यक्रम में मौजूद राज्यपाल

वनवासी विकास समिति के कार्यक्रम में मौजूद राज्यपाल

पश्चिमी समाज में हो रहा जनजातीय संस्कृति का नकल
वनवासी विकास समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री उइके ने बिरसा मुंडा जयंती को नमन करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने अपना पूरा जीवन जनजातीय के लिए समर्पण कर दिया था। उन्होंने समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों के आधुनिक हथियारों का सामना अपने पारंपरिक हथियारों से किया। समाज को करीब से देखा है। हर प्रदेशों में समाज के बीच भ्रमण किया है। उनकी संस्कृति को भी करीब से देखा है। पूरी दुनिया में जनजातिय समाज ही एकमात्र ऐसा समाज है। जिसकी परंपरा व संस्कृति आज भी जिंदा है। वर्तमान में पश्चिम सभ्यता में जनजाती समाज की संस्कृति को अपनाया जा रहा है और लोक गीतों व श्रृंगार का आधुनिक समय में उपयोग किया जा रहा है। लोग जनजातिय समाज के गोदना गोदवाने की परंपरा को आज टैटू के रूप में जाना जाने लगा है।
समाज के विद्यार्थियों ने दी रंगारं प्रस्तुति
इस कार्यक्रम में जनजाती समाज के लोगों के साथ ही विद्यार्थियों ने गीत व लोक नृत्यों की रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुत देकर सबका मन मोह लिया। इस आयोजन में आदिवासी लोक नृत्य पंथी, कर्मा, ददरिया के साथ ही जसगीतों पर विद्यार्थी झूमते नजर आए।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते विद्यार्थी

कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते विद्यार्थी

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular