Saturday, April 20, 2024
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BCC NEWS 24: कोरबा- कोरबा पुलिस अधीक्षक पँहुचें कुसमुण्डा, विजुवल पुलिसिंग के तहत गेवराबस्ती चौक में पुलिस सहायता केंद्र का किया उद्घाटन…

कोरबा- 18 नवम्बर 2021(BCC NEWS 24): –  जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल आज कुसमुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत गेवरा बस्ती पहुंचे जहां उन्होंने वँहा रहने वाले आम लोगों के साथ असमय होने वाले आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने त्वरित सहायता के लिए बनाए गए अस्थाई पुलिस सहायता केंद्र का उद्घाटन किया।
नवीन पुलिस सहायता केंद्र के उद्घाटन के लिए कुसमुण्डा आगमन पर दर्री नगर पुलिस अधिक्षक सुश्री लितेश सिंह एवम कुसमुण्डा थाना प्रभारी द्वारा पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। जिसके बाद फीता काटकर पुलिस सहायता केंद्र का उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मंचस्थ पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल की नजर सड़क पर सायकल पर पीछे बैठी छोटी सी बच्ची पर पड़ी,जो अपने दादा के साथ स्कूल से घर जा रही थी,पुलिस अधीक्षक ने पुलिस स्टाफ के माध्यम से उस बच्ची को मंच पर बुलाया और उसका नाम पूछते अपने बगल में बैठाया,तेज धूप की वजह से बच्ची का चेहरा मुरझाया हुआ था, पुलिस अधीक्षक ने पहले बच्ची को पानी पिलाया फिर एक चॉकलेट का पैकेट दिया। इस घटनाक्रम को उपस्थित सभी लोगो ने देखा,पुलिस अधीक्षक के द्वारा इस छोटी बच्ची के प्रति स्नेह को देख सभी भाव-विभोर हो गए। 
नगर पुलिस अधीक्षक सुश्री लितेश सिंह द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित आमजनों को जिला पुलिस अधीक्षक का परिचय देते हुए, पुलिस सहायता केंद्र खुलने की जानकरी प्रदान की गई,जिसके बाद पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल द्वारा आमजनों को सम्बोधित कर आमजनों को अपराधो के प्रति जागरूक करने विस्तार से समझाइस दी गई।

  1. क्या है यूनिफार्म का महत्व...

सर्वप्रथम उन्होंने बच्ची को अपने साथ बिठाने की वजह बताई,उन्होंने कहा कि आप सभी यह सोच रहें होंगे कि मैंने इस बच्ची को यँहा क्यो बैठाया है,इसका कारण है इनका यूनिफॉर्म,हम लोग जो खाकी पहनते है वो भी एक यूनिफॉर्म है,और यह बच्ची जो स्कूल ड्रेस पहनी है वह भी यूनिफॉर्म है और जो मैंने इस बच्ची को यूनिफॉर्म में देखा जो अपने दादा जी के साथ जा रही थी मुझे अपना बचपन याद आ गया,जब हमे भी दादा जी सायकल के केरियर में बैठा कर स्कूल लेजाया करते थे,और कहते थे कि पैर जो सम्हाल के बैठना और मस्ती मत करना,और जब भी हम मस्ती करते थे तो कहते थे पैर को बांध दूंगा मैं,तो इस बच्चे को देख मुझे वही अपना बचपन याद आ गया। उन्होंने आगे कहा कि बच्चा जब यूनिफॉर्म पहनता है तो कितना अलग लगता है ना,कितना अच्छा लगता है,ड्रेस,पानी का बॉटल,कॉपी पुस्तक से भरा बैग,वेल मेंटेन,भविष्य को गढ़ने के लिए स्कूल जाता है,एक व्यक्ति होता है जो जीवन को यूं ही बर्बाद कर देता है पर एक विद्यार्थी जो होता है वह हर दिन नया नया चीज सीखता है,केजी वन से लेकर बारहवीं तक,इस दौरान ग्रहण की गई शिक्षा ही असल कमाई होती है,स्कूल में सभी ड्रेस एक होता है, सब वही पानी को पीते है,सबको समान पढ़ाई पढ़ने को मिलती है,किसी के साथ किसी तरह का पक्षपात नही किया जाता। लेकिन आप देखना जब 10 साल बाद हम उन्ही समान कक्षा में पढ़ने वाले एक दूसरे को देखते है तो जमीन आसमान का अंतर देखने को मिलता है,कोई ऑफिस में काम करता है कोई अपराधी बन जाता है,इसलिए विद्यार्थी जीवन सबसे महत्वपूर्ण जीवन होता है,यहीं से जीवन को बनाने की असल शिक्षा मिलती है। इसलिए मैंने आज इस बच्ची को देखा कि इतने धूप में सायकल में दादा जी के साथ पीछे बैठकर जा रही है,बहुत उत्साह व उमंग रहता है इस उम्र में स्कुल जाने के लिए,बहुत किस्मत वाले होते हैं वो लोग जिनके मम्मी पापा उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं,और उससे भी अधिक किस्मत वाले वो होते हैं जिन्हें स्कूल मिलता है और वँहा पर वो पढ़ने जाते हैं,और मुझे लगता है कि उसी जीवन मे संगति यारी दोस्ती सब मिलते हैं,और इस जीवन मे हमे सही साथी मिल जाये जो हमे सही राह दिखाए तब हम सही राह पर चलते है,और जब साथी भटकाने वाले मिलते है तब हमारी दृढ़ इच्छा शक्ति कमजोर होती है तब हम वही भटक जाते है”।

2.बदलते समय में बदल रही पुलिसिंग…

पुलिस अधीक्षक भोजराम पहली बार कुसमुण्डा क्षेत्र के आमजनों के बीच पँहुचें थे उनके सम्बोधन को सभी गौर से सुन रहे थे,उनके विद्यार्थी जीवन के विचार के पश्चात उन्होंने बदलते समय मे बदलते पुलिसिंग के बारे में बताते हुए कहा की” आज समय बहुत बदल गया है, आपने देखा होगा कि बीते समय जब हम हजार रुपये को जेब में लेकर जाते थे तो एक डर बना रहता था कि कोई पॉकिट न मार दे,हम डर का चलते थे, पर आज स्थिति दुसरीं है अब पॉकेट मार देने की घटानाये बहुत कम हो चुकी है,क्योकि लोग आज बैंक में पैसा रखते है,एटीएम अथवा मोबाइल नेट बैंकिंग के माध्यम से पैसे का लेन देन करते है,ऐसे में चोरो के भी चोरी करने का तरीका बदल गया है,अब चोरो की नजर आपने एटीएम कार्ड व पिन पर रहती है,आपके मोबाइल पर रहती है,की किस तरह से फ्रॉड कर आपके सारे पैसे एकाउंट से चुरा ले,जिसे हम सायबर क्राइम कहते है, तो आज समय जिस तरह से बदल रहा है कोई भी व्यक्ति ये नही बोल सकता कि मुझे पुलिस की जरूरत नही है,या कोई पुलिस वाला ऑफिस में बैठकर पुलिसिंग कर लूंगा तो यह बात दोनों के लिए ही नुक्सानदायक है।आज के समय मे पुलिस वाला जितना कुर्सी में बैठेगा उतना ही कम पुलिसिंग हो पाएगी,क्योकि सोसायटी में,समाज मे,बस्ती में ,क्षेत्र में क्या हो रहा है,खुद ही पैरों में चलकर अपनी दोनों आंखों से नही देखेगा तो पुलिसिंग बहुत ज्यादा मजबूत नही हो पाएगी, उसी तरीके से आप लोग भी आपके साथ होने वाली घटनाओं के प्रति सजग नही रहेंगे तो अपराधों को रोकना मुश्किल होगा,मैं यही कहना चाहूंगा कि पुलिस भी के समय मे बहुत बदल चुका है और बदलती हुई चीजों को हमेसा समझना चाहिए।

3.भोजराम पटेल पुलिस अधीक्षक बनने से पहले थे शिक्षक, 7 साल बच्चों को पढ़ाया…

अपने विस्तृत उदबोधन में पुलिस अधीक्षक महोदय ने आमजनों की बताया कि वे वर्ष 2005 से 2012 तक शिक्षकर्मी वर्ग 2 के शिक्षक थे उन्होंने 7 साल बच्चों को पढ़ाया और उसके बाद उन्होंने तैयारी कर यूपीएससी परीक्षा पास की और आईआईएस बनकर आज यँहा आ गए,इस आधार पर उन्होंने समझाया कि विद्यार्थी जीवन के बाद शिक्षक और शिक्षक रहते हुए भी शिक्षा ग्रहण करते हुए मैं यँहा तक पँहुचा,इसलिए बदलते हुए समय को पहचाना बहुत जरूरी है,अगर हम इस बदलते समय को नही पहचान पाते तो हम बहुत कुछ खो देते हैं। उन्होंने बदलाव के कई का उदाहरण देते हुए वर्तमान में बदले हुए पुलिसिंग की बात कही,उन्होंने कहा कि आज आपके एक कॉल पर पुलिस आपके पास पंहुच रही है,पहले ऐसा नही था,आज एसपी स्वयं थाने चौकी क्षेत्र पर जा जाकर जागरूकता फैला रहे हैं,तो समय काफी बदल रहा है।

4.प्रदेश के मुख्यमंत्री का है यह कॉन्सेप्ट…

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा यह विधिवत पुलिसिंग का कॉन्सेप्ट दिया है जिसके तहत पुलिस लोगो के बीच मे रहें,लोगो को दिखायी दे,अगर किसी भी प्रकार की लोगो को सहायता की जरूरत पड़ती है तो ततकाल उनकी सहायता करें। उसी तरह हमारे पुलिस महानिदेशक सर का भी आदेश है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस पँहुचें और उनके साथ होने वाली किसी भी घटना में उनकी सहायता करें। इसी कड़ी में आज गेवराबस्ती चौक में यह सहायता केंद्र खोलने का यही उद्देश्य है कि पुलिस आपके बीच रहे औऱ आपकी हर तरह से सहायता करें।

5. 16 संस्कारो का उदाहरण देकर सही राह पर चलने आमजनों को दिया प्रेरणादायक संदेश….

पुलिस अधीक्षक ने अपने उदबोधन के दौरान वँहा उपस्थित लोगों को मानव जीवन के 16 संस्करो के बारे में बताते हुए कहा कि ” हमारे 16 संस्कार होते हैं,अंतिम संस्कार दाह संस्कार होता है और पन्द्रवा संस्कार विवाह संस्कार होता है,विवाह संस्कर 18 वर्ष के बाद होते है,मतलब 14 संस्कार हमारे 18 वर्ष की आयु तक पूर्ण हो जाते है,जिसमे नामकरण संस्कार,अन्नप्राशन संस्कार,उपनयन संस्कार इत्यादि 18 वर्ष की आयु तक पूर्ण हो जाते हैं,तो आप समझ लीजिए जो व्यक्ति 18 वर्ष तक सही राह में चलता है वह जीवन भर सही राह में चलता है।और यदि कोई इस 18 साल में बर्बाद हो जाता है तो उसकी भरपाई वह नही करता उसका परिवार करता है उसके माता पिता करते हैं। इसलिये गलत आदतों से हरकतों से स्वयं को दूर रखना होगा। यह जो पुलिस सहायता केंद्र बना है आपके लिए बना है आपके क्षेत्र के लिए बना है,यँहा 24 घण्टे पुलिस उपस्थित रहेगी जो आपकी समस्याओ को सुनेगी और उसका निराकरण करेगी। यँहा पर आपको सारे पुलिस अधिकारियों के नम्बर भी होंगे। आपको आपके आसपास कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो आप सीधे यँहा पुलिस से सम्पर्क करें अथवा हमे कॉल कर सकते है,आपकी जागरूकता ही समाज मे अपराधों पर अंकुश लगा सकती है। अपने साथ मंच पर बैठी बच्ची के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए उन्होंने उपस्थित आमजनों से निवेदन के रूप में कहा कि “ये देखिए ये बच्ची कितनी मासूम लग रही है,ये हमारे देश के भविष्य हैं,हर किसी को बचपना मिलता है,जवानी मिलती है,और बुढापा मिलता है,ऐसा कोई व्यकि नही है जो बचपना को बांध सके,जवानी को बांध सके या बुढापे को बांध के रख सके,उम्र बढ़ते जाती है,आज यह बच्ची पुलिस अधीक्षक के साथ बैठी है,क्या पता कल यह किसी जिले की पुलिस अधीक्षक बनकर यँहा पर आए,यह कहते हुए उन्होंने आम लोगो से बच्ची के लिए जोरदार तालियां बजाने को कहा जिस पर सभी के द्वारा बच्ची के लिए तालियां बजाई गयी,पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि “मेरे कहने का तातपर्य यही है कि आपके आसपास जो बच्चे होते हैं कोई भी व्यक्ति संदिग्ध स्थिति में या बच्चों को बिगाड़ने की कोशिस करता है,अपने लिए न सही उनके परिवार लिए एक बार फोन करिएगा,की सर यँहा पर इस व्यक्ति की गतिविधि यँहा पर सही नही है,हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए,उनके भविष्य के लिए यह बेहद जरूरी है।यह सभी चीजें आपके लिए है एक अच्छे समाज के लिए हैं।सम्बोधन के समाप्ति पर पुलिस अधीक्षक ने गेवराबस्ती वासियों को विजुवल पुलिसिंग कार्यक्रम को सफल बनाने अपील की,साथ ही सफल कार्यक्रम के लिए उन्होंने दर्री नगर पुलिस अधीक्षक सुश्री लितेश सिंह व कुसमुण्डा थाना प्रभारी लीलाधर राठौर एवम वँहा उपस्थित आमजनों को बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया।

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