Tuesday, September 24, 2024




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BCC NEWS 24: छत्तीसगढ़- बारदानों की कमी से जूझ रही प्रदेश सरकार….मार्कफेड की प्रबंध संचालक ने की केंद्रीय जूट आयुक्त से मुलाकात, किरण कौशल ने कहा- उपलब्ध कराएं बारदाने ताकि बिना दिक्कत हो धान खरीदी

मार्कफेड की प्रबंध संचालक किरण कौशल सहित वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय जूट आयुक्त से मुलाकात करने पहुंचे थे।

रायपुर: धान खरीदी में बारदानों (बोरियों) की कमी से जूझ रही सरकार ने इसके लिए संघर्ष तेज कर दिया है। छत्तीसगढ़ मार्कफेड की प्रबंध संचालक (MD) किरण कौशल ने गुरुवार को कोलकाता जाकर केंद्रीय जूट आयुक्त से मुलाकात की। वहां बारदानों की मांग और आपूर्ति के अंतर की जानकारी दी। कहा, जूट आयुक्त समय से बारदाना उपलब्ध कराने में सहयोग करें ताकि प्रदेश में धान खरीदी बिना दिक्कत के कराई जा सके।

अधिकारियों ने बताया, मार्कफेड की MD ने कोलकाता में केंद्रीय जूट आयुक्त मलय चक्रवर्ती और उप संचालक विपणन टीके मण्डल से मुलाकात की। MD किरण कौशल ने जूट आयुक्त को बताया, छत्तीसगढ़ में एक दिसम्बर से धान खरीदी चल रही है। अभी तक लगभग 26 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। खरीदी केंद्रों पर रोजाना 3 लाख मीट्रिक टन धान पहुंच रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जाएगा। इसके लिए 5 लाख 25 हजार गठान बारदानों की जरूरत है। चावल जमा करने के लिए भी 2 लाख 83 हजार गठान बारदानों की जरूरत होगी। इसी वजह से छत्तीसगढ़ ने 3 लाख 50 हजार गठान नया जूट बारदानों की मांग भेजी थी। 2 लाख 14 हजार गठान बारदानों की स्वीकृति मिली। इसके लिए मार्कफेड ने 800 करोड़ 53 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान भी कर दिया। लेकिन हमें समय से बारदाना नहीं मिल रहा है। दिसम्बर तक 2 लाख 14 हजार गठान बारदाना मिल जाना था, लेकिन अभी तक केवल 1 लाख 22 हजार गठान बारदाना ही मिल पाया है। मार्कफेड की प्रबंध संचालक ने दिसम्बर के लंबित बारदाने को शीघ्र छत्तीसगढ़ राज्य को आपूर्ति किए जाने का आग्रह किया। अधिकारियों ने बताया, बातचीत के बाद केंद्रीय जूट आयुक्त ने नए जूट बारदानों की यथाशीघ्र आपूर्ति के लिए आवश्यक सहयोग किए जाने का भरोसा दिलाया है।

नवम्बर में भी हुई थी एक मुलाकात

मार्कफेड के प्रबंध संचालक सहित वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम 25 नवम्बर को भी कोलकाता गई थी। केंद्रीय जूट आयुक्त से मुलाकात कर समस्या बताई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। अधिकारियों ने बताया, उस मुलाकात के बाद अब तक मात्र 28 हजार गठान बारदाने ही छत्तीसगढ़ आए हैं।

पिछले साल भी कम बारदाने आए, हाहाकार मचा था

अधिकारियों ने बताया, पिछले खरीदी सीजन में भी केंद्रीय जूट आयुक्त ने कम बारदानों की आपूर्ति की थी। उस समय कहा गया कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से जूट कारखाने बंद रहे। उत्पादन कम हुआ है, इसका असर आपूर्ति पर दिख रहा है। अधिकारियों ने बताया, छत्तीसगढ़ के लिए एक लाख 45 हजार गठान बारदाना स्वीकृत हुआ था। इसके बाद भी केवल एक लाख 10 हजार गठान बारदाना ही मिल पाया। इसकी वजह से खरीदी के अंतिम दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

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