रायपुरः छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट है..सोमवार को दिल्ली जाने के पहले सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आने के बाद इसे लेकर एक बार फिर सियासी अटकलों का बाजार गरम हो गया है। अगर मंत्रिमंडल में किसी तरह का फेरबदल होता है तो इसका मापदंड क्या होगा? कौन से ऐसे नेता हैं? जिनकी भूपेश कैबिनेट से छंटनी होगी और किन नए चेहरों को मिलेगा मंत्री बनने का मौका? ऐसे कई सवाल हैं?
बीते तीन दिन के भीतर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो बयान संकेत दे रहे हैं कि बघेल कैबिनेट में चेहरे बदल सकते हैं। दिल्ली जाने से पहले सीएम भूपेश बघेल से मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ”आलाकमान से अपॉइंटमेंट मिले तो होगी बात। इससे पहले कांग्रेस सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर सीएम मंत्रिमंडल में फेरबदल का जिक्र कर चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने बदलाव की गेंद हाईकमान के पाले में डाल दिया है। सीएम का बयान सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि अब सीएम बघेल के वापस लौटने का इंतजार है क्योंकि इसके बाद कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। खास बात ये है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा को लेकर दोनों दलों की अपनी-अपनी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कांग्रेस जहां इसे मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार बता रही है तो वहीं विपक्ष का दावा है कि फेरबदल से छत्तीसगढ़ की जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला।
बहरहाल सीएम भूपेश बघेल के दिल्ली दौरे और मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट से कुछ मंत्रियों के नींद जरूर उड़ेगी। क्योंकि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी बोल चुके है कि ये मत समझे कि मंत्री 5 साल के लिए हैं, समय- समय पर समीक्षा होगी और हमारे पास कई वरिष्ठ विधायक भी हैं। इसके बाद से मंत्रियों के परफॉर्मेंस पर भी नजर रखी जा रही है। अब देखना होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस पर क्या निर्णय लेगी क्योंकि मुख्यमंत्री के बयान के बाद ये तो तय है कि जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कैबिनेट से किसकी छुट्टी होगी और कौन सा नया चेहरा नजर आएगा ?