रायपुर. छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ काॅमर्स की वर्चुअल कार्यकारिणी बैठक में चैंबर चुनाव का ऐलान किया गया। शिवराज भंसाली को चुनाव अधिकारी नियुक्त करते हुए 14 जनवरी तक चुनाव कराना तय किया गया। चैंबर के इतिहास में पहली बार सदस्यों की मांग पर रायपुर के साथ दूसरे जिलों में भी मतदान कराने की मंजूरी दी गई। नए सदस्यों को मतदान का अधिकार देने के मामले में आम सहमति नहीं बनने पर इसका फैसला बाद में विधि विशेषज्ञों से सलाह के बाद लेने का निर्णय लिया गया। दूसरी संस्था से चुनाव लड़ने वालों को चुनाव लड़ने से रोकने की भी मांग उठी। पहली बार आयोजित वर्चुअल बैठक में महामंत्री लालचंद गुलवानी ने कार्यकाल का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, इसके बाद अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने चुनाव कराने का ऐलान किया, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया। इसके बाद सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किए गए। इसमें सबसे अहम सुझाव यह आया कि चैंबर के 17 हजार सदस्यों को रायपुर में मतदान करने के लिए बुलाना कोरोना को देखते हुए ठीक नहीं है। ऐसे में सभी जिलों में मतदान कराने की मांग कई सदस्यों ने रखी। इस पर आम सहमति से फैसला किया गया कि जिन स्थानों पर पांच सौ सदस्य हैं, वहां पर मतदान होगा। इसके लिए चुनाव अधिकारी को अधिकृत किया गया है कि वे फैसला करेंगे कि कहां-कहां मतदान होगा।
नए सदस्यों को मतदान की पात्रता पर पेंच
बैठक में राजेंद्र जग्गी ने मांग रखी कि कोरोना को देखते हुए नए सदस्यों को भी मतदान करने का अधिकार दिया जाए। इसका कई सदस्यों ने समर्थन भी किया। इस मामले में उपाध्यक्ष भरत बजाज ने संविधान का हवाला देते हुए कहा, जिनको छह माह पहले सदस्य बनाया गया है, वही मतदान के लिए पात्र होंगे। इस कार्यकारिणी की बैठक में जिनको सदस्य बनाया जा रहा है, वे पात्र नहीं हो सकते। अंत: में फैसला किया गया कि इस मामले में विधि विशेषज्ञों से राय लेने के बाद ही फैसला किया जाएगा।
दूसरी संस्था वालों को बाहर करें
बैठक में योगेश अग्रवाल ने किसी का नाम लिए बिना इशारों ही इशारों में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चैंबर के पूर्व अध्यक्ष अमर पारवानी पर निशाना लगाते हुए मांग की कि चैंबर को कमजोर करने के लिए समानांतर संस्था बनाने वालों को चैंबर से बाहर किया जाए। पूर्व में भी कार्यकारिणी में ऐसे लोगों को बाहर करने का फैसला हुआ था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका है। अब इस पर कार्रवाई की जाए। कोरिया के मनोज अग्रवाल ने भी ऐसी ही मांग रखी। हरख मालू ने चैंबर की छवि खराब करने वालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, लेकिन इस मामले में अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने हाथ खड़े करते हुए कह दिया, जाे अगले अध्यक्ष बनेंगे, फैसला वही करेंगे, अभी इस पर कोई फैसला नहीं हो सकता।
ज्यादा बैंक खातों पर आपत्ति
उपाध्यक्ष भरत बजाज ने अध्यक्ष से जहां व्यापार मेले का हिसाब-किताब मांगा, वहीं चैंबर के 8-9 बैंक खातों पर भी आपत्ति जताते हुए इनको कम करने की मांग रखी। व्यापार मेले के हिसाब-किताब में विलंब का कारण अध्यक्ष ने कोरोनाकाल को बताया, साथ ही बैंक खातों को कम करने का प्रयास करने की बात कही।
नवा रायपुर में हाे ऑफिस
चैंबर के आजीवन सदस्य सभापति प्रमोद दुबे ने सुझाव दिया कि आने वाले समय में नवा रायपुर ही मुख्य होगा, वहां पर चैंबर एनआरडीए से जमीन लेकर अपना कार्यालय बना ले। इस पर अध्यक्ष ने उनसे रायपुर शहर में ही कहीं दस हजार वर्ग फीट जमीन दिलाने का आग्रह किया।
20 फीसदी सदस्य भी नहीं जुड़े
कार्यकारिणी के 550 सदस्य हैं। इन सभी को बैठक का लिंक भेजा गया था, लेकिन मुश्किल से 20 फीसदी ही सदस्य बैठक में जुड़े। पहले ही कई पदाधिकारी यह दावा कर चुके थे कि बहुत कम सदस्य बैठक में शामिल होते हैं, ऐसे में बैठक को फिजिकल कराना था, लेकिन बैठक वर्चुअल कराई गई।