हिंदू धर्मगुरु नाथूराम गोडसे के कसीदे पढ़ कर ऐसे फंसे हैं कि चारों तरफ उनकी आलोचना हो रही है. इतनी ही नहीं उनके द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए इस्तेमाल किए अपशब्दों के चलते भी वह इस वक्त चर्चा में हैं. गोड़से की तारीफ के बाद कांग्रेस सहित कई संगठनों ने उनकी अलोचना की.
- हिंदू धर्मगुरु ने नाथूराम गोडसे के पढ़े कसीदे.
- राष्ट्रपिता को कहे अपशब्द.
- धर्म गुरु कालीचरण की हो रही आलोचना.
रायपुर: हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की रविवार को सराहना की और कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए एक कट्टर हिंदू नेता को सरकार के मुखिया के तौर पर चुनना चाहिए. कालीचरण महाराज ने रायपुर में एक संगठन द्वारा आयोजित धर्म संसद में अपने संबोधन में महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसकी सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने आलोचना की।
कालीचरण बोले- हमे सरकार में कट्टर हिंदू नेता का करना चाहिए चुनाव
यहां रावण भाटा मैदान में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन दिवस पर कालीचरण ने कहा, ‘हमारा मुख्य कर्तव्य क्या है – धर्म की रक्षा करना. हमें सरकार में एक कट्टर हिंदू राजा (नेता) का चुनाव करना चाहिए, भले ही वह (पुरूष या महिला) किसी पार्टी से संबंधित हो. हमारे घरों की महिलाएं बहुत अच्छी और सभ्य हैं और वे मतदान करने (चुनाव में) नहीं जाती हैं. जब सामूहिक बलात्कार होंगे तो आपके घर (परिवार) की महिलाओं का क्या होगा. महामूर्खों, मैं उन लोगों का आह्वान कर रहा हूं जो वोट देने नहीं जाते हैं.
कहा- नाथूराम गोडसे को करता हूं सलाम
उन्होंने कहा, ‘इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है. (विभाजन का जिक्र करते हुए) हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया. उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा किया. उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया. मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने गांधी की हत्या की.
कालीचरण ने कहा, ‘पुलिस हमें कहती है कि मुस्लिम बहुल इलाकों से भगवा जुलूस न निकालें. यह पुलिस की गलती नहीं है. पुलिस प्रशासन की गुलाम है जो सरकार की गुलाम है. सरकार नेता की गुलाम है. इसलिए, पुलिस तब तक समर्थन नहीं करेगी जब तक एक कट्टर हिंदू राजा (नेता) नहीं होगा.’ कालीचरण की इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा कि देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने वाले राष्ट्रपिता के खिलाफ इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
कांग्रेस बोली- रास्ते से भटक गया आयोजन
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जिस उद्देश्य के साथ यह आयोजन किया गया था, वह अपने रास्ते से भटक गया है. आजादी के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने वाले महात्मा गांधी को देशद्रोही बताया जा रहा है. मैं आयोजक से पूछना चाहता हूं कि जब राष्ट्रपिता के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा था तो उन्होंने इस पर आपत्ति क्यों नहीं की’. उन्होंने कहा, ‘मुझे खेद है, लेकिन मैं इस आयोजन से खुद को अलग कर रहा हूं.’ दास ऐसा कहकर मंच से चले गए. उधर, कालीचरण की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कार्यक्रम के आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा कि वह उनके (कालीचरण के) बयान से पूरी तरह असहमत हैं. कालीचरण के बयान की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘महात्मा गांधी के खिलाफ इस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल बेहद आपत्तिजनक है. कालीचरण को पहले यह साबित करना चाहिए कि वह एक संत हैं.’