छत्तीसगढ़: रायपुर की पुलिस टीम ने कालीचरण को एमपी के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पास से पकड़ा है। यहां बाबा जी एक छोटे से लॉज में कमरा लेकर रुके थे। रात के दो बजे पुलिस टीम ने पल्लवी गेस्ट हाउस नाम के लॉज में छापा मारा। दो गाड़ियों में पहुंची रायपुर पुलिस की टीम के कुछ कर्मचारियों ने नीचे पहरा दिया और अफसर ऊपर कालीचरण के कमरे में गए।
इस लॉज से पकड़ा गया कालीचरण।
तब कालीचरण यहां अपने 4 चेलों के साथ आराम फरमा रहा था। अचानक पुलिस को देख कालीचरण ने बहसबाजी शुरू कर दी। रायपुर पुलिस के अफसरों ने कहा- चलना तो पड़ेगा, विरोध करने का कोई फायदा नहीं है। इसके बाद टीम ने कालीचरण के घर वालों और वकील को खबर दे दी कि वो इसे लेकर रायपुर जा रहे हैं। कुछ देर लॉज में ही कालीचरण से पूछताछ के बाद टीम इसे लेकर रवाना हो गई।
एमपी की लोकल पुलिस।
बमीठा थाने की पुलिस झुंझलाई
छतरपुर के जिस हिस्से में लॉज है वो इलाका बमीठा थाने के तहत आता है। छत्तीसगढ़ पुलिस के एक्शन की जानकारी वहां की लोकल पुलिस तक को नहीं लगी। इस वजह से स्थानीय पुलिस की झुंझलाहट नजर आई, कालीचरण के पकड़े जाने की खबर मीडिया में सुबह होते ही फैल गई। फौरन थाने की टीम गेस्ट हाउस पहुंची और पल्लवी लॉज के संचालक राकेश तिवारी को पूछताछ के लिए थाने ले गई।
रायपुर कोर्ट में होगी पेशी।
राकेश तिवारी के बेटे शंकर ने बताया कि लॉज हमारा ही है, बागेश्वार धाम आश्रम में आने वाले लोग यहां रुकते हैं। शंकर के मुताबिक 4 सहयोगियों के साथ कालीचरण यहीं ठहरा था। कालीचरण के अलावा उसके दो साथियों को भी पुलिस साथ ले गई, इसके बाद बमीठा थाने से आई पुलिस मेरे पिता को ले गई है। सुबह MP के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस कार्रवाई को गलत बताया। हालांकि जवाब में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसे नियमों के तहत एक्शन करार दिया है।
महाराष्ट्र नहीं लौटा था कालीचरण
रायपुर में 26 दिसंबर की शाम धर्म संसद में महात्मा गांधी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद कालीचरण ट्रेन से रवाना हो गया था। खबर है कि तब वह महाराष्ट्र नहीं बल्कि MP गया था। हो सकता है कालीचरण ने MP को सुरक्षित माना हो। रायपुर के सिटी एसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि रायपुर से निकलने के बाद बाबा ने अपना फोन बंद कर दिया था।
कालीचरण के बचाव में उतरी भाजपा।
राजद्रोह का केस भी दर्ज
पुलिस ने बाबा के करीबियों का भी लोकेशन ट्रेस किया। रायपुर से पुलिस की टीमें दिल्ली, एमपी और महाराष्ट्र गई हुई थीं। एमपी की टीम को कालीचरण के बागेश्वर धाम के पास रुके होने की जानकारी मिली और उन्हें पकड़ा गया है। अब कोर्ट में पेश किया जाएगा। रायपुर के अलावा कालीचरण के खिलाफ पुणे, अकोला में भी केस दर्ज है।
रायपुर की पुलिस ने राजद्रोह की धाराएं भी इस केस में जोड़ी हैं। कालीचरण अकोला महाराष्ट्र का रहने वाला है। धर्म संसद में दिए गए विवादित बयानों को देखकर पहले धारा 294, 505(2) के तहत मामला दर्ज हुआ था। अब धारा 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A ,505(1)(B) , 124A इन धाराओं को भी जोड़ा गया है।
कालीचरण की गिरफ्तारी के खिलाफ भाजपा के पूर्व मंत्री विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ट्वीट किया।
अब समर्थन में अभियान शुरू
कालीचरण के गिरफ्तार होते ही इसके समर्थन में कई भाजपा नेताओं ने ट्वीट करना शुरू कर दिया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ट्वीटर पर लिखा – ऐसी कार्यवाही शासन का दुरुपयोग है, गांधी जी के सिद्धांतों के विरुद्ध है। अब हैश टैग रिलीज कालीचरण नाम का ट्वीटर ट्रेंड देशभर में चर्चा में आ चुका है।