रायपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के बाद छत्तीसगढ़ में भी होम आइसोलेशन की गाइडलाइन बदली है। नए नियमों के मुताबिक हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों को अब 7 दिन में ही होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किया जा सकता है। अब तक होम आइसोलेशन की अवधि 14 दिन निर्धारित थी।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक ने सभी जिलाें के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को होम आइसोलेशन के नए निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए सात दिन का होम आइसोलेशन ही काफी है। आइसोलेशन के आखिरी तीन दिनों यानी 5वें, 6वें और 7वें दिन मरीज को बुखार न आए तो डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
डिस्चार्ज करने से पहले किसी कोविड जांच की आवश्यकता नहीं होगी। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक बिना लक्षण वाले मरीज उनको कहा गया है, जिनको बुखार और खांसी नहीं है। उनका ऑक्सीजन लेवल भी 93 से अधिक है। कमजोर लक्षण वाले मरीजों की श्रेणी में उनको रखा गया है जिन्हें जुकाम, गले में खराश और बुखार तो है, लेकिन ऑक्सीजन लेवल 93 से कम नहीं हुआ है।
जवाहर लाल नेहरु स्मृति मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में इंटर्न डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए हैं।
रायपुर मेडिकल कॉलेज की सैद्धांतिक कक्षाएं स्थगित
जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज ने बढ़े हुए संक्रमण की वजह से MBBS की सैद्धांतिक कक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। अब ये कक्षाएं ऑनलाइन ही संचालित की जाएंगी। क्लिनिकल पोस्टिंग और विश्वविद्यालयीन परीक्षा पूर्व निर्धारित तारीखों पर ही होंगी। मेडिकल कॉलेज डीन ने सोमवार को इसका आदेश जारी किया।
10 दिनों में 14 गुना बढ़े मरीज, 4120 नए मरीज मिले
छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार बहुत तेज है। पिछले 10 दिनों में ही मरीजों की रोज मिलने वाली संख्या में 14 गुना का इजाफा हुआ है। एक जनवरी को प्रदेश भर में 279 नए मरीज मिले थे। 10 जनवरी को 4 हजार 120 नए मरीज मिले हैं। वहीं 358 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इनमें से 136 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। वहीं 222 लोगों को होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किया गया है।
तीसरी लहर में पहली बार चार मरीजों की मौत
छत्तीसगढ़ में ओमिक्रॉन की दहशत के बीच शुरू हुई कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार एक ही दिन में चार मरीजों की मौत हुई है। इसमें दो मरीजों को केवल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। वहीं दो लोगों को कोरोना के अलावा दूसरी गंभीर बीमारियां भी थीं। राजधानी रायपुर में ही तीन लाेगाें की मौत हुई है। बिलासपुर में भी एक मरीज की मौत हो गई है। कोरोना की शुरुआत से अब तक 13 हजार 619 लोगों की जान इस महामारी की वजह से हो चुकी है।
कोरोना की जांच कराने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। इस बीच संक्रमितों की संख्या भी 14 गुनी हो गई है।
10 दिनों में दो गुना से अधिक हुई जांच
सोमवार को प्रदेश भर में 53 हजार 157 लोगों के सैंपल लिए गए। यह जनवरी की शुरुआत की जांच से दो गुनी है। एक जनवरी को 23 हजार 590 लोगों की जांच की गई थी। वहीं दिसंबर के आखिरी सप्ताह में औसतन 20 हजार नमूने रोजाना लिए गए थे। वहीं पिछले एक सप्ताह यानी 3 से 9 जनवरी के बीच 2 लाख 71 हजार 912 कोरोना नमूने लिए जा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
दुर्ग-कोरबा-बिलासपुर में भी बिगड़े हालात
छत्तीसगढ़ में रायपुर जिला कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पाट बना हुआ है। यहां सोमवार को एक हजार 185 नए मरीज मिले। इनको मिलाकर यहां कोरोना मरीजों की संख्या 5 हजार 904 हो गई है। सोमवार को दुर्ग जिले में 479 नए मरीज मिले। बिलासपुर में 459, कोरबा में 426 और रायगढ़ में 342 नए मरीज मिले हैं। अब बिलासपुर में 2 हजार 407, रायगढ़ में 2 हजार 137 और दुर्ग में 2 हजार 101 एक्टिव मरीज हो गए हैं।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए रायपुर में रोको अउ टोको अभियान शुरू हुआ है।
बस्तर में भी संक्रमण का खतरा बढ़ा
अभी तक बस्तर के अधिकांश जिलों में बहुत कम संक्रमण मिल रहा था। सोमवार को आए आंकड़ों में यहां भी खतरा बढ़ा हुआ दिखा है। सबसे अधिक 54 मरीज बस्तर जिले में सामने आए। कोण्डागांव में 12, दंतेवाड़ा में 29 और सुकमा जिले में 28 नए मरीजों का पता चला है। सोमवार को ही कांकेर में 38, नारायणपुर में 11 और बीजापुर जिले में 37 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। बस्तर संभाग के जिलों में इस समय 594 एक्टिव केस हैं।