Saturday, September 28, 2024




Homeछत्तीसगढ़कोरबाBCC News 24: छत्तीसगढ़ के डाकलिया परिवार ने 30 करोड़ की संपत्ति...

BCC News 24: छत्तीसगढ़ के डाकलिया परिवार ने 30 करोड़ की संपत्ति दान कर ली ‘दीक्षा’.. सभी 5 सदस्यों ने प्रॉपर्टी, सुख-संपत्ति और आराम का जीवन त्यागकर चल पड़ा संयम के पथ पर, पढ़िए पूरी कहानी

राजनांदगांव: डाकलिया परिवार छत्तीसगढ़ के लिए एक पहचाना हुआ नाम है। परिवार ने 30 करोड़ की संपत्ति दान कर दीक्षा ले ली है। करोड़ों की प्रॉपर्टी, सुख संपत्ति और आराम का जीवन त्यागकर परिवार संयम के पथ पर चल पड़ा है। डाकलिया परिवार के 5 सदस्यों ने एक साथ दीक्षा ली।

एक सदस्य की दीक्षा स्वास्थ्यगत कारणों से नहीं हो सकी, जो 5 फरवरी को राजिम में दीक्षा लेंगी। मुमुक्षु भूपेंद्र ने बताया कि उनकी प्रॉपर्टी करोड़ों में है। जिसमें जमीन, दुकान से लेकर दूसरी संपत्ति शामिल है। 9 नवंबर को उनके परिवार ने दीक्षा लेने का अंतिम निर्णय लिया। इसके बाद पूरा परिवार एक साथ संयम के पथ पर चल पड़ा। जैन धर्म के लोगों ने बताया कि खरतरगच्छ पंथ में ऐसा पहली बार है, जब पूरे परिवार ने एक साथ दीक्षा की है।

ये है मुक्ता जो 5 फरवरी को दीक्षा लेंगी

ये है मुक्ता जो 5 फरवरी को दीक्षा लेंगी

दवा व्यवसायी रहे मुमुक्षु भूपेंद्र डाकलिया ने बताई दीक्षा की कहानी, पढ़िए उन्हीं की जुबानी…
परिवार साल 2011 में रायपुर के कैवल्यधाम गया था। तभी सबसे छोटे बच्चे हर्षित के मन में दीक्षा का भाव जागा। तब हर्षित की उम्र 6 साल की थी। हर्षित ने गुरु के सानिध्य में हंसते-हंसते अपना केश लोचन कराया था। इसके बाद चारों बच्चों में धीरे-धीरे दीक्षा का भाव पैदा हुआ। कैवल्यधाम से लौटने के कुछ दिनों बाद ही बच्चों ने एक साथ संयम की राह में चलने दीक्षा लेने की बात कही। लेकिन तब सभी बच्चों की उम्र काफी कम थी, मैने सभी का परिपक्व होने का इंतजार किया। दस साल बाद जब सभी जब लगभग परिपक्व हो गए तो भी उनके मन का भाव नहीं बदला, और दीक्षा की राह में चलने का फैसला अडिग रहा। तब मैंने उनके फैसले पर सहमति जता दी।

चारों बच्चों के मन के भाव को देखकर उनके और उनकी पत्नी के मन में भी संयम पथ पर चलने का भाव जागा। बच्चों को देखकर हमारी भी मनोदशा बदली। इसके बाद मैंने और मेरी पत्नी ने बच्चों के साथ ही दीक्षा लेने का संकल्प ले लिया। सभी ने दीक्षा का अंतिम निर्णय 9 नवंबर 2021 को एक साथ लिया। इसकी जानकारी परिवार के दूसरे सदस्यों को दी। गुरुवार को सभी का दीक्षा संस्कार जैन बगीचा में पूरा हुआ। जहां से सभी सदस्य संयम की राह पर चल पड़े। दीक्षा संस्कार होते ही परिवार के सभी मुमुक्षुओं को अलग कर दिया गया।

ये हैं परिवार के सदस्यों के नाम
राजनांदगांव के गंज चौक में रहने वाले मुमुक्षु भूपेंद्र डाकलिया (47) के साथ उनकी पत्नी सपना डाकलिया (45) और उनके चार बच्चे महिमा डाकलिया (22), देवेंद्र डाकलिया (18) व हर्षित डाकलिया (16) का दीक्षा समारोह हुआ। हालांकि मुमुक्षु मुक्ता डाकलिया (20) की दीक्षा स्वास्थ्यगत कारण से संपन्न नहीं हो सकी। उनकी दीक्षा राजिम में होगी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -


Most Popular