Sunday, September 29, 2024




Homeछत्तीसगढ़कोरबाBCC News 24: छत्तीसगढ़- झोलाछाप डॉक्टर पर केस.. थाने के पास 25...

BCC News 24: छत्तीसगढ़- झोलाछाप डॉक्टर पर केस.. थाने के पास 25 साल से बिना डिग्री के चला रहा था क्लिनिक; नर्सिंग कॉलेज के सुपरवाजर की मौत के बाद फरार हो गया बंगाली डॉक्टर

'झोलाछाप डॉक्टर भी अब फ्रंटलाइन वर्कर!' BJP नेता ने की मांग, केंद्रीय मंत्री का समर्थन, CMHO की न

छत्तीसगढ़: बिलासपुर में झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है आरोपी डॉक्टर पुलिस गिरफ्त से बाहर है। उसने कुछ दिन पहले नर्सिंग कॉलेज के सुपरवाजर को कमर में दर्द होने पर इंजेक्शन लगाया, तब महज एक घंटे के भीतर उसकी मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन से मौत हुई है। खास बात यह है कि बंगाली डॉक्टर 25 साल से थाने के पास बिना डिग्री लिए क्लिनिक चला रहा था। फिर भी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। घटना मस्तूरी थाना क्षेत्र की है।

दुर्ग जिले के साजा क्षेत्र के देउरगांव में रहने वाले मुरली यादव (27) संदीपनी नर्सिंग कालेज में सुपरवाइजर थे। सोमवार सुबह उनके कमर में दर्द हुआ, तब इलाज के लिए वे मस्तूरी में रहने वाले झोलाछाप प्रीतेश कुमार मंडल के पास उपचार कराने गए। डॉक्टर ने उनकी कमर में नेरोबियान इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगवाने के बाद वे अपने घर लौट गए। घर पहुंचते ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने अपने साथियों को इसकी जानकारी दी। तब उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच उनकी मौत हो गई।

जांच के बाद दर्ज किया केस
मस्तूरी TI प्रकाश कांत ने बताया कि कॉलेज सुपरवाइजर की मौत के बाद पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने परिजन को बुलाया और शव का पोस्टमार्टम कराया। इससे पहले ही झोलाछाप डॉक्टर फरार हो गया था। जांच के दौरान पुलिस ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर की राय ली है। जिसमें इलाज में लापरवाही व गलत इंजेक्शन लगाने की बात सामने आई है। जिसके आधार पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ धारा 304 के तहत केस दर्ज किया गया है।

बिना बोर्ड लगाए घर में ही चला रहा था क्लिनिक
पुलिस ने बताया कि आरोपी डॉक्टर अपने घर के सामने हिस्से में कमरा बनाया था, जहां वह बिना बोर्ड लगाए ही क्लिनिक चला रहा था। आसपास के लोगों ने बताया कि पहले उसके घर के सामने बंगाली डॉक्टर दवाखाना का बोर्ड लगा था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया, तब उसने अपना बोर्ड हटा दिया था। इसके बाद से वह बिना बोर्ड लगाए ही क्लिनिक चला रहा था।

नर्सिंग कॉलेज का स्टाफ, फिर भी क्यों गए झोलाछाप के पास
नर्सिंग कॉलेज स्टाफ की मौत से अब कई सवाल उठने लगा है। नर्सिंग कॉलेज के होते हुए वहां के स्टाफ को झोलाछाप के पास क्यों ले जाया गया। तबीयत बिगड़ने पर नर्सिंग कॉलेज में उसके उपचार की व्यवस्था नहीं थी क्या। अगर नहीं थी तो उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाना था। लेकिन, पुलिस इस दिशा में अभी तक कोई जांच नहीं कर रही है। और न हीं स्टाफ व प्रबंधन से चर्चा की है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -


Most Popular