Friday, March 29, 2024
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राजस्थान में ‘रावण’ चढ़ा पुलिस के हत्थे, मामला पहुंचा हाई कोर्ट..

जयपुर: देश भर में दशहरे और विजयदशमी पर रावण अपनी गति को प्राप्त हो चुका है लेकिन राजस्थान में ‘रावण’ पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. पुलिस के हत्थे चढ़ा रावण थाने में पड़ा है. अब रावण की ‘मुक्ति’ के लिए घमासान छिड़ गया है. रावण की रिहाई की मांग की जा रही है. मामला अब हाई कोर्ट तक पहुंच गया है.

क्या है मामला
दरअसल दशहरे पर राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित प्रतापनगर में रावण दहन का कार्यक्रम होना था. इसके लिए ‘प्रतापनगर विकास समिति’ ने रावण का पुतला बनवाया. स्थानीय लोग रावण का पुतला फूंक सकते इससे पहले ही पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने लोगों को रावण दहन से रोक दिया. लोग मानने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस रावण के पुतले को अपने साथ ले आई और अब रावण पड़ा है थाने में. अब इस मामले पर विवाद गहरा रहा है.

‘सात दिन में पुतला वापस मिले’
स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्रवाई को लेकर आक्रोश है. प्रतापनगर विकास समिति के महासचिव का कहना है कि हमने कोरोना को देखते हुए पहले ही पुलिस को सूचित कर दिया था कि हम सिर्फ रावण दहन करेंगे, इसके अलावा कोई कार्यक्रम नहीं होगा. इसके बाद भी पुलिस आ गई और रवाण का पुतला अपने साथ ले गई. अधिकारियों ने ये बहुत गलत किया है, हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाई है. प्रतापनगर विकास समिति ने सात दिन के अंदर उनका रावण जिस स्थिति में था उसी स्थित में वापस करने की मांग की है.

क्या कहना है पुलिस का
वहीं एसएचओ प्रतापनगर का कहना है, ‘कोरोना गाइडलाइन के अनुसार भीड़-भाड़ न हो इसके मद्देनजर रावण दहन के लिए मनाही की गई थी. इसके बावजूद प्रतापनगर में लोग रावण का पुतला जलाने के लिए लाए. जब समिति ने हमारा आदेश मानने से मना कर दिया, तो हम रावण का पुतला थाने में ले आए.’

मामला पहुंचा हाईकोर्ट
मामला अब पुलिस पब्लिक से आगे निकल गया है. प्रतापनगर विकास समिति ने रावण का पुतला उन्हें यथावत सुपुर्द किया जाए इस मांग को लेकर हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर दी है. हाई कोर्ट में समिति की पैरवी कर रहे वकील विकास सोमानी ने बताया है कि अर्जी पर सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी.

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