Sunday, October 6, 2024




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BCC News 24: BIG न्यूज़- इस मंदिर में भूतों का लगता है जमघट!.. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग, नवरात्र पर उमड़ती है भीड़

बिहार: गोपालगंज के लछवार स्थित दुर्गा मंदिर हर नवरात्र की तरह इस बार भी बेहद चर्चा में है। माता के दर्शन के साथ ही यहां श्रद्धालु यहां प्रेतों का इलाज करने पहुंच रहे हैं। दृश्य डरावना भी है। एक महिला बालों को खोल जोर-जोर से अपने सिर को हिला रही है तो दूसरी एक ही जगह पर दौड़ती दिख रही है। इसकी वजह है प्रेत बाधा से मुक्ति। स्थानीय इसे भूतों का मेला भी कहते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की माने तो प्रेत बाधा से मुक्ति का यहां सरल साधन है। यहां आने वाले लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं।

मंदिर से जुड़ी है 200 साल पुरानी कहानी।

मंदिर से जुड़ी है 200 साल पुरानी कहानी।

ऐसी मान्यता है कि यहां के मिट्टी स्पर्श मात्र से प्रेतात्माएं शरीर छोड़ देती हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि पूर्व में यह देवी स्थान गांव के पश्चिम दिशा में स्थापित था। लगभग 200 साल पूर्व नारायण टोला सिंहपुर निवासी बाबा कल्लू पाण्डेय को देवी ने दर्शन दिया। तब देवी ने उनसे कहा, ‘मेरे इस स्थान को गांव के पूरब दिशा में ले चलो।’ इसके बाद बाबा ने नारायणपुर पंडित टोला के पूरब में देवी के स्थान को अपने ही जमीन में स्थापित कर पूजा करने लगे।

हर साल नवरात्र के मौके पर दुर्गा मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ जुटती है।

हर साल नवरात्र के मौके पर दुर्गा मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ जुटती है।

हर साल नवरात्र के मौके पर दुर्गा मंदिर में दूर-दराज से भक्त आते हैं। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों को मां की असीम कृपा प्राप्त होने के साथ ही उनके दु:ख और रोग नष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि ऐतिहासिक लछवार धाम को भूत प्रेत बाधा से मुक्ति धाम भी कहा जाता है। यहां यूपी से लेकर नेपाल तक के भक्त दर्शन करने आते हैं और असाध्य पीड़ा से मुक्ति पाकर अपने घर जाते हैं।

बाबा या तांत्रिक के चक्कर में नहीं रहना चाहिए: डॉक्टर

इस मामले पर डॉक्टरों की राय एकदम अलग है। मनोवैज्ञानिक डॉ. फिरोज खान ने बताया कि यह एक मानसिक बीमारी है, जो महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। उन्होंने कहा, ‘जो महिला ज्यादा इमोशनल कमजोर होती हैं या फिर जो पारिवारिक मानसिक रूप से प्रताड़ित होती हैं। उनमें ये बीमारी ज्यादा देखी जाती है। ऐसी महिलाओं के परिजनों को किसी बाबा या तांत्रिक के चक्कर में ना रहकर सीधे मानसिक अस्पताल में डॉक्टर से उचित सलाह लेकर इलाज शुरू करवाना चाहिए।’

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