Monday, September 30, 2024




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BCC News 24: छत्तीसगढ़- जिला न्यायालय के आदेश पर 2 TI और SI पर FIR.. दहेज प्रकरण में गलत विवेचना और दस्तावेजों से कूटरचना करने में पाए गए दोषी, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

दुर्ग: जिला न्यायालय ने दहेज प्रकरण के मामले में दो टीआई और एसआई को गलत विवेचना और दस्तावेजों से कूटरचना करने का दोषी पाया है। न्यायालय ने भिलाई नगर टीआई को आदेशित किया है कि वो दहेज प्रकरण की शिकायतकर्ती सहित तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की रिपोर्ट भी न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता एके मिश्रा ने बताया कि उतई रोड में रहने वाली 24 वर्षीय युवती प्रतिभा सिंह ने दीपक त्रिपाठी, उसके भाई रवि और पिता बृजभूषण त्रिपाठी व चाचा मोहन त्रिपाठी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में दीपक की गिरफ्तारी हो जाने के बाद उसके पिता बृजभूषण त्रिपाठी ने 8 अक्टूबर 2020 को एसपी से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि टीआई और जांच अधिकारी ने सीआरपीसी की धारा 41 (1)(क) का पालन नहीं किया। आरोप लगाया कि सूचना के अधिकार के तहत उन्हें जो दस्तावेज मिले हैं उसमें भी कूटरचना की गई है।

धारा 41 (1)(क) का प्रारूप जो जमा किया गया है, उसमें दीपक के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। साथ ही बृजभूषण त्रिपाठी ने तत्कालीन महिला थाना प्रभारी ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई जांच और कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद बृजभूषण त्रिपाठी ने मामले की शिकायत आईजी दुर्ग और हाईकोर्ट से की थी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर उन्होंने जिला न्यायालय में प्रकरण को लगाया। जिला न्यायालय दुर्ग में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सोनी तिवारी ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने सुनवाई करते हुए पाया कि धारा 41 (1)(क) के प्रारूप में फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। साथ ही मामले की विवेचना गलत तरीके से करके धारा 498ए, 506 व 34 का मामला दर्ज किया गया है। न्यायाधीश सोनी तिवारी ने भिलाई नगर थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि इस मामले पर विधिवत अपराध दर्ज करके 30 अप्रैल तक प्रथम सूचना पत्र की एक कॉपी उनके न्यायालय में पेश करें।

चार लोगों के खिलाफ न्यायालय में लगाया परिवाद

दीपक त्रिपाठी की तरफ से आवेदन करके न्यायालय में तत्कालीन महिला थाना प्रभारी सी तिर्की, महिला थाना प्रभारी प्रभा राव, एसआई मोहनी साहू और देहज प्रताड़ना का गलत आरोप लगाने वाली प्रतिभा सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था। इस मामले में भिलाई नगर थाना प्रभारी एमएल शुक्ला का कहना है कि उनके पास अभी आदेश नहीं आया है। जैसे ही न्यायालय का आदेश आएगा, उच्चाधिकारियों से निर्देश लेकर एफआईआर दर्ज किया जाएगा।

परिवार पर लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप

रवि त्रिपाठी ने बताया कि दहेज प्रताड़ना की शिकायत करने वाली युवती प्रतिभा सिंह ने दीपक त्रिपाठी से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। दीपक और प्रतिभा दोनों करीब एक से डेढ़ साल तक साथ रहे। इस बीच दीपक ने शादी की बात अपने घर में छिपाकर रखी और प्रतिभा कभी भी ससुराल नहीं गई। इसके बाद उसने दीपक सहित उसके छोटे भाई, पिता और चाचा को दहेज प्रताड़ना का आरोपी बना डाला। बृजभूषण त्रिपाठी खुद पुलिस में था और गलत आरोप लगाने जाने की बात कहता रहा, लेकिन तत्कालीन टीआई और जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर करते हुए गिरफ्तारी की।

क्या है सीआरपीसी धारा 41 (1)(क)

तीन साल से अधिक की सजा में कोई भी एफआईआर होती है। तो आरोपी पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। सीआरपीसी 41 (1)(क) की नोटिस दी जाती है। इसके बाद ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाता है।

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