Friday, April 26, 2024
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पूर्व पार्षद को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की आरोपी IPS मनीषा चौधरी रिलीव..हुआ केस दर्ज….

  • केंद्र सरकार ने 10 नवंबर को चंडीगढ़ की सिक्योरिटी और ट्रैफिक SSP पद पर किया था पदोन्नत
  • पूर्व पार्षद मामले में SIT जांच के बाद होनी है दोषियों की गिरफ्तारी, परिजन भी कर रहे थे मांग

हरियाणा गृह मंत्रालय के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा की ओर से शनिवार को पत्र जारी करके पानीपत की SP मनीषा चौधरी को तत्काल प्रभाव से रिलीव करने का निर्देश दिया गया है। हरियाणा कैडर की IPS मनीषा चौधरी को केंद्र सरकार ने 10 नवंबर को चंडीगढ़ की सिक्योरिटी और ट्रैफिक SSP के पद पर पदोन्नत किया था, लेकिन रिलीविंग को होल्ड कर लिया था। SP मनीषा चौधरी समेत तीन पुलिस अफसरों के खिलाफ पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनके सहयोगी राजेश शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज है।

पूर्व पार्षद हरीश शर्मा ने 19 नवंबर को बिंझौल नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनको बचाने के प्रयास में सहयोगी राजेश शर्मा की भी डूबने से मौत हुई थी। पूर्व पार्षद के परिजनों ने SP मनीषा चौधरी, तत्कालीन तहसील कैंप चौकी इंचार्ज बलजीत और SI हरबीर को दोषी ठहराया था। काफी हंगामे और गृह मंत्री अनिल विज के हस्तक्षेप के बाद SP मनीषा चौधरी समेत तीनों पुलिस अफसरों के खिलाफ 23 नवंबर को मॉडल टाउन थाने में पूर्व पार्षद व उनके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच के लिए SIT गठित की गई।

किसान आंदोलन के कारण अभी तक इस मामले की जांच शुरू नहीं हो पाई थी। अब जांच शुरू होने से पहले ही IPS मनीषा चौधरी को पानीपत SP के पद से रिलीव कर दिया गया है। माना जा रहा है कि जांच प्रभावित न हो, इस मकसद से रिलीव किया है।

परिजन कर रहे थे मांग
पूर्व पार्षद हरीश शर्मा के परिजनों का कहना है कि IPS मनीषा चौधरी पानीपत की SP रहते हुए उनके खिलाफ होने वाली जांच को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए वह SP के ट्रांसफर और बाकी दो पुलिस अफसरों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। बीते दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ भी उनके परिजनों से मिले। तब भी परिजनों ने यह मांग उठाई थी। हरियाणा सरकार ने अभी तक होल्ड किए गए उनके ट्रांसफर के आदेश को बदलकर तत्काल रिलीव करने के निर्देश जारी किए हैं।

यह था मामला
पटाखे बेचने के आरोप में दिवाली के दिन तहसील कैंप पुलिस चौकी में पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनकी पार्षद बेटी अंजली शर्मा समेत 10 लोगों के खिलाफ 11 धाराओं में केस दर्ज किया गया था। FIR में बेटी का नाम होने और घर पर दिन-रात पुलिस की दबिश से परेशान पूर्व पार्षद हरीश शर्मा ने 19 नवंबर को बिंझौल नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उन्हें बचाने के प्रयास में राजेश शर्मा भी डूब गए। इस मामले में परिजनों ने SP मनीषा चौधरी, तत्कालीन तहसील कैंप चौकी इंचार्ज और SI को दोषी ठहराया था।

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