Thursday, April 25, 2024
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मौत के मामले में फरार IPS और सिपाही पर 25-25 हजार का इनाम..संपत्ति कुर्क करने की भी चल रही है कार्रवाई….

  • 7 सितंबर को कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने वीडियो वायरल कर IPS और पुलिसकर्मियों पर लगाए थे गंभीर आरोप
  • अगली सुबह गोली लगने से घायलावस्था में मिले थे, 13 सितंबर को कानपुर में हुई थी मौत, दो व्यापारियों समेत 5 पर दर्ज हुई थी FIR

उत्तर प्रदेश के महोबा में कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध मौत के मामले में फरार चल रहे IPS मणिलाल पाटीदार और सिपाही अरुण यादव पर सोमवार को SP अरुण कुमार श्रीवास्तव ने 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है। वहीं, जल्द ही IPS पाटीदार पर एक और FIR दर्ज हो सकती है। अवैध वसूली के मामले में FIR के लिए अभियोजन अधिकारियों से परामर्श लिया जा रहा है। दोनों की संपत्ति भी कुर्क करने की तैयारी चल रही है।

15 नवंबर को स्पेशल कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था

पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि IPS मणिलाल पाटीदार समेत तीन पुलिसकर्मियों को 15 नवंबर को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था। बुधवार को पुलिस ने तत्कालीन कबरई थाने के प्रभारी रहे देवेंद्र शुक्ला को झांसी बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। 84 दिन बाद इस केस में किसी पुलिसकर्मी की यह पहली गिरफ्तारी थी। इससे पूर्व दो क्रशर कारोबारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

यह है पूरा मामला

कबरई के मोहल्ला जवाहर नगर निवासी क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी 7 सितंबर को तत्कालीन SP मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया था। कारोबारी ने वीडियो व पत्र सीएम और डीजीपी को भी भेजा था। वीडियो में व्यापारी ने कबरई पत्थरमंडी ठप होने के चलते पैसे न देने की असमर्थता जताई थी। साथ ही एसओ पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उसने हत्या की आशंका भी जताई थी। इसी बीच अगली सुबह इंद्रकांत अपनी कार में घायल मिले। उनके गले पर गोली लगी थी। उन्हें इलाज के लिए कानपुर के रीजेंसी अस्पताल भेजा गया। लेकिन 13 सितंबर को मौत हो गई।

मामले में 11 सितंबर को ही शासन के निर्देश पर पुलिस ने IPS मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, सिपाही अरुण यादव और दो व्यापारियों पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया। वहीं, योगी सरकार ने SIT का गठन किया, जिसमें आत्महत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में मामला दर्ज किया गया।

हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, संपत्ति कुर्क करने की चल रही कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शासन ने IPS मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड किया था। उन्हें पुलिस महानिदेशक कार्यालय से अटैच किया गया। लेकिन, वे फरार हो गए। उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। इस बीच महोबा कोर्ट ने कुर्की की कार्रवाई भी शुरू की है।

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