Friday, April 19, 2024
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- माफी मांगकर तीनों कानून वापस ले केंद्र सरकार….पूरे मंत्रिमंडल के साथ किसानों का किया समर्थन…

कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, रविंद्र चौबे, प्रेमसाय सिंह टेकाम, अमरजीत भगत आदि भी मौजूद रहे।

  • भाजपा के आरोपों के जवाब में आक्रामक हुए मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ मंगलवार को भारत बंद के समर्थन में आए। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में संवाददाताओं से चर्चा में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से तीनों विवादित कानूनों को वापस लेकर देश से माफी मांगने की मांग की। लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में एपीएमसी में ऐसे ही बदलाव संबंधी वादों को लेकर भाजपा के उठाए सवालों पर मुख्यमंत्री ने आक्रामक जवाब दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमने जो घोषणापत्र जारी किया उसपर जनता ने हमको नकार दिया।

तो फिर हमारे घोषणापत्र का क्या औचित्य रह गया। अगर हमको बहुमत मिलता तो एपीएमसी संबंधी उस वादे को ठीक तरह से लागू करते। तब हमारी जिम्मेदारी थी। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा के लोग भी मंडल-कमंडल किए थे। आरक्षण की बात किए थे। लागू किया तो पूरे देश में आग लग गई। हमारी सरकार ने आरक्षण लागू किया तो कहीं लाठीचार्ज नहीं हुआ, बंद नहीं हुआ। कांग्रेस को ऐसा करना आता है। उसके पास अनुभव है।

मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा झूठ बोलने की फैक्ट्री है। ये लोगों को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन अब किसान गुमराह नहीं हो रहे हैं। यह काला कानून है, इसे वापस लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री किसान तो हां या ना में बात कर रहा है। संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं है। हमको यह चाहिए ही नहीं। आप मंडी कानून में सुधार करिए कौन रोक रहा है। पूरे देश में समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार की हठधर्मिता की वजह से हजारों-लाखों किसान सड़कों पर बैठे हैं। आंसू गैस और लाठी चार्ज के बाद भी वे डटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसे समय में किसानों को दबाने और कुचलने के बाद बात करके केवल समय काटने का काम नहीं करना चाहिए। किसान तो केवल हां या ना में जवाब मांग रहा है। काले कानून आप खत्म कर रहे हैं अथवा नहीं कर रहे हैं। इसीलिए किसान दिल्ली घेरकर बैठे हैं।

निजी मंडियों का विरोध नहीं, एमएसपी की गारंटी चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा, तीनों कानून 62 करोड़ किसानों के खिलाफ है। कांग्रेस ने इसका शुरू से ही विरोध किया है। निजी मंडियों का विरोध नहीं, लेकिन यह सुनिश्चित कर दें कि निजी व्यापारी हो अथवा पैन कार्डधारी कोई व्यक्ति वह न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदी नहीं कर पाएगा। और सरकार पूरे देश में समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी की व्यवस्था करे।

बिहार और छत्तीसगढ़ की तुलना कर समझाया

मुख्यमंत्री ने कहा, जो कानून आप बना रहे हैं, वह बिहार में 2006 से लागू है। एपीएमसी खत्म है। वहां 700-800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बिक रहा है। यही हालत पूरे देश में होने वाली है। वहीं, छत्तीसगढ़ में 94 प्रतिशत किसानों को धान, मक्का और गन्ने का समर्थन मूल्य मिल रहा है। यह सरकार की व्यवस्था की वजह से हुआ है। जब छत्तीसगढ़ में ऐसा किया जा सकता है वह पूरे देश में क्यों नहीं लागू किया जा सकता। समर्थन मूल्य पर यहां खरीदा जा सकता है तो पूरे देश में क्यों नहीं खरीदा जा सकता।

छत्तीसगढ़ मॉडल की वकालत

मुख्यमंत्री ने कहा, यही अन्नदाता है, जिसने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को संभाला हुआ है। पूरे देश में जहां दूसरे क्षेत्रों में डी-ग्रोथ रहा वहां कृषि क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज हुआ। यही एग्रीकल्चर सेक्टर है जहां राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना का पैसा सरकार ने दिया। लघु वन उपजों की खरीदी हुई तो पूरे देश में मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ में इसका असर नहीं दिखा। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मॉडल को ही पूरे देश में लागू क्यों नहीं किया जा सकता।

आंदोलन को बताया निर्णायक लड़ाई

मुख्यमंत्री ने कहा, पहले अंग्रेज हिंदुस्तान को लूट रहे थे। अब केंद्र में बैठी भाजपा सरकार के जो पूंजीपति साथी हैं वे देश के किसानों को लूटने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक आपने रेलवे स्टेशन, हवाई अड्‌डा बेचा, नवरत्न कंपनियां बेच रहे हैं। उससे भी मन नहीं भरा। अब उनकी नजर किसानों की जमीन पर है। किसान इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसान उठ खड़ा हुआ है। एक निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है।

भाजपा को बताया अंग्रेज समर्थक

मुख्यमंत्री ने कहा, ये अंग्रेजों के समर्थक हैं। अंग्रेज लड़ाते थे। तिलक जी ने कहा, हिंदू-मुसलमानों को मिलाओ और अंग्रेजों से सीधी लड़ाई लड़ो। ऐसा हुआ और अंग्रेजों को भागना पड़ा। अब ये क्या कर रहे हैं एनआरसी-सीएए का शिगूफा छोड़कर फिर हिंदू-मुसलमान करने लगे हैं। अब अंग्रेजों की वजह पूंजीपतियों ने ले ली है। ये वही काम कर रहे हैं जो अंग्रेज करते थे।

आंदोलन गैर राजनीतिक, कांग्रेस केवल समर्थन में

मुख्यमंत्री ने साफ किया कि किसानों का आंदोलन अभी भी गैर राजनीतिक है। किसानों ने बंद का आह्वान किया था। हमने समर्थन किया। पूरे देश का किसान इस मामले में एकजुट हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने इसका समर्थन किया हुआ है।

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