Wednesday, April 17, 2024
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आंदोलन की चेतावनी: सरकार को चेताया- 5 दिन में MP के प्राइवेट स्कूल नहीं खोले तो CM बंगला घेरेंगे; 15 दिसंबर से ऑनलाइन क्लास भी बंद…

मध्यप्रदेश सरकार के 31 मार्च तक शैक्षणिक संस्थाओं के बंद करने के निर्णय के खिलाफ निजी शैक्षणिक संस्थानों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार को 5 दिन का समय दिया है।

  • भोपाल में एसोसिएशन ऑफ अन एडिट प्राइवेट स्कूल मध्य प्रदेश के साथ यूनिवर्सिटी भी आईं
  • बोले- आप स्कूल खोलने की अनुमति दें, गाइडलाइन का पालन करेंगे, मंशा साफ करें

कोरोना काल से बंद पड़े प्राइवेट स्कूलों को लेकर संचालकों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने स्कूल नहीं खोलने पर ऑनलाइन क्लासेस भी बंद करने की चेतावनी दी है। इसके लिए सामूहिक घोषणा करते हुए कहा कि सरकार को पांच दिन की मोहलत दी जा रही है। यदि वह स्कूल नहीं खोलने देती तो 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री के निवास का घेराव किया जाएगा। उसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो अगले ही दिन से ऑनलाइन क्लासेस बंद कर देंगे। हमारे पास अब इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।

उनका कहना है कि यह शैक्षणिक संस्थान से जुड़े 30 लाख परिवारों का सवाल है। जब मॉल, मंदिर, पिकनिक स्पॉट, बाजार, दुकानें और सिनेमाघर सब खुल रहे हैं, तो सिर्फ स्कूल में कोरोना का डर कैसा? शासन अपनी मंशा साफ करे, क्योंकि यह बच्चों के साथ ही कई परिवारों के भविष्य का भी सवाल है। प्रदेश में 74 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने के चक्कर में शासन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर सरकार फिर भी नहीं मानती है, तो 15 दिसंबर को प्रदेश में प्राइवेट शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन क्लास बंद कर देंगे।

यह चेतावनी भोपाल में बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल, सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर मध्य प्रदेश, एसोसिएशन ऑफ टेक्निकल एंड प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट एमपी, संस्था संगठन बैरागढ़ भोपाल, जबलपुर अन-एडिड स्कूल एसोसिएशन, इंडिपेंडेंट स्कूल एयलाइंस इंदौर, ग्वालियर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन समिति, सहोदय ग्रुप ऑफ सीबीएसई स्कूल भोपाल, ग्वालियर सहोदय ग्रुप ने दी है। उन्होंने सरकार से मनमानी बंद करते हुए संस्थान खोले जाने की वकालत की है।

सरकार पर लगाए आरोप

संस्था के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि सरकार मनमानी कर रही है। बच्चों के भविष्य का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इसमें करीब 30 लाख परिवार के सामने सुसाइड करने का संकट आ गया है। क्योंकि अब निजी शैक्षणिक संस्थान किसी को भी वेतन देने की स्थिति में नहीं है। अगर सरकार जल्द स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लेती, तो फिर कुछ भी स्थिति बन सकती है।

सरकार से प्रमुख मांगें

सहोदय ग्रुप के अध्यक्ष अनुपम चौकसे, एटीपीआई के अध्यक्ष केसी जैन, विनी राज मोदी और अजीत पटेल ने बताया कि हम चाहते हैं कि सरकार अगर स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लेती है, तो हमारी 10 प्रमुख मांगे हैं। इनमें मुख्य रूप से है स्कूल से जुड़े स्टाफ के वेतन का मामला। या तो सरकार जिम्मेदारी उठा ले, या हमें बिना ब्याज 2 करोड़ रुपए तक का लोन दे, ताकि वेतन आदि चुकाया जा सके। दूसरा- जब स्कूल नहीं लग रहे हैं, तो बिजली, पानी और अन्य करों में रियायत दी जाए, ताकि खर्चे को कम किया जा सके।

जनरल प्रमोशन की बात सुनते ही 50% रह गई ऑनलाइन अटैंडेंस

संचालकों ने कहा कि बीते 10 दिन में ऑनलाइन क्लास में बच्चों की उपस्थिति 50% हो गई है। सरकार ने जब से जनरल प्रमोशन की बात की है, तभी से बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लग रहा। वह क्लास अटेंड नहीं कर रहे हैं, इसलिए जनरल प्रमोशन जैसी कोई भी चीज नहीं दी जानी चाहिए। इसकी जगह हमें समय दिया जाना चाहिए, ताकि स्कूल खोल कर बच्चों को पढ़ाया जा सके और उनकी परीक्षा ली जा सके। इससे उन्हें भी जब उसका रिजल्ट मिलेगा, तो उन्हें एहसास रहे कि यह उनकी मेहनत का परिणाम है।

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