Friday, April 19, 2024
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किसान आंदोलन: उपनगरीय क्षेत्रों में दिखा बंद का असर; शहर में खुली दुकानों को बंद कराने नहीं निकले कांग्रेसी, कुसमुंडा में संगठनों ने किया 4 घंटे जाम…

केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ जिले के लोगों ने चक्काजाम और प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाई। जहां कुसमुंडा में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्काजाम किया गया, वहीं जिले भर में प्रदर्शन और नारेबाजी कर कृषि कानून की खिलाफत की गई। किसानों का समर्थन करने का दावा करने वाले कांग्रेसी शहर में खुली दुकानों को बंद करने निकले ही नहीं। हालांकि मंगलवार होने की वजह से शहर की आधा से ज्यादा दुकानें बंद रहीं, कुछ ही दुकानें खुली थी, जिसे किसी ने बंद कराया ही नहीं। इस तरह किसानों समर्थन में भारत बंद को शहर में मिला-जुआ असर दिखा। वहीं उपनगरीय क्षेत्रों में बंद का असर दिखा। जो दुकानें खुली मिली वहां प्रदर्शनकारियों ने पहुंचकर दुकानें बंद कराई। मंगलवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था, जिसका देश भर में कई संगठनों ने समर्थन करते हुए भारत बंद को सफल बनाने अपनी ताकत दिखाई। इसी कड़ी में जिले में भी कई संगठनों ने किसानों के भारत बंद आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन और नारेबाजी कर कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग रखी। कृषि कानूनों के साथ ही बिजली अधिनियम में संशोधन के खिलाफ भी आवाज उठाई। वाम संगठन माकपा, छत्तीसगढ़ किसान सभा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीआई (एम), एटक, सीटू, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) ने कुसमुंडा चौक पर चक्काजाम कर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए जमकर नारेबाजी की। सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक चक्काजाम रहा। कुसमुंडा चौक से छोटे बड़े वाहनों के साथ कोयला लोड भारी वाहन भी चलते हैं, लेकिन किसानों के समर्थन में होने वाले आंदोलन को देखते हुए पहले से ही सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। हालांकि अन्य चारपहिया व दुपहिया वाहनों को आने-जाने में दिक्कत हुई। चक्काजाम खत्म होने के बाद लोगों को राहत मिली।

आंदोलन को समर्थन, लेकिन शहर में सक्रिय नहीं दिखे कांग्रेसी: किसानों के आंदोलन को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समर्थन दिया है। हालांकि शहर में भारत बंद आंदोलन को सफल करने को लेकर यहां कोई सक्रियता नहीं दिखी। शहर में दुकानें पहले से बंद थी। निहारिका कोसाबाड़ी क्षेत्र में दुकानें खुली रही। कुछ ही उप नगरीय क्षेत्रों में आंदोलन का प्रभाव रहा। ब्लॉक स्तर पर कांग्रेसियों की सक्रियता जरूर दिखी।

कुसमंडा में आंदोलन को सफल बनाने इन संगठनों ने दिखाई ताकत: किसानों के समर्थन में कुसमुंडा में चक्काजाम आंदोलन में माकपा के राज्य सचिव संजय पराते, जिला सचिव प्रशांत झा, छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सीटू नेता वीएम मनोहर, बालको सीटू नेता एसएन बैनर्जी, एटक नेता हरिनाथ सिंह, एमएल रजक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे। यहां पुलिस बल तैनात रहा।

आंदोलनकारी बोले- किसानों के लिए यह काला कानून
1. माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि कॉर्पोरेट परस्त और कृषि विरोधी कानूनों का असल मकसद न्यूनतम समर्थन मूल्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था से छुटकारा पाना है। ये किसानों, गरीबों और जनता की बर्बादी का कानून है।
2. छग किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा केंद्र सरकार का नया कृषि कानून किसानों व लोगों के लिए काला कानून है। इसलिए देशभर में विरोध की आग है। जिले में अलग-अलग स्थानों पर भी विरोध किया गया।

3. राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि कृषि व्यापार के क्षेत्र में मंडी कानून के निष्प्रभावी होने और निजी मंडियों के खुलने से देश के किसान समर्थन मूल्य से वंचित हो गए हैं। 4. एटक के राज्य महासचिव हरिनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से पूछे बिना कृषि कानून बना दिए, जो किसानों की बर्बादी का कानून है। सरकार जो निर्णय ले रही है उससे लगता है कि ये सरकार अन्नदाताओं के साथ नहीं बल्कि कार्पोरेट सेक्टरों के साथ है।

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