Tuesday, April 23, 2024
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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री बोले- ट्रायल पूरा होने तक नहीं लगना चाहिए भारत बायोटेक का टीका, केंद्र से नहीं लेंगे वैक्सीन..

टीएस सिंहदेव ने वैक्सीन का ट्रायल पूरा किए बिना जनसाधारण को लगाए जाने के जोखिमों के प्रति चिंता जताई है।

  • सिंहदेव ने कहा- भोपाल में ट्रायल डोज लगवाने वाले वालंटियर की मौत से उठने लगे हैं सवाल
  • वैक्सीनेशन में लगने हैं 500 से 700 दिन, मंजूरी में तेजी करने से नई समस्या खड़ी हो सकती हैं

रायपुर/ कोरोना का टीकाकरण की तिथियां नजदीक आने के साथ ही वैक्सीन पर विवाद बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, को-वैक्सीन ने तीसरे चरण का ट्रायल पूरा नहीं किया है। ऐसे में सामान्य जनों को लगाने के लिए भारत बायोटेक की इस वैक्सीन को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। सिंहदेव ने कहा, अगर केंद्र सरकार इस वैक्सीन को छत्तीसगढ़ भेजेगी तो हम मना कर देंगे।

टीएस सिंहदेव ने कहा, भारत में दो वैक्सीन को अनुमति मिली है। इसमें एक ऑक्सफोर्ड में विकसित वैक्सीन कोविशील्ड है। जिसका ट्रायल वहीं हुआ है। उसके ट्रायल के सभी आंकड़े मौजूद हैं। यहां सीरम इंस्टीस्च्यूट इसको बना रहा है। दूसरा भारत बायोटेक की देश में ही विकसित को-वैक्सीन है। इसके दो चरण के ट्रायल हुए हैं। आपातकालीन इस्तेमाल मिलने की तारीख तक इसके ट्रायल का तीसरा चरण पूरा नहीं हुआ था।

टीएस सिंहदेव ने कहा, अभी सामने आया है कि को-वैक्सीन का ट्रायल डोज लेने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इससे वैक्सीन के सुरक्षित होने के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। सिंहदेव ने कहा, केंद्र सरकार को इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। देश में कम से कम 500से 700 दिन तक वैक्सीनेशन चलना है। ट्रायल के नतीजों के आधार पर फैसला होगा तो लोगों का भरोसा बढ़ेगा।

ऐसे अनुमति मिली तो दूसरी कंपनियां भी आ जाएंगी

टीएस सिंहदेव ने कहा, को-वैक्सीन को तीसरे ट्रायल में 28 हजार सैंपल लेने थे, लेकिन 23 हजार सैंपल ही लिए जा सके थे। ऐसे में उसके परिणाम संदिग्ध हैं। अगर बिना ट्रायल और सुरक्षा मापदंडों को पूरा किए वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति मिल गई तो दूसरी कंपनियां भी अधूरे ट्रायल के साथ अनुमति लेने आ जाएंगी।

दाे दिन पहले संसदीय सचिव ने उठाए थे सवाल

दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव और विधायक विकास उपाध्याय ने को-वैक्सीन को अनुमति देने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। विकास ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने ड्रग रेग्युलेटर पर दबाव डालकर इस वैक्सीन को अनुमति दिलवाई है। ऐसा इसलिए ताकि खुद को दूसरे देशों की प्रतिस्पर्धा में दिखाया जा सके।

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