Friday, April 26, 2024
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धान खरीदी संकट जारी: आटा-चीनी भरकर आए पुराने जूट बारदानों में भी धान खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार, जूट बारदानों की कमी देखकर हुआ फैसला…

धान खरीदी की शुरुआत के साथ ही सरकार बारदानों के कमी का सामना कर रही है।

  • खाद्य विभाग ने जारी किया आदेश, 15 रुपया प्रति बोरा मिलेगा
  • पहले से ही पीडीएस और मिलरों से पुराने बारदाने ले रही सरकार

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चल रही धान की सरकारी खरीदी में बारदानों का संकट जारी है। सरकार को जूट के बारदाने जुटाने में दिक्कत आ रही है। इससे निपटने के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में इस्तेमाल हुए जूट बारदानों में धान खरीदने का फैसला हुआ है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने कलेक्टरों को स्थानीय बारदाना कारोबारियों से सहकारी समितियों और किसानों को उपयुक्त दरों पर ऐसा बारदाना दिलवाने का निर्देश दिया है।

नये आदेश में ऐसे बारदानों के लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। आदेश के मुताबिक खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट का पुराना बारदाना एक बार ही उपयोग किया गया होना चाहिए। बारदाने की भराई क्षमता 50 किलोग्राम ही होनी चाहिए। कटे-फटे नहीं होने चाहिए। उसके शेष मापदंड पुराने बारदानों के लिए विभाग की ओर से तय मापदंडों के मुताबिक ही होने हैं। इस बारदाने को भी सरकार 15 रुपया प्रति बोरा की से ही खरीदेगी।

इसके पूर्व धान खरीदी के लिए नया जूट बारदाना, एचडीपीई, पीपी बारदाना, पीडीएस बारदाना, मिलरों, किसानों से प्राप्त बारदानों और समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदानों की उपयोग के निर्देश दिए गए थे। अधिकारियों ने बताया, सरकार ने बारदानों की संभावित कमी को टालने के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के बारदानों का भी उपयोग करने की अनुमति दी है।

पिछले सप्ताह ही चेताया था

दैनिक भास्कर ने पिछले सोमवार को ही चेताया था, सरकार के पास केवल 54 हजार गठान बारदाने बचे हुए हैं। यह एक सप्ताह ही चल पाएगा। इसकी वजह से धान खरीदी की प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है। हालांकि उस दिन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा था, विभाग पुराने बारदानों की व्यवस्था कर रहा है। आवश्यक बारदाने जुटा लिए जाएंगे। धान खरीदी में कहीं कोई दिक्कत नहीं आएगी।

पिछले सप्ताह यह था सरकार का गणित

अधिकारियों ने बताया था, करीब 21 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी बची है। इसमें 1.08 लाख गठान बारदानों की जरूरत होगी। करीब 53 हजार गठान बारदाने उपलब्ध हैं। लगभग 35 हजार गठान बारदाने मिलरों से मिलेगी। लगभग 10 हजार गठान नये एचडीपीई-पीपी बारदाने आने हैं। वहीं पीडीएस दुकानों से 10 हजार गठान बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिलों को चावल के अग्रिम भंडारण की अनुमति दी गई थी।

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