Tuesday, April 30, 2024
HomeगरियाबंदChhattisgarh: जैविक खेती अपना कर हुआ कम लागत में ज्यादा उत्पादन...

Chhattisgarh: जैविक खेती अपना कर हुआ कम लागत में ज्यादा उत्पादन…

गरियाबंद: छुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम कुरूद की नंदनी साहू जय मॉ दुर्गा समूह से जुड़ी है। वे बताती है कि समूह में जुड़ने के बाद हमारे हमारे जीवन मे पारिवारिक आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव हुआ। पहले हम किसी भी प्रकार की समूह के बारे में नहीं जानते थे। लेकिन बिहान संस्था के माध्यम से हमें समूह में जुडने , बचत करने , अपने जरुरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेना , सामूहिक मदद की भावना आदि का अवसर प्राप्त हुआ। समूह में जुडने के बाद अपनी छोटी छोटी जरुरतों के लिए समूह से ऋण लेना प्रारंभ किया। जिससे घर की आवश्यकताओं की पूर्ति सरलता से होने लगी। मैं समूह के माध्यम से जैविक कृषि कार्य को अपना कर कृषि कार्य कर रही हूॅ। जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन हो रहा है। कम खाद,कम बीज,और कम पानी से रसायनिक खेती में जो लागत आ रहा था। उसमें कमी आई और जैवक कृषि के माध्यम से आय में वृध्दि हुई। उन्होंने बताया है कि मैं पहले 75 डिसमील में धान की खेती परंम्परागत विधि से कर रही थी जिसमें लागत 16 हजार रूपये खर्च करना पङता था एवं 11 हजार 500 रूपये आमदानी होती थी, पहले रासायनिक विधि खेती करने से धान की उत्पादन बहुत कम होती थी जिससे मुनाफा ज्यादा नहीं हो पाती थी अच्छी पैदावार नहीं होने के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर थी।

वर्तमान में कर रहे जैविक खेती का विवरण- सामुदायिक संवहनीय आधारित कृषि एवं महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के द्वारा पता चला कि जैविक विधि से खेती करने से क्या लाभ है, तब से समूह में जुड़ने के बाद जैविक खेती एस.आर.आई पद्धति से खेती करना प्रारंभ किया तब से लागत बहुत कम हो रहा है। वर्तमान में लागत खर्चा 75 डिसमील कुल 7 हजार 500 रुपये है। एवं उत्पादन 18 क्विंटल प्राप्त हो रही हैं इस विधि अपनाने से शुद्ध आय 37 हजार 500 रुपये हैं। जिससे मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular