Saturday, April 20, 2024
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छत्तीसगढ़ : वैज्ञानिकों ने कृषि विवि में दिया इलेक्ट्रॉन बीम केंद्र का प्रस्ताव…

बैठक में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई के बीम तकनीकी विकास समूह की वैज्ञानिक एवं एसोसिएट डायरेक्टर डाॅ. अर्चना शर्मा द्वारा फसल सुधार, खाद्य प्रौद्योगिकी एवं औषधीय फसलों विज्ञान के क्षेत्र में इलेक्ट्रान बीम तकनीकी के प्रयोग की संभावनाओं पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको से चर्चा की। उन्होंने इलेक्ट्रान बीम तकनीक को फसल सुधार एवं खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उपयोगी बताया। साथ ही विश्वविद्यालय में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में एक इलेक्ट्रान बीम सुविधा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।

रायपुर. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में फसल सुधार कार्यक्रम एवं खाद्य प्रौद्योगिकी में इलेक्ट्राॅन बीम के प्रयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए कुलपति डाॅ. एसके पाटील की अध्यक्षता में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई के बीम तकनीकी विकास समूह की वैज्ञानिक एवं एसोसिएट डायरेक्टर डाॅ. अर्चना शर्मा द्वारा फसल सुधार, खाद्य प्रौद्योगिकी एवं औषधीय फसलों विज्ञान के क्षेत्र में इलेक्ट्रान बीम तकनीकी के प्रयोग की संभावनाओं पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको से चर्चा की। उन्होंने इलेक्ट्रान बीम तकनीक को फसल सुधार एवं खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उपयोगी बताया। साथ ही विश्वविद्यालय में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में एक इलेक्ट्रान बीम सुविधा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. पाटील ने इलेक्ट्रान बीम तकनीक को छत्तीसगढ़ के किसानों के वरदान बताते हुए कृषि विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रान बीम सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने का आश्वासन दिया। साथ ही इस सुविधा केंद्र की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र से निवेश भी आमंत्रित किए जा सकने की बात कही।

रंगीन हीरा बनाने इलेक्ट्रान बीम का उपयोग

डाॅ. अर्चना शर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रान बीम म्युटेंट किस्मों के विकास, खाद्य संरक्षण, अनाजों के विघटन, खाद्य उत्पादों से फफूंद और जीवाणु पर नियंत्रण, चिकित्सा उत्पादों का निर्जीवीकरण, पालीमर का क्षरण, निकास गैसों का शोधन, सीवेज जल उपचार के लिए बहुत उपयोगी है। उन्होंने यह भी बताया कि अब लोग रंगीन हीरे बनाने के लिए इलेक्ट्रान बीम का उपयोग कर रहें हैं, इन हीरों की कीमत मूल हीरे से अधिक है।

भाभा परमाणु केंद्र तकनीकी लगाने मदद करने तैयार

डाॅ. शर्मा ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा राज्य में इलेक्ट्रान बीम तकनीकी स्थापित कराने के लिए पूरी तरह सहयोग करने की बात कही। साथ ही उन्होंने तकनीकी को स्थापीत करने 18 करोड़ राशि खर्च होने की जानकारी दी। बैठक में किसानों के साथ निजी संस्थनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस तरह की तकनीक की स्थापना के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई और विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने की रुचि दिखाई।

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