Thursday, April 18, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुरबदलाव से उम्मीद: नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा से अब देशभर में कपड़ों की सप्लाई,...

बदलाव से उम्मीद: नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा से अब देशभर में कपड़ों की सप्लाई, महिलाओं ने शुरू की अपनी फैक्ट्री, ‘डैनेक्स’ होगा ब्रांड…

फैक्ट्री में कपड़े सिल रहीं महिलाएं। - Dainik Bhaskar

फैक्ट्री में कपड़े सिल रहीं महिलाएं।

  • 1000 को मिलेगा रोजगार और दंतेवाड़ा की बदलेगी पहचान

दंतेवाड़ा/ यह तस्वीर नक्सलगढ़ जिले दंतेवाड़ा की उम्मीद और उत्साह दिखाती है। ये उत्साह रोजगार मिलने का और उम्मीदें तकदीर बदलने की है। लाल आतंक के गढ़ के लिए चर्चित दंतेवाड़ा की पहचान अब जल्द बदलने वाली है। यहां छत्तीसगढ़ की पहली खुद के ब्रांड के कपड़ों की नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री खुली है । ब्रांड का नाम है ‘डैनेक्स’ यानी दंतेवाड़ा नेक्स्ट है। इस ब्रांड के कपड़े कोई और नहीं बल्कि गांवों की महिलाएं ही सिल रही हैं और ये अब अलग- अलग माध्यमों से देशभर के बाज़ारों में भेजे जाएंगे।

हारम गांव में खुली इस फैक्ट्री में अभी दो शिफ्टों में 300 ग्रामीण महिलाएं व पुरुष काम कर रहे हैं। 6 महीने के अंदर 1000 लोगों को काम देने का लक्ष्य है। पहले सिलाई सीख चुकी महिलाएं अभी यहां मास्क, शर्ट, कुर्ता बना रही हैं। जबकि नए लोगों की ट्रेनिंग चल रही।

कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि दंतेवाड़ा को गारमेंट का हब बना रहे हैं। यहां कपड़ा की फैक्ट्री खोली गई है। यह छत्तीसगढ़ की पहली खुद के ब्रांड वाली गारमेंट फैक्ट्री है। कोशिश है कि ज़िले के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को यहां रोजगार मिले। रोजगार देने के साथ ही निर्मित उत्पादों को बाज़ार भी दिलाया जा रहा है। जिससे यहां के लोगों की आजीविका सशक्त हो सके।

60 साल की कलावती से लेकर 18 साल की सत्या तक कर रही काम

मशीन चलातीं ये 60 साल की कलावती हैं। फैक्ट्री के खुलने की खबर मिली तो हारम की रहने वाली 60 साल की कलावती भी पहुंच गई। भास्कर से बातचीत में कलावती बताती हैं घर पर सिलाई का काम कर परिवार चलाती थी। बच्चों की शादी के बाद अकेली रह गई। मजदूरी करने लगी। बीमार पड़ी तो ये काम भी छोड़ दिया। पेंशन और सरकारी राशन के भरोसे पेट पालती हूं।

फैक्ट्री के बारे में पता चला तो काम के लिए आई हूं। इस उम्र में भी हुनर से आत्मनिर्भर बन रही हूँ। अच्छा लग रहा। सत्या कश्यप के घर पर कमाने वाला कोई नहीं। मजबूरन पढ़ाई छोड़ना पड़ा। अब फैक्ट्री में काम कर बेहद खुश है। जोड़ातराई गांव की सुशीला नेताम, अनिता सहित कई महिलाएं अब उत्साह से यहां जुटी हुई हैं। यहां काम में पुरुषों को भी लिया जा रहा है। हारम के संतोष दास मानिकपुरी बाज़ार हाट का काम छोड़ बड़ी उम्मीद के साथ फैक्ट्री में काम कर रहे।

और भी उत्पाद इसी नाम से जाने जाएंगे

दंतेवाड़ा में इन दिनों रोजगार का अच्छा माहौल है। यहां कपड़ों के अलावा लघु वनोपज, हैंडीक्राफ्ट जैसे कई सारे उत्पाद दंतेवाड़ा में बन रहे हैं। ये सब भी डैनेक्स के नाम से ही जाने जाएंगे।

डैनेक्स के कपड़ों को इस तरह मार्केट दिया जा रहा

  • सीआरपीएफ जवानों की वर्दी के लिए एमओयू
  • एनएमडीसी कर्मचारियों के यूनिफार्म के लिए एमओयू
  • ​​​​​​​ट्राइफेड से एमओयू, कपड़े की दूसरी कम्पनियों से भी एमओयू
  • ​​​​​​​ई कॉमर्स के ज़रिए भी विक्रय के लिए कम्पनियों से टाइअप।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular