Saturday, April 27, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुरकपड़े तक उधारी में खरीदे: बेटी की शादी के लिए जीपीएफ का...

कपड़े तक उधारी में खरीदे: बेटी की शादी के लिए जीपीएफ का पैसा निकालना चाहा तो बाबू ने मांगा 10 प्रतिशत कमीशन, शिक्षक को लेना पड़ा कर्ज ..

  • प्रति में शिक्षकों ने लिखी है अपनी व्यथा, भ्रष्ट सिस्टम की खोल रहे पोल
  • बयान के बाद भी कार्रवाई नहीं, बाबू कहता है- घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खाएगा क्या

अंबिकापुर/ सेवानिवृत होने के बाद शिक्षकों को उनका ही पीएफ निकालने के लिए मैनपाट बीईओ ऑफिस के एक बाबू ने इतना परेशान कर दिया कि उनके सब्र का बांध टूट गया और वे भ्रष्ट सरकार सिस्टम के खिलाफ खड़े हो गए। शिक्षकों ने बाबू की करतूत बताने के लिए अफसरों को आवेदन दिए।

जिस पर जांच टीम ने उनके बयान तो दर्ज कर लिए, लेकिन एक सप्ताह बाद भी कार्रवाई नहीं की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले शिक्षकों ने खुलकर अपनी दास्तां सुनाई। गुरुजनों की दास्तां उनके ही शब्दों में पाठकों के लिए…

एक शिक्षक ने श्लोक के साथ लिखा आवेदन और कहा- मैं रिश्वत लेने वाले से देने वाले को बड़ा अपराधी मानता हूं, इसलिए नहीं दूंगा

35 हजार की घूस लेकर भी बाबू घुमाता रहा

मैने कभी नहीं सोचा था कि नौकरी में रहने के बाद भी बेटी की शादी के लिए कर्ज लेना पड़ेगा। बेटी की शादी के लिए रिश्ता तय कर दिया और सितंबर 2019 में भविष्य निधि खाता से पार्ट फाइनल के तहत साढ़े छह लाख लेने आवेदन किया। आवेदन के कुछ दिन बाद बीईओ दफ्तर का बाबू हरिवंशी सीधे 10 प्रतिशत कमीशन मांगने लगा। इस पर मैंने किसी तरह उसे 35 हजार दिए, लेकिन वह इसके बाद भी घुमाता रहा।

एक दिन तो मुझे बरसात के मौसम में दफ्तर में देर शाम तक रोककर रखा कि बिल बना दे रहा हूं, लेकिन नहीं बनाया और उस दिन अंधेरे में रास्ता खराब व घाट होने के कारण किसी तरह घर पहुंच पाया। इसके बाद बेटी की शादी के लिए दुकान में कपड़े उधार में लिए। दूसरे खर्चों के लिए पैसा कर्ज पर अपने लोगों से लिया। इसके बाद बेटी की शादी की।
तापेश्वर राम, सलेहापारा स्कूल से रिटायर्ड

श्लोक लिखा ताकि अफसरों का जमीर जागे ​​​​​

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः। इस श्लोक के साथ मैंने कलेक्टर और आयुक्त सहित अन्य अफसरों को आवेदन दिया और लिखा कि एक शिक्षक होने के नाते रिश्वत नहीं दूंगा और मैं रिश्वत लेने वाले से बड़ा अपराधी देने वाले को मानता हूं।

ऐसा इसलिए लिखा ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त पूरे तंत्र को कुछ असर पड़े। समझ नहीं आता है कि जिन शिक्षकों ने हाथ पकड़कर लिखना-पढ़ना सिखाया होता है उनसे भी रिश्वत लिए बिना काम नहीं करते हैं। शिक्षा विभाग में अकेले हमारे मैनपाट ही नहीं बल्कि पूरे विभाग में सैकड़ों शिक्षक रिटायरमेंट के बाद परेशान होते हैं, ट्रेजरी में लेखा कार्य व बीईओ आफिस के अफसरों के नाम पर बाबू रिश्वत लेते हैं। सरकार को इस पर बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

अशोक कुमार साहू, रिटायर्ड शिक्षक, मैनपाट

50 हजार नहीं देने पर मुझे परेशान किया

मैं परपटिया स्कूल से जून 2019 में रिटायर्ड हुआ। बाबू ने जीपीएफ, एफबीएफ, 7वां वेतनमान, एरियर्स व अवकाश नकदीकरण की राशि के लिए 75 हजार मांगे, इस पर मैने 25 हजार दे दिए, लेकिन बाकी 50 हजार नहीं देने पर परेशान कर रहा था। ये बात लिखित बयान में भी कही है।

बुधराम बेक, परपटिया स्कूल से रिटायर्ड

चेक से पैसा दिया फिर भी घुमाता रहा बाबू

माटीपारा मैनपाट के स्कूल से मैं मार्च 2018 में सेवानिवृत हुआ हूं। जीपीएफ, एफबीएफ, 7वां वेतनमान, एरियर का पैसा दिलाने के लिए हरिवंशी ने 50 हजार रुपए की मांग की। उसे चेक से पैसा दिया, लेकिन उसके बाद भी घुमाता रहा और अब तक नहीं मिला है। मैं अपने ही पैसे के लिए परेशान हो रहा हूं।

मुंशीराम बारम, माटीपारा स्कूल से रिटायर्ड

​​​​​​​बीईओ की सहमति से चल रहा है खेल

मैं परसापारा जमकानी स्कूल से सेवानिवृत्त हूं। बाबू ने रिश्वत मांगी, जिसे 53 हजार रुपए दे दिए, लेकिन फिर से 30 हजार की डिमांड की। 30 हजार नहीं देने की बात कर उसने मेरा प्रकरण नहीं बनाया और 7वां वेतनमान व एरियर नहीं मिला है। मैंने बयान में कहा है कि बीईओ की सहमति से रिश्वत का खेल चल रहा है।
खनरसाय, परसापारा स्कूल से रिटायर्ड

​​​​​​​आपको मुझे पैसा तो देना ही पड़ेगा

जमकानी के एक स्कूल से सेवानिवृत शिक्षक हूं। मैंने बयान में कहा है कि 2017 में रिटायर्ड हुआ। मुझसे बाबू ने 30 हजार पेंशन प्रकरण के लिए हैं और अन्य प्रकरण के लिए 15 हजार मांगे जा रहे हैं। नहीं देने पर कहा जाता है कि घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खाएगा क्या, आपको पैसा तो देना पड़ेगा।
छत्रपाल, जमकानी से रिटायर्ड

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular