Thursday, April 25, 2024
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दिल्ली के हालात पर गृह मंत्री अमित शाह ने रिपोर्ट तलब की; किसान नेता बोले- हमने कानून नहीं तोड़ा…

नई दिल्ली/ दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान नांगलोई, आईटीओ और लाल किले के पास जमकर बवाल हुआ। लाल किले से किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो किसानों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। यहां अफवाहें रोकने के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। इधर, दिल्ली में बिगड़ते हालात के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक बुलाई। मीटिंग में दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस और गृह मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद रहे। गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने शाह को दिल्ली के हालात की जानकारी दी। भल्ला ने उन्हें बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली कब और कैसे हिंसक हुई।

इस बीच किसान नेताओं ने कहा है कि उनकी तरफ से कानून नहीं तोड़ा गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि मार्च में शामिल 32 किसान संगठन ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस की ओर से तय किए रूट पर ही चल रहे थे। पंजाब के किसान बचाओ मोर्चा के नेता कृपा सिंह ने लाल किले में हंगामे का आरोप किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पर लगाया।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने कहा- किसानों ने वादा तोड़ा
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा, ‘ट्रैक्टर रैली का समय और रूट कई दौर की बातचीत के बाद तय किया गया था। लेकिन, किसानों ने वक्त से पहले ही रैली शुरू कर दी और तय रूट से बाहर ट्रैक्टर ले गए। इसके चलते हिंसा फैली, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।’

उन्होंने कहा, ‘इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। मैं सभी प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करता हूं कि वे हिंसा में शामिल न हों। शांति रखते हुए तय रूट से वापस लौट जाएं।’

किसान बोले- गलत लोग आंदोलन को भटकाने की कोशिश में
ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनेवाल ने कहा कि कुछ गलत लोग किसानों का आंदोलन भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि वह चाहते थे कि किसान सिर्फ तय रूट पर ही ट्रैक्टर परेड निकालें।

लाल किले पर खालसा का झंडा फहराया, लेकिन तिरंगा नहीं हटाया
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर पहुंच कर खालसा पंथ और किसान संगठनों के झंडे फहरा दिए। जहां स्थायी रूप से तिरंगा लगा रहता है, वहां भी प्रदर्शनकारियों ने अपने झंडे लहराए। हालांकि, तिरंगे को नहीं हटाया।

ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत
ITO के पास ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुख्यालय आईटीओ के पास शव के साथ धरने पर बैठ गए हैं। यहां धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ रही है। गाजीपुर और राजघाट रोड की तरफ से भी ट्रैक्टर यहां पहुंचना शुरु हो गए हैं। अगर किसान यहां जमे तो यहां से किसानों को हटाना एक बड़ी चुनौती होगी। इससे पहले प्रदर्शनकारी आंध्रा एजुकेशन सोसायटी में घुस गए और गार्ड को बंधक बना लिया। पुलिस ने बताया कि किसानों को सोसायटी में CCTV लगे होने का शक था। इसी के चलते उन्होंने गार्ड को बंधक बना लिया।

लाठीचार्ज, पथराव में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल
ITO पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया तो किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। झड़प में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। किसानों ने ट्रैक्टर दौड़ा दिए, तो पुलिस को पीछे हटना पड़ा। पुलिसकर्मी भागकर आस-पास की इमारतों में घुस गए और वहां से किसानों पर आंसू गैस छोड़ी।

पुलिस का दावा- निहंगों ने तलवार से हमले की कोशिश की
इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को पुलिस ने नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। पुलिस ने यह भी कहा कि निहंगों ने तलवार से पुलिसकर्मियों पर हमले की कोशिश की।

नांगलोई में लाठीचार्ज, मुकरबा चौक के पास तोड़फोड़

  • नांगलोई में किसानों को रोकने के लिए पुलिस सड़क पर बैठ गई। इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। किसान नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
  • गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों के काफिले की वजह से ITO पर भारी जाम लग गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने वाहनों पर पथराव भी किया। सिंघु से निकले किसानों ने भी कई जगह पथराव किया।
  • मुकरबा चौक के पास किसान जब तय रूट से हटकर ISBT की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर रोकने की कोशिश की। लेकिन, किसान बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। किसानों ने पुलिस की गाड़ियों और DTC की बसों के शीशे तोड़ दिए।

किसानों ने तय समय से पहले मार्च शुरू किया
पुलिस ने किसानों से कहा था कि गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद 12 बजे से ट्रैक्टर मार्च निकालें। लेकिन, किसानों ने रिपब्लिक डे की परेड शुरू होने से पहले ही ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया। किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ते गए और पुलिस ने जो रूट दिया अब उसे भी फॉलो नहीं किया।

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