- व्यापार और उद्योग जगत के सामने विकास के दरवाजे खुले- मुख्यमंत्री
- छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के 63वें वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुये मुख्यमंत्री
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के 63वें वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि व्यापार और उद्योग जगत के सामने विकास के दरवाजे खुले हुए हैं। कोरोना संकट के बाद यह सबसे सुनहरा समय है। गांव से लेकर शहरों तक पैसे का फ्लो बहुत बढ़िया हुआ है। शासन की विभिन्न योजनाओं के जरिये डेढ़ लाख करोड़ रुपये गांवों तक पहुंचा है। हमने व्यापारियों के ग्राहकों की जेब में पैसा डाला है । इस साल फसल भी बहुत अच्छी हुई है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और भी बेहतर हुई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं वहां आत्मानंद स्कूल और बैंक की मांग होती है। इसका मतलब है लोगों तक पैसा पहुंचा है। हमारी सरकार मिलेट्स को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि मिलेट्स में पौष्टिक तत्व की अत्यधिक मात्रा होती है ।
मुख्यमंत्री ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों की मांग पर कई घोषणायें की। उन्होंने चेंबर की मांग पर होलसेल कॉरिडोर के लिये 1 हजार एकड़ भूमि देने की सहमति प्रदान की साथ ही कहा कि आगामी 3 से 4 माह में निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा । श्री बघेल ने घोषणा करते हुये कहा कि पोहा, मुरमुरा का मंडी शुल्क माफ करने की अधिसूचना एक सप्ताह में जारी कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि आवासीय प्रयोजन हेतु सुरक्षित भूमि में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों का भी नियमितिकरण किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुये कहा कि सभी बाजारों में प्रकाश, स्वच्छता, सीसीटीवी आदि की व्यवस्था की जायेगी । मुख्यमंत्री ने राज्य के बाहर निर्मित वस्तुओं का क्रय राज्य में रजिस्टर्ड जीएसटी व्यापारियों से ही करने की घोषणा की। कार्यक्रम के पूर्व मुख्यमंत्री को चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों द्वारा कॉपियों से तौला गया जिन्हें जरूरतमंद बच्चों को बांटा जायेगा । इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, श्री विकास उपाध्याय, श्रीमती रश्मि सिंह, मेयर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री अमर परवानी उपस्थित रहे ।