Tuesday, April 23, 2024
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धमतरी के छाती गांव के पोल्ट्री फार्म में मिला बर्ड फ्लू का वायरस, सभी मुर्गियों को दफनाया गया, एक किमी दायरे में सर्वे जारी…

धमतरी में संक्रमण का मामला सामने आने के बाद अब आसपास के दूसरे पोल्ट्री फार्म में भी संक्रमण की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन व्यापक सर्वे करा रहा है।

  • भाेपाल की प्रयोगशाला ने एक दिन पहले भेजी है रिपोर्ट
  • कल से ही छाती गांव के आसपास के इलाकों में कार्रवाई

रायपुर/ बर्ड्स की संक्रामक बीमारी बर्ड फ्लू छत्तीसगढ़ के नये इलाकों में पैर पसारने लगा है। अब धमतरी जिले में संक्रमण का नया मामला सामने आया है। यहां छाती गांव के एक पोल्ट्री फार्म में बीमारी के वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद फार्म की सभी मुर्गियों को नष्ट कर दिया गया है। एक किलोमीटर के दायरे को संक्रमण से बचाने के लिए छिड़काव का काम जारी है।

पशुधन विभाग ने बताया, 21 जनवरी को छाती गांव के एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की मौत की बात सामने आई थी। पशु चिकित्सकों की एक टीम ने वहां जाकर जांच की। उसके बाद मृत मुर्गियों के स्वेब का नमूना राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल को भेजा गया। 25 जनवरी की देर शाम वहां से जांच रिपोर्ट मिली है, जिसके मुताबिक मृत मुर्गियों के शरीर में बर्ड फ्लू का वायरस मौजूद था।

रिपोर्ट मिलने के बाद पशुधन विभाग ने इलाके को विसंक्रमित करने की तैयारी तेज कर दी। गणतंत्र दिवस समारोह के बावजूद विभागीय अधिकारी मंगलवार को ही छाती पहुंच गए। वहां उन्होंने संक्रमण की चपेट में आए फार्म हाउस की सभी मुर्गियों को गड्ढों में दफनाकर नष्ट किया। पशु चिकित्सा सेवाएं के अपर संचालक डॉ. केके ध्रुव ने बताया, कल करीब 300 मुर्गियों को नष्ट किया गया था। आज भी कुछ को नष्ट किया जाना है।

पोल्ट्री उत्पादों को बाहर भेजने पर रोक

डॉ. ध्रुव ने बताया, केंद्र सरकार के प्रोटोकाल के मुताबिक संक्रमित पोल्ट्री फार्म से एक किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री उत्पादों को नष्ट किया जाएगा। फार्म से 10 किलोमीटर के दायरे में निगरानी बढ़ाई जा रही है। पोल्ट्री उत्पादों को बाहर भेजना रोक दिया गया है। इलाके में पोल्ट्री फार्म की शिनाख्त के लिए सर्वे जारी है। यह कुछ दिन और चलेगा। नये नमूने भी भोपाल भेजे जा रहे हैं।

14 जनवरी को पहली पुष्टि

छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू के पहले मामले की पुष्टि 14 जनवरी को हुई थी। बालोद जिले के गिधाली गांव में यह संक्रमण मिला था। इसके बाद वहां करीब 15 हजार से अधिक मुर्गियों को नष्ट किया गया है। उसके कुछ दिन बाद दंतेवाड़ा में संक्रमण की पुष्टि हुई।

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