Saturday, April 20, 2024
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कोरोना स्ट्रेन की गजब जांच: ब्रिटेन से छत्तीसगढ़ आये 6 लोग कोरोना पाजिटिव मिले थे, एक महीने आई 3 की रिपोर्ट, किसी में कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं…

कोरोना वायरस के इस नये स्ट्रेन को काफी प्रभावी माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों बताया था, यह 70 प्रतिशत अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है। - Dainik Bhaskar

कोरोना वायरस के इस नये स्ट्रेन को काफी प्रभावी माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों बताया था, यह 70 प्रतिशत अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है।

  • 25 दिसम्बर को ही हुई थी कोरोना की पुष्टि
  • 03 दिन बाद पुणे भेजे गए थे मरीजों के सैम्पल

रायपुर/ ब्रिटेन में फैले कोरोना महामारी के नये स्ट्रेन की जांच गजब ढंग से चल रही है। ब्रिटेन से छत्तीसगढ़ पहुंचे 6 लोगों में पिछले महीने कोरोना वायरस मिला था। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उनके सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए। मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के तीन सप्ताह बाद उसमें से 3 नमूनों की जांच रिपोर्ट आई है। उसमें से किसी में भी कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं मिला है।

केंद्र सरकार के एलर्ट के बाद 9 दिसम्बर के बाद ब्रिटेन से छत्तीसगढ़ आए 65 लोगों की पहचानकर स्वास्थ्य विभाग ने उनका टेस्ट कराया था। इनमें से 6 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इनमें से दो रायपुर से थे, दो दुर्ग-भिलाई के और एक-एक बिलासपुर और जांजगीर-चांपा के लोग थे। इन लोगों को रायपुर एम्स में विशेष रूप से बनाए गए एक सुरक्षित वार्ड में भर्ती कराया गया।

वायरस के म्यूूटेशन की जांच की सुविधा छत्तीसगढ़ में उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में इन मरीजों के स्वेब के नमूने को म्यूटेशन की जांच के लिए पुणे की नेशनल वॉयरोलॉजी लैबोरेट्री भेजा गया। इसमें भी तीन दिन का विलंब हुआ। एम्स का कहना था यह विलंब तकनीकी वजहों से हुआ है। उस समय कहा गया, चार से पांच दिनों में जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

विशेष वार्ड में दो सप्ताह का इलाज कराने के बाद सभी 6 मरीज छुट्‌टी पा गए। लेकिन उन्हें पता नहीं चल पाया कि उनको बीमार करने वाला वायरस पुराना वाला ही था या फिर से लंदन से नई बीमारी लेकर आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता डॉ. सुभाष पाण्डेय ने बताया, रायपुर एम्स में ही इन मरीजों के नमूनों की जांच हुई थी। उन्होंने ही यह सैंपल पुणे भेजा था। अब तक तीन लोगों की रिपोर्ट मिल चुकी है। इसमें कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं मिला है। हमें अब भी 3 नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है।

जांच में भी आई दिक्कत

बताया जा रहा है कि रायपुर एम्स ने जिन नमूनों को पुणे भेजा था उसकी जांच में दिक्कत आ रही थी। वैज्ञानिक जीनोम सिक्वेंस से इसकी जांच कर रहे थे, वह फेल हाे गया। उसके बाद दूसरी पद्धति से नये स्ट्रेन के पहचान की कोशिश हुई। इसकी वजह से एक महीने की देरी हुई है।

एम्स में बंद हो गया नया वार्ड

कोरोना प्रभावित प्रवासियाें में नये स्ट्रेन की आशंका में स्वास्थ्य विभाग ने कुछ बुनियादी कदम उठाए थे। सभी को रायपुर एम्स के एक विशेष वार्ड में भर्ती कराया गया था। जनवरी के पहले सप्ताह में इनमें से सभी को छुट्टी दी जा चुकी थी। उसके बाद इस विशेष वार्ड को बंद कर दिया गया है।

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