Tuesday, April 16, 2024
Homeजशपुरसामाजिक कुरीति: लड़के ने दूसरी जाति की लड़की से शादी की तो...

सामाजिक कुरीति: लड़के ने दूसरी जाति की लड़की से शादी की तो समाज ने परिवार का बहिष्कार किया, फिर 5 हजार लेकर पिता को समाज में शामिल किया…

  • फरसाबहार पंडरीपानी में सामाजिक कुरीति का दंश झेल रहा परिवार
  • पीड़ित पुत्र ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति में न्याय के लिए लगाई गुहार

जशपुर/ अंतरजातीय विवाह आज भी कुछ समाज में एक दंडनीय अपराध है। फरसाबहार ब्लॉक के पंडरीपानी में एक परिवार इसी कुरीति का दंश झेल रहा है। बंजारा समाज के एक लड़के ने पिछले साल 2020 में दूसरी जाति की लड़की से विवाह कर ली थी, जिसके कारण लड़के के परिवार से समाज में रहने के एवज में जुर्माना भरवाया गया और पिता को समाज प्रमुखों के सामने पुत्र का परित्याग करना पड़ा। इसके लिए उससे लिखित में लेटर भी ले लिया गया। बहिष्कार का दंश झेल रहे इस लड़के ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से न्याय की गुहार लगाई है। पंडरीपानी निवासी प्रवीण बंजारा पिता अशोक बंजारा ने बताया कि उसने 2020 में अंतरजातीय विवाह कर लिया था, जिसके कारण समाज प्रमुख अध्यक्ष लालजीत नायक और समाज के अन्य प्रतिनिधियों द्वारा उनका समाज से बहिष्कार कर दिया था। प्रवीण ने बताया कि उसके माता-पिता से समाज प्रमुख व अन्य प्रतिनिधियों ने 5 हजार रुपए का दंड भराने के बाद एक पत्र भी लिखवाया, जिसमें उसे पुत्र से कोई नाता नहीं रखने की बात कही गई है। बैठक में समाज के पदाधिारियों ने प्रवीण के परिवार को हिदायत दी कि वे प्रवीण से किसी भी तरह का संबंध व संपर्क ना रखें। ना तो त्योहार व शादी ब्याह की खुशियों में उसे शामिल करें और ना ही िकसी की मृत्यु में उसे बुलाए। प्रवीण ने कहा है कि जब सरकार खुद अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन दे रही है तो समाज के लोग इस तरह का रीति आज भी क्यों चला रहे हैं। पीड़ित पुत्र ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति व प्रशासन से मामले की जांचकर उसे न्याय दिलाने की मांग की है।

अंतरजातीय विवाह योजना: बीस साल में जशपुर जिले में सिर्फ दो को मिल पाई प्रोत्साहन राशि
आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में अंतरजातीय विवाह पर समाज का पहरा इस कदर है कि बीते 20 साल में सिर्फ दो लोग अंतरजातीय विवाह की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सके हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने यह योजना चलाई जाती है। 2020 में पहली बार इस याेजना के तहत दो हितग्राहियों को चेक दिए गए हैं। इससे पहले अंतरजातीय विवाह कर इस राशि के लिए एक भी आवेदन विभाग के पास नहीं आए थे।

कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के पास यह मामला सामने आने के बाद समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्रा ने जशपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पूरे मामले की जानकारी देते हुए ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की मांग रखी है।

कानून बनाने की मांग
” सिर्फ अंतरजातीय विवाह पर प्रोत्साहन राशि देने से ऐसे कुरीतियां दूर नहीं होंगी। जिस तरह टोनही प्रताड़ना को लेकर कानून बनने के बाद काफी हद तक अंकुश लगा उसी तरह अंतरजातीय विवाह में सामाजिक बहिष्कार की घटनाओं के लिए कानून जरूरी है। समिति प्रयास कर रही है।”
-डॉ दिनेश मिश्रा, नेत्र विशेषज्ञ, अध्यक्ष, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति।

लड़के के पिता ने खुद बुलाया था
“इस घटना में समाज के लोगों को खुद लड़के के पिता ने बुलाया था और उन्होंने खुद ही स्वविवेक से लिखित ने अपने पुत्र से किसी भी तरह का संबंध नहीं रखने की बात समाज के सामने रखी। समाज का ऐसा कोई दबाव नहीं था। जुर्माना नहीं वसूला गया है।”
-कृति कुमार बंजारा, संरक्षक, बंजारा समाज, रायगढ़ जशपुर।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular