Thursday, April 25, 2024
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पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ याचिका:​​​​​​​ छत्तीसगढ़ शासन ने 50 फीसदी डाटा कलेक्ट किया, हाईकोर्ट ने एक माह में पूरा प्रस्तुत करने के दिए निर्देश…

छत्तीसगढ़ में पदोन्नति में आरक्षण और OBC आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डाटा प्रस्तुत करने के लिए एक माह का समय दिया है।

  • पदोन्नति में आरक्षण और OBC को आरक्षण देने के खिलाफ दायर की गई है जनहित याचिका
  • कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर लगाई है रोक, शासन ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मांगा था समय

बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ में पदोन्नति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक माह का समय दिया है। राज्य सरकार पूरा डाटा कलेक्टर कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करेगी। दोनों मामलों आरक्षण देने के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। जिसके बाद कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगा दी थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की बेंच में हुई।

जनहित याचिका पर पहले हुई सुनवाई में शासन ने एक कमेटी का गठन करने और डाटा कलेक्ट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था। सुनवाई में कोर्ट ने पूछा कि डाटा कलेक्शन की स्टेटस क्या है। शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मनोज गोरकेला ने बताया कि राज्य सरकार 50 फीसदी डाटा कलेक्ट कर ली है। शेष डाटा कलेक्ट करने में एक माह का समय लगेगा। मनोज गोरकेला को राज्य शासन ने विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया है।

चार याचिकाएं दायर की गई हैं कोर्ट में
एस. संतोष कुमार ने अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। इसके अलावा पदोन्नति में आरक्षण को चुनौती देते हुए आशीष अग्निहोत्री ने अधिवक्ता पराग कोटेचा व अन्य, विष्णु तिवारी ने अधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत व अन्य, विकास टंडन ने अधिवक्ता प्रकृति जैन व अन्य के माध्यम से याचिका दायर की है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पदोन्नति पर आरक्षण दिए जाने पर रोक लगा दिया था।

राज्य सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई
राज्य सरकार ने साल 2019 में पदोन्नति में आरक्षण देने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसको चुनौती देते हुए एस. संतोष कुमार की जनहित याचिका सहित अन्य याचिकाएं दायर हुई थी। इस नोटिफिकेशन में सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन और क्रीमीलेयर के सिद्धांत का पालन नहीं होने के कारण रद्द करने की मांग की गई है।

डाटा में ली जा रही जानकारी
राज्य शासन की ओर से एकत्रित किया जा रहा डाटा दो प्रकार से लिया जा रहा है। इसमें जिला स्तरीय पद और राज्य स्तरीय पदों की जानकारी होगी। इसमें यह देखा जाएगा कि कितने कर्मचारी क्लास-1, 2, 3 और 4 में कार्यरत हैं। इसके अलावा राज्य सरकार की कंपनियों, सोसायटी, निगम और मंडल में कितने लोग काम कर रहे हैं। इसमें उनके प्रतिनिधित्व को देखा जाएगा।

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