जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। अब एतिहात बरतते हुए बस्तर जिला प्रशासन अलर्ट है। बस्तर जिले में पशु मेला, पशुओं की खरीदी-बिक्री करने वाली जगहों पर रोक लगा दी है। साथ ही ओडिशा समेत अन्य पड़ोसी राज्यों से पशुओं को बस्तर जिले में लाने से पहले इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी। कलेक्टर चंदन कुमार ने अफसरों को नजर बनाए रखने निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा कि, बस्तर जिले में लंपी वायरस के अब तक कुल 13 केस सामने आए हैं। उपचार के बाद इनमें से 7 मवेशी ठीक हो गए हैं। जिले में लंपी वायरस से किसी भी मवेशियों की मौत होने की जानकारी अब तक नहीं आई है। लंपी वायरस को लेकर जिले में स्थित कंट्रोल में है। लोगों से भी अपील की गई है कि, यदि उनके पालतू पशुओं में इस बीमारी से संबंधित कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो इसकी जानकारी प्रशासन को दें।
कलेक्टर ने कहा कि, पड़ोसी राज्यों से जानवरों को जिले में लाने से मना कर दिया गया है। यदि कोई लेकर आता है, तो इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी। पशुओं की जांच की जाएगी। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
यह है लक्षण
- लगातार बुखार रहना।
- वजन कम होना।
- लार निकलना। आंख और नाक का बहना।
- दूध का कम होना
- शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना।
- शरीर पर चकत्ता जैसी गांठें बन जाना।
बचाव के तरीके
- लंपी रोग से प्रभावित पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग रखें।
- मक्खी, मच्छर, जूं आदि से पशुओं को बचाकर रखे, क्योंकि यह बीमारी को फैलाते हैं।
- लंपी वायरस से प्रभावित पशुओं को फिटकरी के पानी से नहलाना चाहिए।
- रात के समय पशुओं के पास नीम के पत्तों को जलाकर धूवा करें।
- जहां प्रभावित पशु रहता उस पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
- इस वायरस की वजह से पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें।