Saturday, April 20, 2024
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यूनिफाइड कमांड: पांच नई बटालियन के साथ नक्सली अभियान तेज होगा, हर प्रमुख रास्तों पर होगी फोर्स की तैनाती..

  • नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई की तैयारी

रायपुर/ पतझड़ के शुरू होते ही नक्सलियों के खिलाफ बड़ा मूवमेंट शुरू होने वाला है। यूनिफाइड कमांड की बैठक में इसकी रूपरेखा पर चर्चा हुई है। इसके लिए सीआरपीएफ की पांच बटालियन भी आ चुकी है। यह भी कमोबेश तय है कि ओडिशा के जिन-जिन रास्तों से नक्सली सीमा पार कर जाते हैं, उन सभी रास्तों पर जवानों का कब्जा होगा। यह अभियान लगातार पांच महीने तक चलेगा, जब तक कि बरसात शुरू नहीं हो जाती। इसी बीच नए इलाकों में कैंप खोलकर उन्हीं की मदद से नक्सलियों को घेरा जाएगा। यही नहीं, महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा के उन रास्तों को भी पुलिस कब्जे में लेने जा रही है, जिनके जरिए नक्सली यहां की पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को चकमा देकर भाग जाते हैं। तीन दिन के बस्तर दौरे से लौटते ही सीएम भूपेश बघेल यूनिफाइड कमांड की बैठक में शामिल हुए। बैठक में नक्सलियों के खिलाफ न्यूनतम हानि पर ज्यादा आक्रामक ढंग से ऑपरेशन की रणनीति पर बात की गई। सीआरपीएफ की पांच नई बटालियन के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट में पांच करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इस राशि से पीएचक्यू ने कैंप के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे स्थान पर कैंप लगाए जाने हैं, जो नक्सलियों का रास्ता है।

इससे जंगल के भीतर नक्सलियों की आवाजाही आसान न हो और वे बड़ी संख्या में एक जगह इकट्ठा न हो सकें। इसके अलावा इन कैंप का लांच पैड के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। इसमें गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, केंद्रीय गृह विभाग के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार के अलावा मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी डीएम अवस्थी, गृह विभाग के एसीएस सुब्रत साहू, स्पेशल डीजी आरके विज, अशोक जुनेजा के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के अफसर भी बैठक में शामिल हुए। छापामार शैली में नक्सलियों के खिलाफ चलाएंगे अभियान : बारिश के दिनों में घने जंगल के कारण छिपे हुए नक्सलियों को देख पाना आसान नहीं होता। पतझड़ का समय शुरू होने के साथ ही जंगल में विजिबिलिटी बढ़ जाती है। ऐसे समय में जंगल के घुसकर ऑपरेशन करने में सुरक्षा बलों को आसानी होती है। कैंप बनाने जरूरी संसाधन पहुंचाने में भी दिक्कत नहीं आती। जून के पहले पखवाड़े तक अलग-अलग टोलियाें में सुरक्षा बल छापामार शैली में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाएंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना व महाराष्ट्र सभी राज्य मिलकर भी ज्वाइंट ऑपरेशन चलाएंगे। युद्ध के साथ विकास पर भी बड़ा जोर : युद्ध के साथ विकास पर भी बड़ा जोर सरकार दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। नक्सलियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के साथ बस्तर के युवाओं को विकास और रोजगार से जोड़ने की रणनीति है। सीएम बघेल इसके लिए काफी गंभीर हैं। दो महीने में ही उनका दो बार दौरा हो चुका है। सीएम ने बस्तर दौरे में यह कहकर भी कड़ा संदेश दिया है कि नक्सली अपने रास्ते से भटक गए हैं। अब वे सुपारी किलिंग कर रहे हैं। आदिवासियों का नक्सलियाें से भरोसा कम हुआ है। सरकार के प्रति आदिवासियों का भरोसा बढ़ा है। अब बस्तर के भोले-भाले आदिवासी नक्सलियों के झांसे में नहीं आने वाले हैं।

सरकार की रणनीति से नक्सली बैकफुट पर: सीएम भूपेश
बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति से नक्सली बैकफुट पर आए हैं। आने वाले समय में हम नक्सलियों को घेरने में सफल होंगे और नक्सलवाद समाप्ति की ओर तेजी से बढ़ेंगे। सीएम बघेल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि यूनिफाइड कमांड की यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक में जब उन्होंने पूछा था कि नक्सलियों से लड़ने की क्या रणनीति है, तो बताया गया था कि कोई रणनीति नहीं है।
उसके बाद विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति अपनाई। इसमें काफी सफलता मिल रही है। सेंट्रल और स्टेट फोर्स में को-ऑर्डिनेशन बहुत बढ़िया है। ज्वाइंट ऑपरेशन भी कर रहे हैं। आज स्थिति ये है कि टेलिफोनिक चर्चा के आधार पर अफसर बहुत सारी समस्याओं को हल कर लेते हैं।

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