मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: जिले में आखिरकार 38 दिनों के बाद आदमखोर तेंदुए को पकड़ने में सफलता मिली है। तेंदुए के लिए लगाए गए पिंजरे में वो फंस गया है। उसे देखने के लिए मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुटी हुई है। लोगों ने उसका वीडियो भी बना लिया है।
तेंदुए को पकड़ने के लिए भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम नौड़िया में मुर्गा बांधकर पिंजरे के अंदर रखा गया था। मुर्गे के लालच में मंगलवार रात तेंदुआ पिंजरे में घुसा और फंस गया। तेंदुए के पिंजरे में फंसते ही वन विभाग और लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि ये तेंदुआ अब तक 3 लोगों और कई मवेशियों की जान ले चुका है। फिलहाल उसे कानन पेंडारी बिलासपुर भेजा जा रहा है।
तेंदुए को देखने उमड़ी लोगों की भीड़।
दरअसल मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला तेंदुए के आतंक से परेशान था। यहां एक महीने में तेंदुए ने चौथी बार किसी शख्स पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई थी। वो खेत में काम कर रहा था, उसी दौरान तेंदुए ने उस पर हमला किया और भाग गया। लगातार तेंदुए के हमले के कारण लोग काफी दहशत में थे। मामला जनकपुर क्षेत्र का था। जिले में एक महीने के अंदर तेंदुए के हमले से ये तीसरी मौत थी।
15 जनवरी को तेंदुए ने एक व्यक्ति को मार डाला था।
15 जनवरी को तेंदुए ने ग्रामीण का किया था शिकार
जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम को जनकपुर निवासी रनबदन अपने खेत में फसल की रखवाली कर रहा था। उसी वक्त अचानक से तेंदुआ पहुंच गया और उसने अधेड़ पर हमला कर दिया। घटना का पता तब चला, जब कुछ ग्रामीण उस खेत के पास पहुंचे थे। वहां पर रनबदन का शव पड़ा हुआ था। इसके बाद वन विभाग को इस बात की सूचना दी गई थी। खबर मिलते ही मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। वहीं क्षेत्र के विधायक गुलाब कमरो ने वन मंत्री को पत्र लिखकर इलाके में लगातार हो रहे तेंदुए के हमले से निजात दिलाने की बात कही थी। उन्होंने लिखा है कि तेंदुए आदमखोर हो चुका है उसे जल्द पकड़ने की व्यवस्था की जाए।
तेंदुए के फंसने की खबर सुनते ही पहुंचे लोग।
मुर्गे के लालच में फंसा तेंदुआ
तेंदुआ वन विभाग के लिए भी सिरदर्द बना हुआ था। उसे पकड़ने की कोशिश लगातार नाकाम साबित हो रही थी। वन विभाग ने तेंदुए के मूवमेंट पर नजर बनाकर रखी थी। वन विभाग ने तेंदुए को फंसाने के लिए ग्राम नौड़िया में मुर्गा बांधकर पिंजरे में रखा, ताकि उसे खाने के लिए तेंदुआ आए और फंस जाए। वन विभाग की ये कोशिश कामयाब रही। मंगलवार 17 जनवरी को तेंदुआ एक बार फिर शिकार करने के लिए गांव में घुसा और मुर्गे को देखकर उसे खाने के लिए आगे बढ़ा। जैसे ही वो पिंजरे में घुसा, उसमें फंस गया। 38 दिनों के बाद तेंदुआ पकड़ा गया।
तेंदुआ पिंजरे में।
लोगों और वन विभाग ने ली राहत की सांस
वन विभाग की टीम और स्थानीय ग्रामीणों के लिए ये राहत भरी खबर रही। इतने दिनों की दहशत से उन्हें निजात मिली। इधर मौके पर वन विभाग के अधिकारी और भारी संख्या में लोग मौजूद हैं। तेंदुआ पिंजरे में बंद शांति से बैठा हुआ है।
विशेषज्ञों ने तेंदुए के आदमखोर होने से किया था इनकार
बता दें कि बार-बार लोगों की जान ले रहे तेंदुए की जान लेने की मांग ग्रामीणों ने की थी, लेकिन इससे वन विभाग ने इनकार कर दिया था। कांकेर से तेंदुए को पकड़ने आई एक्सपर्ट की टीम ने कहा था कि तेंदुआ आदमखोर नहीं है। तेंदुए ने लोगों की जान ली, लेकिन वो उनका मांस नहीं खा रहा था। एक्सपर्ट टीम के जाते ही जनकपुर वन परिक्षेत्र में तेंदुए ने एक अधेड़ को मार दिया।
तीन इंसान, दो गाय की जान ली
जानकारी के अनुसार वनांचल कुंवारपुर व जनकपुर वनपरिक्षेत्र में कांकेर से पहुंची वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की चार सदस्यीय टीम पांच दिन से सिर्फ पंजों के निशान से तेंदुए की पहचान करने में जुटी है। हालांकि फॉरेस्ट टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए जनकपुर और कुंवारपुर में आधा दर्जन पिंजरा लगा रखा है। लेकिन तेंदुआ पिंजरे में नहीं फंस रहा है।
हमले में अब तक घायल और मौत
- 11 दिसंबर- कुंवारपुर वनपरिक्षेत्र के गौधोरा में फुलझरिया की मौत।
- 23 दिसंबर- कुंवारपुर वनपरिक्षेत्र के छपराटोला में बालक सुरेश घायल।
- 3 जनवरी- जनकपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम सिंगरौली में उमा बाई बैगा की मौत।
- 15 जनवरी- जनकपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम कुंवारी में रमदमन बैगा की मौत।
एक बच्चा भी घायल हुआ था
इससे पहले 11 दिसम्बर 2022 को इसी तेंदुए ने कुंवारपुर के गोधौरा में एक महिला पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। दूसरी घटना 24 दिसम्बर को कुंवारपुर के छपराटोला में हुई। उस वक्त तेंदुआ 8 साल के बच्चे को अपने जबड़े में फंसाकर ले जा रहा था। मगर दीवार फांदने के वक्त बच्चा उसके जबड़े से छूट गया और बच्चा बच गया था। वहीं तेंदुआ भाग निकला था। 3 जनवरी को सिंगरौली में भी तेंदुए ने एक महिला को मार डाला था। इसके बाद तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन अलग-अलग लोकेशन पर पिंजरे और ट्रेस करने के लिए कैमरा लगाया गया था और आखिरकार तेंदुए को पकड़ने में सफलता हासिल हो गई।