Thursday, April 25, 2024
Homeसरगुजासरकार में अलग-अलग सुर: मंत्री सिंहदेव ने कहा- सूरजपुर के चार गांवों...

सरकार में अलग-अलग सुर: मंत्री सिंहदेव ने कहा- सूरजपुर के चार गांवों के ग्रामीणों को गांव में ही दिलाएंगे सुविधाएं; एक दिन पहले CM ने दूसरी जगह बसाने को कहा था…

बैजनापट गांव में ग्रामीणों से बात करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव खुद पहुंचे। उन्होंने वहीं सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया।

  • सूरजपुर जिले के दूरस्थ पहाड़ों में बसेे गांवों को नहीं मिल पाती बिजली, पानी,राशन की सुविधा
  • दुस्वारियों से परेशान होकर गांव से नीचे जंगल में उतर आए हैं गांव के 50-60 परिवार

रायपुर/ छत्तीसगढ़ में जनसमस्याओं को लेकर सरकार के बीच अलग-अलग एप्रोच दिखने लगा है। एक दिन पहले बुनियादी सुविधाओं से वंचित सूरजपुर जिलेे के चार गांवोें को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दूसरी जगह बसाने को कहा था। अगले दिन वहीं पहुंचे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कह दिया कि ग्रामीणों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। दो महीने के भीतर पहाड़ों पर बसे उनके गांव में सरकार की ओर राशन और पानी की व्यवस्था कर दी जाएगी। अगर ऐसा नहीं हो पाता तो वे अपने पैसे से गांव में राशन-पानी पहुंचाएंगे।

दरअसल सूरजपुर की मोहली ग्राम पंचायत के चार गांव बैजनपाट, लुल्हभुण्डा, तेलाईपाट और दुधनिया दूर पहाड़ी में बसे हैं। यहां तक कोई सड़क नहीं जाती। पंचायत से 12-13 किमी दूर होने की वजह से उनको राशन ले जाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव में पीने का पानी भी अब नहीं है। ऐसे में गांव के 50-60 परिवार अपना घर-बार छोड़कर नीचे उतर आए हैं। वे पिछले 4 जनवरी से पहाड़ की तराई में बसे गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में आने वाले कोल्हुआ जंगल में रह रहे हैं। इन गांवों में अधिकतर संरक्षित जनजाति पण्डो के लोग हैं। इन चारों गांव की सम्मिलित आबादी एक हजार के करीब है।

शुक्रवार को विधायक रजवाड़े ने मुख्यमंत्री से की थी मुलाकात

भटगांव विधायक और संसदीय सचिव पारसनाथ रजवाड़े इनकी समस्या को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले थे। मुख्यमंत्री ने गांव को दूसरी जगह बसाने को लेकर अपनी सहमति दे दी। उन्होंने विधायक पारसनाथ रजवाड़े को ही इन चारों गांव के लोगों से बात कर दूसरी जगह बसने की सहमति लेने की जिम्मेदारी सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा था, ग्रामीणों की सहमति मिल जाने के बाद वहीं आसपास कोई उपयुक्त स्थान चिन्हित कर लिया जाए, ताकि पण्डो परिवारों को सड़क, बिजली, पानी और आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पारसनाथ रजवाड़े पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव से मिलने पहुंच गए। वहां भी उन्हाेंने यह समस्या बताई। अगले दिन पारसनाथ राजवाड़े को साथ लेकर टीएस सिंहदेव हेलिकाप्टर से बैजनपाट पहुंच गए। वहां उन्होंने ग्रामीणों से बात की। उनको भरोसा दिलाया कि उनको बुनियादी सुविधाएं उनके ग्राम पंचायत में ही मिलेंगी। उन्होंने कहा कि PDS का लाभ, पेयजल ये दोनों व्यवस्थाएं शीघ्र ही ग्राम पंचायत में शुरू कर दी जाएंगी।

सिंहदेव ने कहा- दो महीने बाद यही स्थिति रही तो अपने खर्चे पर मूल जरूरतों को करूंगा पूरा

सिहंदेव ने कहा, यदि 2 महीने बाद यही स्थिति बनी रही तो मैं स्वयं अपने खर्चे पर राशन-पानी जैसी मूल जरूरतों को पूरा करूंगा। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कहा कि गांव छोड़कर आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। यह जमीन आपके पूर्वजों द्वारा अर्जित है, आपको यहीं रहना है। आप लोगों तक सरकारी योजना का फायदा पहुंचे, शासन-प्रशासन पहुंचे, समस्याओं का निदान हो यह सब जल्द होगा। टीएस सिंहदेव के आश्वासन के बाद जंगल में उतर आए परिवार भी गांव में वापस लौट गए हैं।

विधायक बोले- ग्रामीणों की तरफ से अलग-अलग बात आ रही थी

क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा, CM साहब ने वहां के लोगों को दूसरी जगह बसाने की सहमति लेने के निर्देश दिए थे। जो लोग गांव छोड़ चुके थे, वे चाहते थे उन्हें दूसरी जगह बसाया जाए। लेकिन गांव में अधिकतर लोग वहीं सुविधाएं दिलाने की मांग कर रहे थे। उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री के साथ हम लोग वहां गए। ग्रामीणों से बात की। सुविधाओं के लिए पूरा रोड मैप उनके सामने रखा। अब गांव वाले संतुष्ट हैं।

अगले कुछ महीनों में यह करने का वादा

संसदीय सचिव और विधायक पारसनाथ रजवाड़े ने बताया, वहां सड़क और पुलिया बनाने के लिए वहीं 1.60 करोड़ के काम की मंजूरी दे दी गई। इसमें से 60 लाख रुपए DMF से दिए जाएंगे। इसके लिए गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व को नोडल एजेंसी बना दिया गया है। राशन पहुंचाने का इंतजाम हाेगा। पानी के लिए अभी क्रेडा की मदद से दो बाेर को चालू किया गया है। नीचे से पानी लिफ्ट कर पहुंचाने पर भी विचार चल रहा है। सड़क बन जाएगी तो बड़ी मशीनों से गांव में बोर कर नलजल सुविधा भी दी जाएगी। ग्रामीणों को आवास बनाने की सुविधा भी मिलेगी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular