छत्तीसगढ़ के जांजगीर थाने के ASI का रिश्वत लेते हुए वीडियो सामने आया है। इसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है।
- सड़क हादसे में बच्ची के घायल होने की FIR होने पर 23 जनवरी को पुलिस ने जब्त किया था ट्रक
जांजगीर/ रिश्वतखोरी को लेकर जांजगीर में छत्तीसगढ़ पुलिस का अलग ही चेहरा सामने आया है। आरोप है कि एक ASI ने जब्त ट्रक छोड़ने की एवज में 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। इस ट्रक को एक बच्ची के एक्सीडेंट मामले में पकड़ा गया था। इसका वीडियो भी सामने आया है। इसमें ASI कहा रहा है कि SP, ASP और पूरे स्टाफ को मैनेज करना पड़ता है। इसके बाद SP पारुल माथुर ने सोमवार को एक ASI आरपी बघेल को सस्पेंड कर दिया है।
दरअसल, अक्टूबर माह में हुई सड़क हादसे की एक FIR के संबंध में जांजगीर थाना पुलिस ने 23 जनवरी को ट्रक को जब्त कर लिया और थाने ले आए। जिस समय ट्रक जब्त किया गया, उसमें 12 लाख रुपए का चना भरा हुआ था। इस पर चना खराब हो जाने के डर से भिलाई के ट्रक मालिक ने विवेचना अधिकारी ASI आरपी बघेल से जल्द कोर्ट में चालान पेश कर उसे छोड़ने के लिए कहा। आरोप है कि इसके एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई।
कहा- 60 परसेंट ऊपर जाता है, 40 परसेंट बाकी सब में बंटता है
इस दौरान किसी ने थाने में हो रहे इस लेनदेन का वीडियो शूट कर लिया। इसके बाद इसे वायरल कर दिया गया। करीब 7.49 मिनट के इस वीडियो में ASI बघेल बता रहे हैं कि चालान के लिए किसको और उनको कितनी रकम देनी होगी। उन्होंने किसी से मोबाइल पर बात की और फिर कहा कि 60 परेसेंट ऊपर जाता है, 40 परसेंट सब में बंटता है। साथ ही यह भी कहा कि SP, ASP को मैनेज करना पड़ता है, यह काम TI करते हैं, बाकी नीचे को मैं मैनेज करता हूं।
हादसे के बाद ट्रक लेकर थाने पहुंच गया था चालक
जांजगीर में 12 सितंबर को ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी ट्रक के पिछले पहिये की चपेट में आकर एक बच्ची घायल हो गई थी। लोगों के डर से ड्राइवर ट्रक लेकर थाने पहुंच गया। FIR दर्ज नहीं होने पर पुलिस ने ट्रक छोड़ दिया था। 4 अक्टूबर को बच्ची के परिजनों ने FIR दर्ज करा दी। जिस पर पुलिस ने 23 जनवरी को ट्रक जब्त कर लिया था। लेनदेन का वीडियो सामने आने के बाद SP पारूल माथुर ने ASI बघेल को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही TI की भूमिका भी की जांच की जा रही है।
घायल बच्ची का काटना पड़ा है एक पैर
ASI बघेल ने खुद बताया कि हादसे में घायल हुई बच्ची का एक पैर भी काटना पड़ा है। बच्ची एक आर्मी जवान की बेटी है। वह अमृतसर में तैनात है और अपनी पत्नी और बेटी को छोड़कर गया था। हादसे के बाद उसने कर्ज लेकर किसी तरह बच्ची के इलाज का इंतजाम किया था। हालांकि बघेल किसी भी लेनदेन से इनकार करता है। उसका कहना है कि जो रुपए लिए गए वह वकील के लिए थे। ट्रांसपोर्टर ने कहा था कि मैं भिलाई से आया हूं तो किसी को नहीं जानता।