Saturday, April 27, 2024
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ठगों को दिल्ली से पकड़ लाई पुलिस: 9वीं पास युवक देशभर में चला रहा था रिटायर्ड कर्मचारियों के ठगने का गैंग, रायपुर के बुजुर्ग को फंसाकर खुद फंसा…

पुलिस ने बताया कि इन बदमाशों से जुड़े दूसरे लोगों पर भी जल्द ही कार्रवाई करने की तैयारी है।

  • गुढ़ियारी थाने में एसबीआई के रिटायर अफसर ने की थी अपने साथ हुई ठगी की शिकायत
  • खुद को कर्मचारी भविष्य निधि के अफसर बताकर लेते थे लोगों झांसे में, फिर बीमा की रकम दिलाने के नाम पर करते थे ठगी

रायपुर/ रायपुर पुलिस ने रिटायर्ड कर्मचारियों को ठगने वाले दो बदमाशों को दिल्ली से पकड़ा है। इस गैंग का सरगना प्रेम कुमार 9वीं पास है। अपने साथी धर्मेंद्र के साथ मिलकर ये अपना गैंग चला रहा था। मंगलवार को ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस इन्हें रायपुर लेकर आई। इन बदमाशों के काम करने के तौर-तरीकों को लेकर कई हैरान कर देते वाले खुलासे हुए हैं।

रायपुर के गुढ़ियारी थाने में एसबीआई के मुख्य प्रबंधक पद से रिटायर हुए ज्ञान सिंह नाम के बुजुर्ग अफसर की शिकायत की वजह से इन तक पुलिस पहुंच पाई। रायपुर के ज्ञान सिंह ने इन बदमाशों ने 2 लाख 58 हजार रुपए की ठगी की थी। देश के लगभग हर राज्य में कई लोगों से इसी तरह ये लाखों रुपए वसूल चुके हैं। इस संबंध में भी पुलिस पूछताछ कर रही है।

हाइटेक कॉल सेंटर और फर्जी बीमा कंपनी
रायपुर के बुजुर्ग बैंक कर्मचारी को ठगों ने खुद को पीएफ का अफसर बताया। कहा कि हम दिल्ली हेड ऑफिस से बोल रहे हैं। अपने कर्मचारी बीमा ग्रुप इंश्योरेंस की 13 लाख की रकम देनी है। बुजुर्ग इनकी बातों में आ गए । इन्हें विश्वास में लेकर अलग-अलग प्रोसेसिंग फीस बताकर ठगों ने 2 लाख 58 हजार रुपए ले लिए। 15 से 20 दिन पहले इस मामले की शिकायत बुजुर्ग ने गुढ़ियारी थाने में की थी। इसके बाद पुलिस ने केस की छानबीन शुरू की।

बुजुर्ग ने जिन खातों की जानकारी दी उनकी जांच में कुछ भी पता नहीं चला क्योंकि दस्तावेज फर्जी थे। किसी और के डॉक्यूमेंट लगाकर खाते खुलवाए गए थे। मगर पुलिस को एक बात समझ आई कि ठगों की लोकेशन दिल्ली की है। रायपुर पुलिस की टीम 1 हफ्ते तक दिल्ली में ही रही। वहां पुलिस को इनके एक कॉल सेंटर के बारे में पता चला। वहां कुछ लोगों को काम पर रखकर ठग पूरा रैकेट चला रहे थे। इसी तरह खुद को दिल्ली के सरकारी अफसर बताकर ठगी की जा रही थी। टीम ने रेड मारकर प्रेम और उसके साथी धर्मेंद्र को पकड़ लिया। दोनों रायपुर में ठगी की बात कबूली। दोनों शातिर बिहार के रहने वाले हैं।

ठगों के पास से एक दर्जन बैंकों के एटीम कार्ड और कैश 1 लाख रुपए मिले हैं।

ठगों के पास से एक दर्जन बैंकों के एटीम कार्ड और कैश 1 लाख रुपए मिले हैं।

ऐसे काम करता था गैंग
पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि बड़ा गैंग बनाकर इस तरह के गिरोह काम करते हैं। इनके कुछ साथी ग्रामीण या कम पढ़े लिखे लोगों के असली दस्तावेज हासिल करते हैं। फर्जी बैंक एजेंट बनकर उनके खाते खुलवा दिया करते थे। लोगों के दस्तावेजों के जरिए बिना उनकी जानकारी के भी कई बैंकों में इनके खाते खोल लिया करते थे। ठगी के बाद बैंक से रुपए निकालने वाली टीम भी अलग है। जो चालाकी से रुपए अपने पास रख लेती थी। लोगों को कॉल करने का काम अलग टीम करती थी।

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