Thursday, March 28, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुरपूर्व IAS ओपी चौधरी ने PSC को कटघरे में खड़ा किया…बोले- मुन्नाभाई...

पूर्व IAS ओपी चौधरी ने PSC को कटघरे में खड़ा किया…बोले- मुन्नाभाई जैसा हो गया है हाल….

  • 105 सवाल के विलोपति करने पर भी उठाये सवाल…..दुनिया कहां से कहां पहुंच गयी और पीएससी अपने को कहां ले जा रहा पता नहीं….मंत्री चौबे ने दिया जवाब

रायपुर । पीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी का पेंच अब सियासी पेचदगियां में उलझ गया है। बीजेपी अब खुलकर इस मामले में पीएससी चेयरमैन और राज्य सरकार को घेर रही है। युवा बीजेपी नेता और पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी, पूर्व भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा और भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष मोहित साहू ने प्रेस कांफ्रेंस कर गड़बड़ी मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। ओपी चौधरी ने कहा कि सहायक प्राध्यापक परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़िया हुई है, जिसकी विस्तार से जांच की जानी चाहिये।

मुन्नाभाई जैसा हो गया है हाल 

ओपी चौधरी ने कहा कि जिस तरह से सहायक प्राध्यापक परीक्षा में गड़बड़ी की बातें सामने आ रही है, उसे देखकर ये लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में भी “मुन्ना भाई” आ गया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले पीएससी ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि कुछ भी गड़बड़ी नहीं हुई है। सारे लोगों के बयान लिये गये हैं। उन्होंने इस जांच पर ही सवाल उठाये हैं। ओपी चौधरी ने कहा कि किसी पर आरोप लगे, तो वो खुद ही जांच कर ले और अपने को क्लीन चिट दे दे, ये कैसी जांच है। इसलिए इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिये।

105 सवालों को विलोपित करने पर उठाये सवाल

भाजपा नेताओं ने प्रेस कांफ्रेस में आरोप लगाया कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में अलग-अलग विषयों के कुल 105 सवालों को विलोपित किया गया है। आरोप ये भी है कि दर्जन भर प्रमाणिक रिफरेंस को आयोग ने नजरअंदाज किया गया, नहीं तो विलोपित प्रश्नों की संख्या 200 से अधिक हो जाती। ओपी चौधरी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में सवालों का विलोपित होना किसी भी तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

वार्षिक कैलेंडर क्यों नहीं होता जारी 

ओपी चौधरी ने कृषि विभाग की परीक्षा अन्य परीक्षाओं का हवाला देते हुए बताया कि उन परीक्षाओं में भी 150 प्रश्नों में 14 प्रश्नों को विलोपित किया गया, करीब 10 प्रतिशत प्रश्नों को विलोपित किया जाना अच्छी बात नहीं हो सकती। ओपी चौधरी ने पीएससी परीक्षा का वार्षिक कैलेंडर जारी नहीं करने को लेकर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एक परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक दूसरी परीक्षा की प्रक्रिया को शुरू नहीं करना चाहिये।

इसी विज्ञापन में सभी सहायक प्राध्यापकों की रिक्तियां हो शामिल

ओपी चौधरी ने पीएससी और राज्य सरकार से मांग की है कि प्रदेश में जितने भी असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद खाली है, उन सभी पदों की रिक्तियों को इसी विज्ञापन में समाहित करें, ताकि लेट लतीफी की वजह से जो बच्चे ओवर एज होंगे, उनके साथ नाइंसाफी नहीं हो।

पीएससी करता है हठधर्मिता 

ओपी चौधरी ने प्रेस कांफ्रेस में ये भी भी आरोप लगाया कि दावा आपत्ति में अभ्यर्थी स्टैंडर्ड बुक लेकर जाते हैं, वो किताबों को रेफरेंस देते हैं, लेकिन जो मॉडल आंसर जारी होता है, उसके बाद दावा आपत्ति में परीक्षार्थियों के रिफरेंस को तवज्जो नहीं दी जाती है। हारकर परीक्षार्थियों को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ता है। प्रेस कांफ्रेस में एक सवाल का उदाहरण देते हुए ओपी चौधरी ने कहा कि परीक्षा में सवाल पूछा गया कि तातापानी कहां, मॉडल उत्तर में सूरजपुर बताया गया, जबकि सही जवाब बलरामपुर होना था। ऐसी कई भूल सामने आयी थी।

पीएससी की कारगुजारी से युवा हताश

ओपी चौधरी ने प्रेस काँफ्रेंस में कहा कि रायगढ़ का एक 21 साल का लड़का, जो पीएससी की तैयारी कर रहा था, उसकी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गयी। पीएससी की कार्यशैली की वजह से प्रदेश के कई युवा हताश और निराश है, कई बच्चों के साथ आज विकट परिस्थिति पैदा हो गयी है। उन्होंने पीएससी के पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि एडमिट कार्ड डाउनलोड करने से लेकर अन्य सिस्टम में बड़े पैमाने पर गड़बड़िया है, जिसे दूर नहीं करने से बच्चों को बेहद परेशानी होती है।

भाजपा के सवाल पर सरकार के प्रवक्ता और सीनियर मंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब दिया है। रविंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा शासनकाल में 2003 से पीएससी में गड़बड़ियों का सिलसिला शुरू हुआ था, जिसका जवाब आज तक बीजेपी नहीं दे पायी है। रविंद्र चौबे ने कहा कि जो आरोप लगाये जा रहे हैं, उसकी जांच पीएससी की तरफ से की जा रही है। परीक्षाएं अभी हुई है, इस पूरे आरोपों की जांच की जा रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular