बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में करीब दो माह पहले शुरू हुई देश की सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन पर छठवीं बार पथराव कर दिया गया। इस बार रायपुर और बिलासपुर रेल मंडल से लगी सीमा दाधापारा के पास पथराव किया गया है। पत्थरबाजी से कोच सी-9 के विंडो का शीशा टूट गया है। घटना के बाद आरपीएफ की टीम मामले की जांच में जुट गई है। इधर, लगातार हो रही घटना से ट्रेन में सफर करने वाले यात्री भी दहशत में है।
बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली हाईटेक ट्रेन वंदेभारत में पत्थरबाजी की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते रविवार को दोपहर यह ट्रेन नागपुर से बिलासपुर के लिए रवाना हुई थी। देर शाम ट्रेन बिलासपुर स्टेशन से पहले दाधापारा स्टेशन से पार हुई थी। तभी करीब 7.15 बजे ट्रेन में जोरों की आवाज आई। इसके बाद यात्री घबरा गए। पता चला कि एसी कोच के सी-9 के 20 नंबर सीट के पास विंडो का शीशा टूट गया। पता चला कि ट्रेन में बदमाशों ने पथराव किया है, जिसके कारण कांच टूट गए।
ट्रेन में पथराव के बाद दहशत में आए यात्री।
ट्रेन रोककर ली तलाशी
ट्रेन के टकराने की जोरदार आवाज आने के बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। ट्रेन में सवार रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने आसपास तलाशी ली, तब पता चला कि ट्रेन में पथराव किया गया है। लेकिन, अंधेरा होने के कारण कोई नजर नहीं आया। जवानों ने इस घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। लगातार हो रही इस तरह की घटना से अफसर भी सकते में आ गए।
आरपीएफ की टीम ने तीन संदेहियों को पकड़ा
दाधापारा स्टेशन के पास हुई घटना के बाद आरपीएफ की टीम ने जांच के दौरान तीन संदेहियों को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि तीनों लड़के ट्रेन के गुजरते समय वहां देखे गए थे। उनका नाम सामने आने के बाद आरपीएफ की टीम उन्हें पकड़ कर पूछताछ कर रही है।
वंदेभारत ट्रेन में लगातार हो रही पत्थरबाजी।
छठवीं बार हुई घटना, हाईटेक ट्रेन के 9 विंडो के शीशे क्षतिग्रस्त
वंदे भारत एक्सप्रेस में पत्थरबाजी की लगातार घटना सामने आ रही है। ट्रेन के शुरू होने के पहले जब रैक चेन्नई से पहली बार बिलासपुर आई तो पहली बार पथराव हुआ था। उस समय रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद ट्रेन शुरू होने के महज सप्ताह भर के भीतर फिर से पथराव कर दिया गया था। इस बार भिलाई स्टेशन के पास पत्थरबाजी हुई, जिससे विंडो का शीशा टूट गया। आरपीएफ ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। लेकिन, अब तक पत्थरबाजों को नहीं पकड़ पाई है। फिर तीसरी बार जनवरी में ही दुर्ग-भिलाई स्टेशन में पथराव किया गया। पिछले सप्ताह 30 जनवरी को महाराष्ट्र के कामठी स्टेशन के पास पथराव किया गया था। लगातार हो रहे पथराव से अब तक ट्रेन के 9 विंडो के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसे अब तक बदला नहीं गया है और उसमें टेप चिपकाकर काम चलाया जा रहा है।
महाराष्ट्र के कामठी स्टेशन के पास ट्रेन में हुआ था पथराव।
पथराव रोकने आरपीएफ का अभियान, लेकिन बेअसर
वंदेभारत ट्रेन में लगातार हो रही पत्थरबाजी की घटना को रोकने के लिए आरपीएफ की रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों को समझाइश देने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है। जिस जगह पर पथराव हो रहा है, वहां पहुंचकर आरपीएफ की टीम बच्चों के पेरेंट्स को समझाइश दे रही है। लेकिन, इसके बाद भी ट्रेन में पत्थरबाजी की घटना नहीं थम रही है और आरपीएफ की समझाइश का लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा है।
हाईटेक में बाहरी सुरक्षा का अभाव
इस हाईटेक ट्रेन में अंदरूनी सुरक्षा को लेकर एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। कोच के अंदर की गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी के साथ ही सेंसर भी लगाए हैं। लेकिन, जिस तरह से बाहर से पत्थरबाजी हो रही है, उस पर नजर रखने के लिए सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। हाई स्पीड इस ट्रेन में सीसीटीवी कैमरा लगा है। लेकिन, बाहरी गतिविधियों की निगरानी नहीं हो पा रही है। अफसरों का कहना है कि जब ट्रेन अपनी रफ्तार में चलती है, तब बाहरी गतिविधियां कैमरे में कैप्चर नहीं हो पाती। ऐसे में ट्रेन की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ के अफसर भी परेशान हैं।