Saturday, April 20, 2024
Homeबिलासपुर14वें वित्त आयोग की राशि में गबन: पंचायत सचिव के फर्जी हस्ताक्षर...

14वें वित्त आयोग की राशि में गबन: पंचायत सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर 7.29 लाख रुपए की निकाली राशि; मस्तुरी के पूर्व CEO सहित 6 के खिलाफ FIR दर्ज…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित मस्तुरी जनपद पंचायत के तत्कालीन प्रतिनिधियों के खिलाफ गबन की FIR दर्ज कराई गई है। - Dainik Bhaskar

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित मस्तुरी जनपद पंचायत के तत्कालीन प्रतिनिधियों के खिलाफ गबन की FIR दर्ज कराई गई है।

  • जनपद CEO के आदेश पर सहायक लेखा अधिकारी ने पचपेड़ी थाने में दर्ज कराया मामला
  • उप संचालक बिलासपुर की जांच में दोषी पाए जाने के बाद कार्रवाई के दिए गए थे निर्देश

बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित मस्तुरी जनपद पंचायत में 14वें वित्त आयोग की राशि का फर्जी हस्ताक्षर कर गबन किया गया। इसके जरिए बैंक से 7.29 लाख रुपए से ज्यादा की राशि निकाली गई। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद मस्तुरी जनपद के तत्कालीन CEO सहित 5 पंचायत प्रतिनिधियों और चांपा के एक ट्रेडर्स के खिलाफ पचपेड़ी थाने में दर्ज कराई है। जनपद CEO के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

सहायक लेखा अधिकारी गायत्री गुप्ता की ओर से दर्ज कराई गई FIR में जिला पंचायत बिलासपुर में RGSA सहायक प्रबंधक विजय जायसवाल, तत्कालीन जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीआर जोगी, तत्कालीन कोकड़ी ग्राम पंचायत सरपंच डिलेश कुमार पटेल, ग्राम पंचायत हरदाडीह के सचिव रामनारायण सूर्यवंशी, मस्तुरी जनपद पंचायत के शाखा प्रभारी सुरेश कुमार कुंभज और मेसर्स गायत्री ट्रेडर्स चांपा का नाम शामिल है।

पंचायत सचिव ने की थी फर्जीवाड़े की शिकायत, जांच में सही मिली
पंचातय प्रतिनिधि की ओर से बताया गया कि ग्राम पंचायत कोकड़ी के सचिच इतवारी राम खुटे के साइन से एक्सिस बैंक के खाते से 7,29,500 रुपए निकाले गए। इसकी शिकायत इतवारी खुटे ने की थी। इस पर उपसंचालक पंचायत बिलासपुर ने जांच की और शिकायत सही पाई गई। इसके बाद रामनारायण सूर्यवंशी और सुरेश कुमार कुंभज के बयान हुए। इससे पता चला कि मेसर्स गायत्री ट्रेडर्स चांपा को इस राशि का ऑनलाइन भुगतान किया गया।

ऑनलाइन भुगतान के बाद कंप्यूटर से मिटाया गया ट्रांजेक्शन
दोनों गवाहों ने जांच के दौरान बताया कि इसमें संबंधित आरोपी शामिल थे। उन्होंने ट्रेडर्स को भुगतान के बाद ट्रांजेक्शन की सारी डिटेल कंप्यूटर से डिलीट कर दी। यह सारी कवायद पूर्व सरपंच डिलेश कुमार पटेल को फायदा पहुंचाने के लिए की गई। महीनों चली जांच के बाद यह सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इसके बाद जनपद पंचायत ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए FIR दर्ज कराने के आदेश दिए।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular