- मिलेट्स की खेती में होने वाली दिक्कतें और उनके समाधान पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी
रायपुर: राजधानी के नेताजी सुभाष स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय मिलेट्स कार्निवाल के अंतिम दिन ‘छत्तीसगढ़ में मिलेट के उभरते व्यापार को बढ़ावा देने में सरकार एवं उद्योगों की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी का संचालन आईआईएम नवा रायपुर के डायरेक्टर प्रो. राम कुमार कंकानी और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. हुलास पाठक ने किया। संगोष्ठी में समर्पण नेचुरल की एमडी श्रीमती कविता देवी, फार्मर्स नेटवर्क छत्तीसगढ़ के प्रमुख श्री अजित सिंह, अविनाश फूड्स के एमडी श्री प्रागनंद, नभिता इंजीनियरिंग के संस्थापक श्री बी. रघु, जिनी मिलेट्स के सेल्स ऑफिसर श्री एन नरेश ने उपरोक्त विषय पर परिचर्चा की।
परिचर्चा में अपनी बात रखने वाले सदस्यों ने मिलेट्स की खेती और उनमें आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों को मिलेट्स की खेती में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसमें आधुनिक मशीनों का अभाव, मजदूरों की कमी, मौसम में बदलाव जैसे कारण प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि कृषि अभियांत्रिकीकरण के जरिए इसका समाधान काफी हद तक किया जा सकता है। वर्तमान समय में आधुनिक कृषि उपकरण एवं मशीनें उपलब्ध है, जिनकी मदद से मिलेट्स की खेती को आसान बनाने के साथ ही लागत को भी कम किया जा सकता है।
फार्मर्स नेटवर्क के श्री अजित सिंह ने बताया कि अगले पांच सालों में मिलेट्स का उत्पादन दोगुना हो जाएगा। मिलेट्स उत्पादन के क्षेत्र में अब युवा अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है। अब उत्पादक के साथ-साथ फाइनेंस सेक्टर और व्यापारी मिलेट्स को बढ़ावा देने आगे आ रहे है। उत्पादकों को नई सुविधाएं मिले, इसके लिए शासन स्तर पर विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। मिलेट्स उत्पादक किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, इसके लिए छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर इसकी खरीदी भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स के फायदे के बारे में लोगों को जानकारी न होने की वजह से अभी मिलेट्स का खान-पान में कम उपयोग हो रहा है। किसान और युवा नए तरीकों से खेती की तरफ अग्रसर हो रहे है। नए स्टार्टअप लेने वालों को तकनीकी सुविधाएं देकर उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मौसम के अनुसार काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए किसानों के लिए नए ऐप और वेबसाइट बनाए गए है, जिससे कि उन्हें मिलेट्स के संबंध में सारी जानकारियां मिल सके। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग सेक्टर पर काम किया जा रहा है ताकि इसका प्रचार-प्रसार हो और आने वाले समय में सुचारू रूप से यह बाजार में उपलब्ध हो सके।
मिलेट्स अम्मा के रूप में पहचाने जाने वाली गृहिणी से उद्यमी के रूप में स्थापित हुई श्रीमती कविता देवी बताती है कि बच्चे देश का भविष्य है। हमें मिलेट्स के महत्व को उन्हें समझाने के साथ-साथ उनके खाने में शामिल करने की जरूरत है। वे बताती है कि उन्होंने पहले टेरिस गार्डन शुरू किया था। अब वे पाटन में मिलेट्स की खेती कर रही है। अब उन्हें लोग मिलेट्स अम्मा के नाम से जानते और पहचानते है।