Bilaspur: बिलासपुर में कबाड़ दुकान के गोदाम में रोलर मशीन, कार और ट्रक समेत अन्य गाड़ियों को काटकर कबाड़ बनाने का गोरखधंधा चल रहा है। पुलिस ने एक कबाड़ गोदाम में छापेमारी की तब गैस कटर मशीन से बड़ी-बड़ी गाड़ियों को काटकर कबाड़ बनाया जा रहा था। इस कार्रवाई में पुलिस ने 11 टन लोहा के साथ ही तीन गैस कटर, 15 सिलेंडर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला सिरगिट्टी थाना क्षेत्र का है।
नए एसपी संतोष सिंह के आने के बाद पुलिस की टीम सक्रिय हो गई है। शहर में जुआ-सट्टा के साथ ही नशे का कारोबार और कबाड़ दुकान संचालकों को निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल, एसपी संतोष कुमार ने उन्हें अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में सिरगिट्टी पुलिस ने महामाया दालमिल के सामने स्थित कबाड़ गोदाम में दबिश दी, जहां गाड़ियां और मशीन काटी जा रही थी।
पुलिस ने कबाड़ द़कान संचालक सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस पहुंची, तब कट रही थी बड़ी-बड़ी गाड़ियां
पुलिस की टीम कबाड़ गोदाम में पहुंची, तब दुकान संचालक के सामने उनके कर्मचारी बेखौफ होकर रोलर मशीन, कार, ट्रक के इंजन, डामर बिछाने वाली मशीन सहित अन्य गाड़ियों को काटकर कबाड़ बनाने में लगे थे। पुलिस ने मौके से चार आरोपियों को पकड़कर उनसे पूछताछ की और दस्तावेज मांगे। लेकिन, उनके पास कोई कागजात ही नहीं था। लिहाजा, चोरी के संदेह पारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
कार को काटकर बना रहे थे कबाड़।
सिरगिट्टी में कई दुकान व गोदाम, पहली बार हुई कार्रवाई
सिरगिट्टी इलाके में करीब आधा दर्जन कबाड़ दुकान और बड़े गोदाम है। लेकिन, पहले कभी ऐसी कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने कबाड़ गोदाम से खपरगंज के मोहम्मद शाहिद (34) पिता मोहम्मद समीर, तिफरा के यदुनंदन नगर स्थित कैलाश विहार निवासी मजहर खान (32) पिता युनुस, चिंगराजपारा के मोहन विश्वकर्मा (35) पिता विष्णु और जरहाभाठा मिनी बस्ती के पवन महिलांगे (25) पिता रामलाल को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इस गोदाम पुलिस ने पहली बार छापेमारी की है।
किसी भी वाहन के नहीं मिले दस्तावेज।
पुलिस के संरक्षण में चलता है काम
बताया जा रहा है कि कबाड़ दुकान में इस तरह से अवैध कारोबार पुलिस के संरक्षण में चलता है। पुलिस की सेटिंग से ही कबाड़ दुकान संचालक इस तरह से चोरी का माल खपाते हैं और काटकर कबाड़ बना देते हैं। इसमें थानेदार से लेकर पुलिस अफसर भी शामिल रहते हैं। यही वजह है कि सरकंडा से लेकर सिविल लाइन, कोतवाली, तोरवा सहित अन्य इलाकों में कबाड़ का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है।